दुनियां – इजराइली हमलों के बीच गाजा में एक और आसमानी आफत, संकट में 23 लाख आबादी – #INA
इजराइल के हमले के बीच गाजा के लोगों पर आसमानी आफत भी कहर बरपा रही है. बीते 24 घंटे में इजराइली अटैक में 24 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई और 71 लोग घायल हैं. वहीं इस बीच गाजा में हुई बारिश ने टेंट में रह रहे लोगों की मुसीबतें और बढ़ा दी है.
अक्टूबर 2023 से जारी इजराइल हमले में गाजा की 90 फीसदी से अधिक आबादी विस्थापित हो चुकी है, शहर में न तो कोई सुरक्षित ठिकाना है और न ही खाने की व्यवस्था. ऐसे में रविवार रात हुई बारिश ने गाजा की करीब 23 लाख आबादी को एक नए खतरे में डाल दिया है.
तूफान है या एयरस्ट्राइक, समझ नहीं पाए लोग
गाजा में बीती रात आए तूफान और बारिश ने अपनी ही जमीन पर शरणार्थी बने लोगों के सामने एक नया संकट खड़ा कर दिया है. अल-जज़ीरा से बात करते हुए कुछ परिवारों ने बताया कि पहले तो वह यह नहीं समझ पाए कि तूफान है या एयर स्ट्राइक. लोग इसे सबसे कठिन रात के तौर पर बताते हुए कहते हैं कि इजराइली सेना न केवल शरणार्थी टेंट्स पर हमले करती है बल्कि यहां कई तरह के प्रतिबंध भी हैं.
न सुरक्षित ठिकाना, न गर्म कपड़े
करीब एक साल से लगातार विस्थापन झेल रहे लोगों के पास इस ठंड में न तो कोई सुरक्षित जगह है और न ही गर्म कपड़े. गाजा की आधी से अधिक आबादी टेंट में रहने को मजबूर है, जो कि पिछले साल ठंड में लाए गए थे. यही नहीं रहने के साथ-साथ खाने का संकट भी अब और गंभीर हो चला है. ईंधन और आटे के कमी के कारण बेकरी चल नहीं रहीं और ऐसे में इन लोगों के पास खाने के लिए ब्रेड तक नहीं है.
UNRWA ने दुनिया को चेताया
फिलिस्तीनी शरणार्थियों को राहत पहुंचाने वाली एजेंसी UNRWA का कहना है कि नॉर्थ गाजा में इजराइली घेराबंदी में मौजूद करीब 5 लाख लोगों पर बाढ़ का खतरा है. UNRWA के मुताबिक बारिश की हर एक बूंद, हर एक एयरस्ट्राइक और हर एक बमबारी के साथ फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए हालात और बदतर होते जाएंगे.
In #Gaza, the first rains of the winter season mean even more suffering. Around half a million people are at risk in areas of flooding.
The situation will only get worse with every drop of rain, every bomb, every strike.#CeasefireNow pic.twitter.com/2Kl4MmOt3P
— UNRWA (@UNRWA) November 25, 2024
कैसे सुधरेंगे गाज़ा के हालात?
बीती रात हुई बारिश को लेकर गाजा के एक 37 वर्षीय शख्स रमी ने बताया है कि, ‘हमें आधी रात में ही भागना पड़ा, बारिश का पानी टेंट में घुस गया और सारा खाना बर्बाद हो गया. बच्चे चीख रहे थे और मुझे डर है कि वह बीमार पड़ सकते हैं.’
फिलिस्तीनी सिविल डिफेंस का कहना है कि हजारों शरणार्थी इस सीजनल बाढ़ से प्रभावित हो रहे हैं और उन्हें नए टेंट की जरूरत है. ताजा हालात एक बड़े मानवीय संकट की ओर इशारा कर रहे हैं, अगर तुरंत इसे लेकर कोई उपाय या हस्तक्षेप नहीं किया गया तो हालात और तेजी से बिगड़ सकते हैं.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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