दुनियां – ईरान-इजराइल के बीच हमले केवल ट्रेलर थे, जानें दोनों देशों का क्या है असली मिशन – #INA

ईरान पर इजराइल के हमले का बदला कैसा होगा, ईरान कितनी ताकत से प्रहार करेगा, इन अटकलों के बीच अमेरिका को सीक्रेट जानकारी मिल गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान 4 हजार मिसाइलों से इजराइल को तबाह करने की कोशिश करेगा और ये हमला किसी भी वक्त हो सकता है. दूसरी तरफ इजराइल भी थमने वाला नहीं है, अब इजराइल अपने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के घर पर हुए हमले का बदला लेने वाला है. नेतन्याहू ने ईरान के तमाम एटमी ठिकाने को भस्म करने का प्रण लिया है. अमेरिका से इस मिशन के लिए बेहद ताकतवर बम आ रहे हैं.
दुनिया के सबसे बड़े पावर सेंटर, सबसे आधुनिक खुफिया तंत्र ने इजराइल को आगाह कर दिया है. अलर्ट है ये है 24 घंटे में ईरान से 4000 हजार मिसाइलों का तूफान आने वाला है. 1 अक्टूबर को दुनिया ने इजराइल पर ईरान का ये हमला देखा. 25 दिन बाद दुनिया ने इजराइल का ये बदला देखा. लग रहा था कि अब इंतकाम की आग ठंडी पड़ जाएगी. हिसाब बराबर मान लिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है.
दोनों देशों का मिशन बहुत बड़ा
लेटेस्ट न्यूज से अंदाजा हो रहा है कि ये दोनों हमले एक महायुद्ध का ट्रेलर है. ईरान और इजराइल में हो रही बैठकों का नतीजा सामने आ चुका है. अरब युद्ध के आरंभ का भय और बढ़ चुका है. असली जंग तो अब शुरू होगी क्योंकि इस बार बात सिर्फ इंतकाम तक सीमित नहीं है. अब दोनों देशों का मिशन बहुत बड़ा हो चुका है.
पेंटागन की सीक्रेट रिपोर्ट के मुताबिक, खामेनेई ने इजराइल पर हमले का हुक्म दिया है. ईरान ट्रू प्रॉमिस थ्री की तैयारी कर रहा है. 4000 मिसाइल से हमला किया जा सकता है. इजराइल के हमले के बाद से ही ये दावे किए जा रहे हैं कि ईरान इजराइल पर हमला कर सकता है, लेकिन बात यहीं तक सीमित नहीं है, ऐसी ही तैयारी इजराइल में भी चल रही है और इजराइल का अगला हमला एक खास मकसद के साथ होने वाला है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल अब नेतन्याहू के घर पर हुए हमले का बदला लेगा. इजराइली कैबिनेट ने ईरान पर हमले को मंजूरी दे दी है. इजराइल ने ईरान पर हमले की तैयारी शुरू कर दी है. इस बार इजराइल सिर्फ बदले के लिए हमला नहीं करेगा, बल्कि इजराइल अपने सबसे बड़े मिशन को पूरा करेगा. इजराइल ईरान पर इस बार के हमले से बेहद उत्साहित है. ईरान में मिसाइल के कई कारखानों को तबाह करने का दावा किया गया है. उसके मिसाइल कार्यक्रम को भारी नुकसान पहुंचा है. उसको नुकसान की भरपाई करने में बरसों का वक्त लगेगा.
अमेरिका देगा इजराइल को खतरनाक बम
यही वजह है कि नेतन्याहू ने अब ईरान के एटमी मिशन के सर्वनाश का मिशन शुरू करने की सौगंध ली है. उन्होंने फिर दोहराया है कि ईरान को कभी परमाणु शक्ति नहीं बनने दिया जाएगा. अब अमेरिका इजराइल को ऐसे बम देने जा रहा है जिससे जमीन के भीतर मौजूद तमाम एटमी सेंटर को भस्म किया जा सकता है. अब अमेरिका का प्लान आपको बताते हैं. अमेरिका का एक बेहद ताकतवर बम इजराइल पहुंचने वाला है. इस बम का नाम GBU-43/B है. इसे अमेरिका का मदर ऑफ ऑल बम भी कहा जाता है. इसका धमाका 11 टन TNT का होता है. बम का वजन 9800 किलो है. ये जीपीएस से सटीक निशाने पर प्रहार करता है.
