सेहत – असम्बद्ध रूप से परिवर्तनशील पदार्थों का स्टाइल, आयुर्वेदिक तरीकों से रखा गया शरीर को गर्म, कुछ नहीं अलग-अलग परहेज

कोरबा. आयुर्वेद में प्रत्येक ऋतु के अनुसार शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के उपाय बताए गए हैं। ठंड में भी कुछ पुराने तरीकों का पालन करके पूरी तरह से स्वस्थ रहा जा सकता है। इस विषय को लेकर हमने आयुर्वेद चिकित्सक नागेंद्र नारायण शर्मा से बातचीत की…

आयुर्वेद चिकित्सक नागेंद्र नारायण शर्मा ने लोक 18 को बताया कि बाकी अन्य मौसमों के लिए ठंड का मौसम स्वास्थ्य के लिए बेहद अच्छा होता है। आयुर्वेद में भी इस विषय में बताया गया है कि ठंड के समय में हमारी पाचन शक्ति बहुत अच्छी होती है। लेकिन असल में हम अपनी शैली को बदल देते हैं जिससे स्वयं के शरीर को नुकसान पहुंचता है और बीमार हो जाते हैं। आयुर्वेद में बताए गए कुछ पुराने का पालन कर आप भी ठंड के मौसम का आनंद ले सकते हैं।

1. आलसपन को दूर करें
ठंड के दिनों में व्यक्ति के शरीर में कुछ हद तक आराम मिलता है। ऐसे में आपको कफ और वात की समस्या का सामना करना पड़ सकता है इसलिए ठंड के दिनों में आलसपन से बचाव करें।

2. तेल की मालिश जरूरी
ठंड के दिनों में शरीर पर तेल की मालिश बेहद जरूरी है। सुबह संस्थान से पहले तिल के तेल या सरसों के तेल का उपयोग कर शरीर की मालिश करनी चाहिए।

3. धूप लेना भी जरूरी है
आयुर्वेद में ठंड के दिनों में धूप लेना भी बेहद जरूरी बताया गया है। तेल से मालिश के बाद वनस्पति धूप में 5-10 मिनट तक मालिश करनी चाहिए और फिर स्नान करना चाहिए।

4. खाने में गरम मसाला का उपयोग
ठंड के दिनों में शरीर को गर्म रखने के लिए आयुर्वेद में बताए गए उपायों में सबसे आसान उपाय यह है कि ठंड के दिनों में शरीर को गर्म रखने के लिए अदरक काली मिर्च का इस तरह के आहार में उपयोग किया जा सकता है।

5. चावल खाने के नियम भी बनायें
ठंड के दिनों में चावल से कफ की बढ़ोतरी होती है ऐसे में चावल से थोड़ा सा सहना पड़ता है। चावल खाना हो तो दिन के समय खाया जा सकता है लेकिन अगर रात को खाया जाए तो इसमें अदरक, काली मिर्च, लौंग, दालचीनी, तेजपत्ता जैसे गरम मसाला का इस्तेमाल करें…

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।


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