दुनियां – कश्मीर मुद्दा ब्रिटिश संसद में उठाऊंगा… कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार ने किसे लिखा ये लेटर? – #INA

ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार मार्को लोंघी को समुदायों को विभाजित करने की कोशिश के लिए भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने ब्रिटिश पाकिस्तानी/कश्मीरी समुदाय के मतदाताओं को कैपेंन अभियान पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने दावा किया गया था कि वह कश्मीर के लोगों पर सरकारी अत्याचार को लेकर हमेशा भारतीयों के खिलाफ बोलने में सबसे आगे रहे हैं.
पत्र में उन्होंने पूछा कि क्या उनकी लेबर ब्रिटिश भारतीय सिख प्रतिद्वंद्वी सोनिया कुमार संसद में कश्मीर के लिए बोलेंगे. पत्र में उनका उपनाम कुमार बड़े अक्षरों में और हाईलाइट किया है. उन्होंने लिखा है मैं यह फैसला आप पर छोड़ता हूं अगर आप मुझे वोट देंगे तो मैं संसद में कश्मीर के लिए अपनी आवाज बुलंद करूंगा और संसद में कश्मीरियों के लिए खड़े होने में सबसे आगे रहूंगा. ये वादा करता हूं.
लोंघी पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप
लोंघी जो पहली बार 2019 में चुने गए थे अब अपने इस पत्र को लेकर उन्हें भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. फ्रेंड्स ऑफ इंडिया सोसाइटी इंटरनेशनल यूके ने भारत की क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देने, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और धार्मिक आधार पर मतदाताओं को खुश करने के लिए उनकी कड़ी निंदा की. उनकी चारों तरफ आलोचना हो रही है.
लोंघी को तत्काल बर्खास्त करने की मांग
लेबर इंडियंस के अध्यक्ष कृष रावल ने लोंघी को तत्काल बर्खास्त करने का आह्वान किया है. उन्होंने डुडले में समुदायों को बांटने और शासन करने की के लिए लोंघी की विभाजनकारी रणनीति की निंदा की. उन्होंने कहा कि यह देखना काफी निराशाजनक है कि एक भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी में भारत विरोधी नस्लवाद को फैलने दिया. वहीं लीसेस्टर ईस्ट के लेबर उम्मीदवार राजेश अग्रवाल ने कहा कि यह मुस्लिम और हिंदू समुदायों के लिए अपमानजनक है. इसके साथ ही हिंदू फॉर लेबर ने कहा कि लोंघी पत्रक ने कंजर्वेटिव पार्टी के असली रंग को उजागर कर किया है. जिसमें कहा गया हमें खुशी है कि हमारे पाकिस्तानी और मुस्लिम सहयोगी हमारे साथ खड़े हैं.

STATEMENT FROM RAJESH AGRAWAL
“This is a shameful attempt to divide communities and is offensive to both muslim and hindu communities. There should be zero tolerance of the dog-whistle politics Mr Longhi is engaged in. (1/2) pic.twitter.com/gwtY5VzFxE
— Rajesh Agrawal (@RajeshAgrawal) June 17, 2024

लोंघी ने अपने पत्र का किया बचाव
हालांकि चौतरफा आलोचना का शिकार हुए लोंघी ने अपने पत्र का बचाव करते हुए कहा कि वह सिर्फ कश्मीरी समुदाय का समर्थन कर रहे थे. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो हो रहा है उससे वह काफी चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि वह विभाजन को बढ़ावा देने की कोशिश नहीं कर रहे थे.
लोंघी के बयान की चौतरफा आलोचना
वहीं लेबर चुनाव उम्मीदवार सोनिया कुमार ने का कहना है कि वह अपने कंजर्वेटिव प्रतिद्वंद्वी द्वारा ब्रिटिश पाकिस्तानी मतदाताओं को भेजे गए विभाजनकारी पत्र से निराश और स्तब्ध हैं. उन्होंने कहा कि अस्वीकार्य हैं कि वह अपनी विरासत के कारण अपने सभी मतदाताओं के लिए खड़ी नहीं होंगी. वहीं कंजर्वेटिव प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन और भारत के बीच गहरा और ऐतिहासिक जड़ों वाला एक मजबूत द्विपक्षीय संबंध है. ब्रिटेन के प्रधान मंत्री को भी अपने परिवारों के भारत के साथ मजबूत संबंध पर गर्व है, और वह यह सुनिश्चित करने की उम्मीद करते हैं कि ब्रिटेन को निकट सहयोग का लाभ मिले.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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