दुनियां – पाकिस्तान: संवैधानिक संशोधनों से पहले पीटीआई का 12 सांसदों से संपर्क टूटा, मसौदे को कैबिनेट से मिली मंजूरी – #INA
संवैधानिक संशोधन से पहले पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने अपने 12 सांसदों से संपर्क खो दिया है, जिनमें 2 सीनेटर और नेशनल असेंबली (एमएनए) के 10 सदस्य शामिल हैं. पार्टी के सूत्रों के मुताबिक विपक्षी नेता उमर अयूब ने पुष्टि की है कि उनका 7 सांसदों से संपर्क टूट गया है, जबकि पीटीआई अध्यक्ष बैरिस्टर गोहर ने कहा है कि उनका 2 सीनेटरों से संपर्क टूट गया है.
इन विधायकों में जैन कुरैशी, जहूर कुरैशी, असलम घुमन, उस्मान अली, रियाज फत्याना, मुख्तार हुसैन, चौधरी इलियास, औरंगजेब काछी, मुराद जीशान खान और अनीका मेहदी शामिल हैं. इससे पहले पीटीआई की राजनीतिक समिति ने घोषणा की थी कि वह दोनों सदनों में संवैधानिक संशोधनों के लिए मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार करेगी.
संवैधानिक संशोधन के विरोध में PTI
आधिकारिक बयान के अनुसार समिति ने नेशनल असेंबली और सीनेट के पीटीआई सदस्यों के खिलाफ विरोध करने का भी फैसला किया जो मतदान प्रक्रिया में भाग लेते हैं. पीटीआई राजनीतिक समिति का कहना है कि जिस समूह ने जनादेश पर कब्जा कर लिया है, उसके पास संविधान को बदलने के लिए नैतिक, लोकतांत्रिक और संवैधानिक औचित्य का अभाव है.
संवैधानिक संशोधन के पक्ष में मतदान
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने चिंता व्यक्त की कि उसके दो सीनेटर पार्टी की नीति के खिलाफ संवैधानिक संशोधन के पक्ष में मतदान कर सकते हैं. पार्टी के अध्यक्ष बैरिस्टर गौहर खान ने कहा कि यह पता चला है कि पार्टी के दो सीनेटर जरका तैमूर और फैसल सलीम पार्टी की नीति के खिलाफ मतदान करेंगे.
दोनों सदनों में पेश किया जाएगा मसौदा
इस बीच रविवार को संवैधानिक पैकेज के मसौदा को औपचारिक रूप से कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. इसके बाद संविधान संशोधन के प्रस्ताव को दोनों सदनों में आज पेश किया जाएगा. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तरार के साथ मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के प्रस्तावों को मसौदे में शामिल किया गया है. मंत्री ने बताया कि उन्होंने संघीय मंत्रिमंडल को संवैधानिक संशोधन पर गहन चर्चा के बारे में अवगत कराया. उन्होंने कहा कि कैबिनेट की बैठक में सहयोगी दलों का रुख भी रखा गया है.
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
Source link