दुनियां – लेबनान में सैन्य अभियान और नसरल्लाह की मौत से इजराइल ने क्या संदेश दिया? – #INA
हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद भी लेबनान पर इजराइल के हवाई हमले जारी हैं. इजराइली सेना, लेबनान में काफी आक्रामकता और तेज़ी के साथ सैन्य अभियान को अंजाम दे रही है. यही वजह है कि महज 10 दिन में ही इजराइल ने हिजबुल्लाह की पूरी टॉप लीडरशिप को खत्म कर दिया है.
लेबनान में जारी सैन्य ऑपरेशन और हिजबुल्लाह चीफ को मार गिराने के बाद इजराइल अब हूती विद्रोहियों को निशाना बना रहा है, यानी संकेत साफ हैं कि किसी भी दुश्मन को बख्शा नहीं जाएगा. मिडिल ईस्ट में जारी ये संघर्ष अलग-अलग मोर्चों पर इजराइल के युद्ध लड़ने की क्षमता बस को प्रदर्शित नहीं करते हैं बल्कि उसने इसके जरिए कई बड़े संदेश दिए हैं.
पहला: दुश्मन कहीं भी हो उसे मार गिराने की ताकत
इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में दी गई स्पीच में कहा था कि ऐसी कोई जगह नहीं जहां इजराइल पहुंच न सके, इसके कुछ ही देर बाद इजराइली सेना ने उनके इस दावे को पूरा भी कर दिखाया.
इजराइल ने हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर में ही उसके चीफ हसन नसरल्लाह को मार गिराया. इस हमले के करीब 2 महीने पहले ही तेहरान में राजकीय मेहमान बनकर पहुंचे हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत के लिए भी इजराइल को ही जिम्मेदार ठहराया गया था. इसके अलावा हिजबुल्लाह कमांडर फुवाद शुक्र हो या हमास के अल-कस्साम ब्रिगेड चीफ मोहम्मद दाइफ इजराइल ने आसानी से चुन-चुन कर अपने दुश्मनों का खात्मा कर दिया.
दूसरा: गाज़ा में नहीं रुकेगी जंग
नेतन्याहू ने गाजा जंग को लेकर साफ कर दिया है कि जब तक हमास के लड़ाके सरेंडर नहीं कर देते तब तक गाजा में लड़ाई जारी रहेगी. अमेरिका, कतर और मिस्र की मध्यस्थता में कई दौर की बातचीत के बावजूद गाजा में सीजफायर को लेकर सहमति नहीं बन पाई है. लेबनान में इजराइली हमलों के बाद अब इसकी गुंजाइश भी कम ही नज़र आती है.
8 अक्टूबर को जब इजराइल ने गाजा में हमास के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया था तभी से हिजबुल्लाह ने नॉर्थ इजराइल में हमले शुरू कर दिए थे, हिजबुल्लाह का कहना है कि जब तक इजराइल गाजा में हमले नहीं रोकता तब तक वो इजराइल को निशाना बनाता रहेगा, लेकिन अब जब इजराइल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ लेबनान में भी गाजा जैसी कार्रवाई शुरू कर दी है तो इससे संदेश साफ है कि फिल्हाल यह जंग रुकने वाली नहीं है.
तीसरा: ईरान के प्रॉक्सी गुटों पर अटैक बढ़ेंगे
गाजा में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह के बाद अब इजराइल ने यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ भी हमले शुरू कर दिए हैं. इजराइल ने साफ कर दिया है कि वह ईरान और उसके प्रॉक्सी गुटों को अब और ज्यादा बर्दाश्त नहीं करेगा. इससे साफ है कि आने वाले दिनों में ईरान के प्रॉक्सी गुटों के खिलाफ इजराइल की कार्रवाई और तेज़ होगी.
इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने UNGA में ईरान समर्थित गुटों की ओर से 7 मोर्चों पर हमले का जिक्र किया था, यानी अब इन सभी मोर्चों पर मौजूद दुश्मन के खिलाफ इजराइल कार्रवाई कर सकता है. यमन में शुरू किए गए हवाई हमले इसी का हिस्सा मालूम पड़ते हैं.
चौथा: ईरान की गीदड़भभकी का असर नहीं
गाजा में जंग की शुरुआत से ही ईरान इजराइल की कार्रवाई की आलोचना करता रहा है, तेहरान में इस्माइल हानिया की मौत के बाद ईरान ने इजराइल से बदला लेने की धमकी भी दी थी. लेकिन ईरान की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. उधर हानिया की मौत के करीब 2 महीने बाद ही इजराइल ने ईरान के चहेते और शिया नेता हसन नसरल्लाह को भी मार गिराया.
यानी ईरान की कोरी धमकियों से इजराइल को कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है. इजराइल एक-एक कर अपने दुश्मनों और ईरान के करीबियों को निपटाता जा रहा है, लेकिन ईरान की ओर से अब तक सिर्फ बयानबाजी ही देखने को मिली है. उसने सैन्य या कूटनीतिक तौर पर ऐसा कोई भी फैसला नहीं लिया जिससे इजराइल को कोई नुकसान पहुंचा हो.
पांचवां: इजराइल में सरकार विरोधियों को जवाब
नेतन्याहू और उनकी सेना ने लेबनान में की गई कार्रवाई से महज ईरान और उसके समर्थित गुटों को ही संदेश नहीं दिया है बल्कि इजराइल के अंदर मौजूद सरकार विरोधियों के लिए भी यह करारा जवाब माना जा रहा है.
हमास के कब्जे से इजराइली बंधकों को अब तक छुड़ाया नहीं जा सका है, इसके चलते इजराइल में नेतन्याहू सरकार के खिलाफ विरोध और नाराजगी बढ़ती जा रही थी, वहीं सरकार में शामिल बेन ग्वीर जैसे दक्षिणपंथी नेता भी लगातार नेतन्याहू पर हमलावर थे. विपक्षी नेता बार-बार आरोप लगा रहे थे कि नेतन्याहू स्थिति को संभालने में नाकाम साबित हो रहे हैं, लेकिन लेबनान में महज 10 दिनों की कार्रवाई में ही हिजबुल्लाह की टॉप लीडरशिप को खत्म करने के बाद नेतन्याहू सरकार ने विरोधियों की जुबान बंद कर दी है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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