दुनियां – इस शिया मुल्क में सुन्नी नेताओं का बढ़ा कद, डिप्टी प्रेसीडेंट और गवर्नर के तौर पर हुई नियुक्ति – #INA

दुनिया की सबसे ज्यादा शिया मुस्लिमों की आबादी ईरान में रहती है. कुछ महीने पहले जब मसूद पेजेश्कियान की सरकार बनी तो उनकी कैबिनेट में एक भी सुन्नी मंत्री शामिल नहीं था, लेकिन दुनियाभर के मुसलमानों के लिए आवाज उठाने का दावा करने वाला ईरान अब अपनी भूल सुधारने जा रहा है.
राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान की सरकार ने 2 सुन्नी राजनेताओं की नियुक्ति का ऐलान किया है. ईरान सरकार की प्रवक्ता फातिमा मोहजरानी ने बताया है कि 44 साल के सुन्नी नेता अब्दुलकरीम हुसैनजादेह को ग्रामीण विकास और वंचित क्षेत्रों के डिप्टी प्रेसीडेंट के तौर पर नियुक्त किया गया है.
बलूच समुदाय के पहले गवर्नर हैं मंसूर बिजार
वहीं सुन्नी बलूच नेता मंसूर बिजार को पेजेश्कियान कैबिनेट ने दक्षिण-पूर्वी सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत का गवर्नर नियुक्त किया है. 50 साल के मंजूर बिजार ईरान के पहले सुन्नी बलूच गवर्नर हैं. उनकी नियुक्ति ऐसे समय में की गई है जब सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में हुए हमले में 10 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई जिसकी जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश अल-अदल ने ली है.
सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत अफगानिस्तान और पाकिस्तान सीमा से लगता हुआ इलाका है, और यह ईरान के सबसे गरीब क्षेत्रों में से एक है.इससे पहले ईरान ने 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से पहली बार सितंबर में कुर्दिश्तान प्रांत के लिए सुन्नी गवर्नर की नियुक्ति की थी.
पेजेश्कियान के डिप्टी होंगे सुन्नी नेता हुसैनजादेह
वहीं ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने ग्रामीण विकास और वंचित क्षेत्रों के डिप्टी प्रेसीडेंट के तौर पर 2 महीने पहले ही अब्दुलकरीम हुसैनजादेह को अपने डिप्टी के तौर पर चुना था लेकिन वह पहले से ईरानी सरकार का हिस्सा थे जिसके चलते वह अपने नए पद के लिए काम नहीं कर पा रहे थे. पहले संसद सदस्यों ने उनकी नियुक्ति को यह कहते हुए रोक दिया था कि उनकी क्षमता और अनुभव के चलते वह हुसैनजादेह को विधानमंडल में ही रखना चाहते हैं लेकिन बुधवार को आखिरकार उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया.
संसद ने स्वीकार किया हुसैनजादेह का इस्तीफा
बुधवार को ईरान की संसद में हुसैनजादेह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया, इसके पक्ष में 156 वोट पड़े तो वहीं खिलाफ 69 वोट पड़े. इसके अलावा पिछले हफ्ते पेजेश्कियान सरकार ने मोहम्मद रेजा मवलिजादेह को दक्षिणपूर्वी खुजेस्तान प्रांत का पहला अरब गवर्नर नियुक्त किया था, इस राज्य में अरब अल्पसंख्यकों की काफी आबादी रहती है.
बता दें कि ईरान में सुन्नी, बलूच और अरब समुदाय की आबादी अल्पसंख्यक है. शिया बहुल देश में महज 10 फीसदी सुन्नी रहते हैं. ऐसे में पेजेश्कियान सरकार का ये फैसला सभी वर्गों को साधने के तौर पर देखा जा रहा है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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