सेहत – असली खाने के साथ शामिल करें ये सब्जी, नहीं होगी पानी की कमी, शुगर लेवल कंट्रोल, जानें और चमत्कारी फायदे

अजमेर. ओरेकल में मिले रोल वाली मूली में एक खास जगह है। इसे असल में लोग बड़े पैमाने पर प्रभावित करते हैं। मूली में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी, स्ट्रैट, नियासिन, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी 6, फोलेट, आयरन, मैगनीज, आयरन पाया जाता है। असली में मूली का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही चमत्कारी साबित हो सकता है। मूली में काफी मात्रा में कैल्शियम और साइंटिफिक हार्ट डिजीज की संभावनाएं दूर तक बनी रहती हैं।

मुली फोलेट, विटामिन बी 6, सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में हैं। आयुर्वेद में मूली के उपचार का प्रयोग पेट ऐलिटिकल चैलेंज में किया जाता है। मूली पाचन क्रिया भी सही ढंग से होती है। शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए अगर मूली का सेवन किया जाए तो इससे शरीर में पानी की कमी की समस्या नहीं होती है और शरीर को प्राकृतिक रूप से बनाए रखने में मदद मिलती है।

मधुमेह के लिए पागल
मूली में पर्याप्त मात्रा में मात्रा मौजूद होती है। साथ ही इसमें मौजूद तत्व वसीयत को नियंत्रित करने का काम भी किया जाता है। मूली ग्लूकोज़ उच्चतम नहीं है, इसके कारण यह डायबिटीज़ पुतली के लिए भी अच्छी है।

शुरुआत के लिए बेहतर
मूली में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं। इससे किडनी को भी टॉक्सिंस फ्लश आउट करने में मदद मिलती है।

मूली खाने का सही समय
आयुर्वेद के अनुसार मूली का सेवन खाली पेट नहीं करना चाहिए। रात में मूली खाने से बचना चाहिए। मूली को दो घंटे का समय खाना सबसे अच्छा माना जाता है।

उदाहरण के लिए जिम्मेदार होना
आयुर्वेद में बताया गया है कि ठीक तरह से भूख न लगने पर उन्हें मूली खाने से जिम्मेदारी लेनी चाहिए क्योंकि ऐसी स्थिति में गैस्ट्रिक इंडेक्स बढ़ सकता है। अगर किसी का पेट सुखता है तो उसे भी मूली नहीं खानी चाहिए।

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।


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