अमेरिका का GBU-43/B बहुत भारी बम है, लेकिन इजराइल के पास C-130 Hercules कार्गो विमान है जिससे इस बम को गिराया जा सकता है, लेकिन इसके लिए विमान को ईरान की सीमा में घुसना होगा. इस हमले में ईरान के एयर डिफेंस बड़ी चुनौती होंगे. इस बम से हमले के लिए टारगेट के करीब तक जाना होगा. ये बम GPS से सटीक निशाना लगाकर एटमी ठिकाने को भस्म कर सकता है.
ईरान के एटमी ठिकाने जमीन के भीतर हैं इसलिए ये बम इजराइल को दिया जा रहा है. ये बम जमीन के 200 फीट नीचे जाकर 11 टन का विस्फोट करता है. इसके अलावा अमेरिका GBU-57 बम भी इजराइल को दे रहा है. ये भी बंकर बस्टर बम है. बम 2400 किलो विस्फोटक से धमाका करता है और इसका वजन 13,600 KG है, लेकिन इजराइल के पास B-2 बॉम्बर नहीं है. इसलिए इस बम को F-15 थंडर के जरिए ड्रॉप कराया जा सकता है.
अमेरिका ने यमन में मौजूद अंडरग्राउंड मिसाइल डिपो को नष्ट करने के लिए B-2 बॉम्बर से बम गिराया था. यमन में कामयाबी के बाद ही इजराइल को भी दो घातक बम दिए जा रहे हैं ताकि ईरान का एटमी ठिकाना नष्ट हो सके. अमेरिका लगातार इजराइल की मदद कर रहा है. उसने ही ईराक का सुरक्षित एयरस्पेस दिया. अमेरिका के F-35S फाइटर जेट से हमला किया गया. उसने ही थाड एयर डिफेंस भेजा है और हमले के वक्त अपने युद्धपोत को अलर्ट मोड पर रखा.
इजराइल जल्द करेगा सैनिकों की भर्ती शुरू
इजराइल कितनी बड़ी जंग की तैयारी में है इसका अंदाजा इसी बात से मिल रहा है कि इजराइल में जल्द सैनिकों की भर्ती शुरू होने वाली है. हालात बहुत बदतर हो चुके हैं, कई मोर्चे पर जंग हो रही है, सैनिक जख्मी हो रहे हैं, मारे जा रहे हैं इसलिए हमें और सैनिकों की जरूरत है. इजराइल किसी भी तरह के हमले का सामना करने के लिए तैयार है. अमेरिका से सुरक्षा की गारंटी मिलने के बाद ही लेबनान में ग्राउंड ऑपरेशन की शुरुआत की गई थी. अब ईरान को लेकर भी अमेरिका से पूरा भरोसा मिल चुका है. दूसरी तरफ रूस के भरोसे से ईरान के हौसले बुलंद हैं.
अमेरिका इजराइल के जरिए ईरान का एटमी मिशन रुकवाना चाहता है. ईरान का परमाणु कार्यक्रम अमेरिका के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. अमेरिका बिना जंग में कूदे ईरान में भारी तबाही लाना चाहता है. दूसरी तरफ मिडिल ईस्ट को लेकर रूस की अपनी प्लानिंग है. अमेरिका ने इजराइल को थाड एयर डिफेंस दिया तो रूस ईरान में S-400 की तैनाती करवा दी है. एक अनुमान के मुताबिक, ईरान के करीब अमेरिका के 65 हजार सैनिक मौजूद हैं. एयर बेस पर अमेरिकी फाइटर जेट और बॉम्बर मौजूद हैं. पेंटागन से ऑर्डर रिलीज होते ही ईरान को अमेरिकी बेस से अटैक का सामना करना पड़ेगा, जबकि दूसरी तरफ रूस खुद युद्ध के लिए नॉर्थ कोरिया से सैनिक मांग रहा है. ऐसे हालात में वो ईरान के लिए क्या कर सकेगा ये बड़ा सवाल है.
ब्यूरो रिपोर्ट, TV9 भारतवर्ष

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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