दुनियां – भारत के मामलों में दखल देने वाले इस मुस्लिम देश के ‘दम’ पर चलता है इजराइल – #INA

अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ही में पाकिस्तान के दौरे पर गए थे. यहां पर उन्होंने कश्मीर को लेकर बयान दिया. उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के रुख का समर्थन किया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों की बात की. उन्होंने भारत का बिना नाम लिए आरोप लगाया कि कश्मीरियों के अधिकारों का अनदेखी और उल्लंघन हो रहा है. अजरबैजान मुस्लिम मुल्क है. ये वो देश है जिसके संबंध भारत से अच्छे रहे हैं, लेकिन कश्मीर के मुद्दे पर वो पाकिस्तान के साथ खड़ा होता दिखा है.
अजरबैजान के रिश्ते भारत के सबसे अच्छे दोस्तों में शुमार इजराइल से भी अच्छे हैं. अजरबैजान और इजराइल की गहरी दोस्ती का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि इजराइल की इकोनॉमी अजरबैजान के दम पर ही चलती है. अजरबैजान तुर्की, मिस्र, बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन, कोसोवो, मोरक्को, अल्बानिया और अन्य पूर्व सोवियत गणराज्यों के साथ इजराइल के साथ द्विपक्षीय, रणनीतिक और आर्थिक संबंध विकसित करने वाले बहुसंख्यक मुस्लिम देशों में से एक है.
1992 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए
18 अक्टूबर 1991 को अजरबैजान आजाद हुआ. दिसंबर 1991 को इजराइल ने औपचारिक रूप से अजरबैजान की स्वतंत्रता को मान्यता दी. 7 अप्रैल 1992 को इजराइल ने अजरबैजान के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए. अजरबैजान में लगभग 30,000 यहूदी रहते हैं. ये मुख्य रूप से अजरबैजान की राजधानी बाकू में निवास करते हैं. अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने एक बार इजराइल के साथ अपने देश के रिश्ते की तुलना एक हिमखंड से की थी.
दिसंबर 2016 में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बाकू की आधिकारिक यात्रा की थी. इस दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इजराइल और अजरबैजान के बीच उत्कृष्ट संबंध और मधुर मित्रता है. इस साल फरवरी में अजरबैजान के राष्ट्रपति अलीयेव ने इजराइली राष्ट्रपति से मुलाकात की थी.
अजरबैजान को हथियार देता है इजराइल
इजराइल-हमास युद्ध में अजरबैजान मजबूती से इजराइल के साथ खड़ा है. अजरबैजान वो देश है जो इजराइल को तेल देता है. वहीं, इजराइल से उसे हथियार मिलता है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिसर्च के अनुसार, 2011 से 2020 तक अजरबैजान के प्रमुख हथियारों के आयात में इजराइल का हिस्सा 27 प्रतिशत था.
यही नहीं इजराइल की कई कंपनियों ने अजरबैजान में निवेश किया है. 2000 और 2005 के बीच इजराइल अजरबैजान का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजराइल को 40 प्रतिशत तेल अजरबैजान से मिलता है. 2020 में अजरबैजान और इजराइल के बीच व्यापार लगभग 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर था.
इजराइल ने की थी मदद
आर्मेनिया और अजरबैजान की जंग में इजराइल ने अपने हथियारों और तकनीकी क्षमता से अजरबैजान की मदद की थी. इजराइल द्वारा दिए गए सहयोग से अजरबैजान को नागोर्नो-कराबाख पर कब्जा जमाने में सफलता हासिल हुई. अजरबैजान के नागोर्नो कराबाख पर आक्रमण से ठीक पहले अजरबैजानी मिलिट्री कार्गो प्लेन कई बार दक्षिणी इजराइल के मिलिट्री बैस से हथियार लेकर अजरबैजान की राजधानी बाकू या फिर नागोर्नो कराबाख के पास स्थित गाजा सिटी पहुंचे थे.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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