दुनियां – कौन है हाफिज गुल? जिसे कभी पाकिस्तान ने बताया था अच्छा तालिबान, अचानक पाक आर्मी के लिए बना काल – #INA
बुधवार को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी हाफिज गुल बहादुर संगठन ने ली है. हाफिज गुल बहादुर वो संगठन है जिसे कभी पाकिस्तान सरकार ‘गुड तालिबान’ बताती थी, क्योंकि तब यह संगठन पाकिस्तान के खिलाफ हमले नहीं करता था.
लेकिन पाकिस्तान का ‘गुड तालिबान’ अचानक ‘बैड तालिबान’ में बदल गया है. अब हाफिज गुल बहादुर संगठन के हमलों का टारगेट पाकिस्तानी सेना के जवान हैं. बुधवार को हुए आतंकी हमले में पाक सेना के 12 जवानों की मौत हो गई और कई घायल हो गए.
कौन है हाफिज गुल बहादुर?
इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाला संगठन हाफिज गुल बहादुर, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का सहयोगी है. संगठन का लीडर आतंकी हाफिज गुल बहादुर का जन्म 1961 में उत्तरी वजीरिस्तान में हुआ था. हाफिज गुल ने अपनी पढ़ाई पाकिस्तान के मुल्तान में स्थित एक देवबंदी मदरसे से की है. यह अफगानिस्तान के हक्कानी नेटवर्क के साथ भी जुड़ा हुआ है और ऐसा कहा जाता है कि गुल बहादुर संगठन उत्तरी वजीरिस्तान इलाके में हक्कानी गुट के लिए ग्राउंड लेवल पर बेस बनाता है. साल 2007 के अंत में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के गठन के बाद हाफिज गुल को आतंकी घोषित किया गया था.
हाफिज गुल के निशाने पर पाक आर्मी
मार्च 2024 में भी इस संगठन का नाम तब सामने आया जब एक हमले में पाकिस्तानी सेना के 2 अधिकारियों समेत 7 जवानों की मौत हो गई. इस हमले के बाद पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान में एयरस्ट्राइक की जिसमें हाफिज गुल बहादुर संगठन से जुड़े कमांडर समेत 7 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया था.
‘गुड’ से ‘बैड’ तालिबान में कैसे बदला संगठन?
बहादुर संगठन के साथ पाकिस्तान सरकार ने 2006 में एक शांति समझौता किया था हालांकि बीच-बीच में इस समझौते का उल्लंघन होता रहा और आखिरकार 2014 के अंत तक यह पूरी तरह से खत्म हो गया. दरअसल पाकिस्तानी सेना ने उत्तरी वजीरिस्तान में एक बड़ा सैन्य ऑपरेशन चलाया था जिसे ‘जर्ब-ए-अज्ब’ के नाम से जाना जाता है. बहादुर समूह ने इस ऑपरेशन को शांति समझौते का उल्लंघन बताया, जिसके बाद 2006 का शांति समझौता खत्म हो गया.
पाकिस्तानी सेना के इस ऑपरेशन में हाफिज गुल बहादुर संगठन को काफी नुकसान पहुंचा, विश्लेषकों का कहना है कि ऑपरेशन ‘जर्ब-ए-अज्ब’ के दौरान गुल बहादुर संगठन के कई लोग और उनके रिश्तेदार मारे गए, पाकिस्तानी सेना के अंधाधुंध हमलों ने भले ही तब इस संगठन को कमजोर दिया था लेकिन यह पहले से अधिक खूंखार हो गया. ऐसा माना जाता है कि यहीं से पाकिस्तान का गुड तालिबान अचानक बैड तालिबान में बदल गया और पाकिस्तानी सरकार और सेना को भी अपना दुश्मन मानने लगा.
आतंकवाद के खिलाफ अभियान से आक्रोश
पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में पिछले कुछ महीनों में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है. सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल की पहली तिमाही में इन घटनाओं में 90 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है. दरअसल पाकिस्तानी सेना कुछ समय से इन इलाकों में मौजूद आतंकी गुटों के खिलाफ अभियान चला रही है, जिससे आतंकी समूहों में आक्रोश है. यही वजह है कि अचानक पाकिस्तान में आतंकी हमले बढ़े हैं और खास तौर पर इन हमलों में पाक सेना के जवानों को निशाना बनाया जा रहा है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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