दुनियां – बांग्लादेश के बड़े धार्मिक बैंक पर भी गहराया संकट, छीनने लगा लोगों की नौकरी – #INA
बांग्लादेश के उद्योग-धंधों से लेकर बैंक भी आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. लिक्विडिटी संकट से जूझ रहे देश के एक बड़े धार्मिक बैंक ने सैकड़ों लोगों को नौकरी से निकालने का फरमान जारी कर दिया है. हालांकि बैंक ने इसके पीछे वजह अवैध तरीके से की गई नियुक्ति को बताया है.
1995 में स्थापित बांग्लादेश का सोशल इस्लामी बैंक (SIBL) शरियत के नियमों के आधार पर काम करता है. गुरुवार को अवैध तरीके से नियुक्ति का आरोप लगाते हुए बैंक ने 579 प्रोबेशनरी अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया. SIBL के एचआर डिपार्टमेंट ने इन 579 कर्मचारियों को पत्र भेजकर तत्काल प्रभाव से सेवा समाप्ति की जानकारी दी.
एस आलम ग्रुप पर बड़ा आरोप
SIBL बैंक के अधिकारियों का कहना है कि एस आलम ग्रुप इन लोगों को चट्टगांव के पटिया से अवैध तरीके से भर्ती किया था. इस भर्ती के लिए एस आलम ग्रुप ने न तो नोटिफिकेशन निकाला और न ही कोई भर्ती परीक्षा ली.
नाम न जाहिर करने की शर्त पर बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि वर्तमान में सोशल इस्लामी बैंक में कुल 4750 कर्मचारी काम करते हैं, जिनमें से करीब 1500 कर्मचारी चट्टगांव के हैं. जानकारी के मुताबिक अवामी लीग के करीबी एस आलम ग्रुप ने बैंक में 1300 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति की थी. जिनमें से 579 कर्मचारियों को बैंक ने बर्खास्त कर दिया है उनमें से 570 की भर्ती इसी साल हुई थी वहीं 9 कर्मचारियों को 2023 में भर्ती किया गया था.
अवामी लीग का करीबी है एस आलम ग्रुप
दरअसल एस आलम ग्रुप को अवामी लीग का करीबी माना जाता है, तख्तापलट से पहले बैंक के बोर्ड में इसी ग्रुप का प्रभाव था, लेकिन 5 अगस्त के बाद जब बोर्ड का पुनर्गठन हुआ तो इस ग्रुप के लोगों को हटा दिया गया.
बैंक के एक्टिंग मैनेजिंग डायरेक्टर मोहम्मद फुरकानुल्लाह ने बांग्लादेश के ‘द डेली स्टार’ को बताया है कि, SIBL के नए बोर्ड ने एचआर विभाग में जांच कराई, जिसमें पता चला है कि बर्खास्त किए गए कर्मचारियों को बैंक के सेवा नियमों के खिलाफ जाकर भर्ती किया गया था. साथ ही बिना भर्ती नोटिफिकेशन, इंटरव्यू और परीक्षा के इन लोगों को नौकरी पर रख लिया गया.
ऑपरेशन कॉस्ट में कटौती के चलते फैसला!
फुरकानुल्लाह ने बताया कि प्रोबेशनल कर्मचारियों के नियुक्ति पत्र में यह नियम शामिल है कि बैंक प्रोबेशनल अवधि के दौरान उन्हें बर्खास्त कर सकता है क्योंकि उनका पद स्थायी नहीं था. साथ ही उन्होंने कहा कि बैंक ने ऑपरेशनल कॉस्ट (संचालन लागत) में कटौती करने के लिए भी इन कर्मचारियों की बर्खास्तगी का फैसला लिया है.
दरअसल शरियत (इस्लामी कानून) पर आधारित यह बैंक गंभीर लिक्विडिटी संकट के कारण अपने जमाकर्ताओं का पैसा चुकाने के लिए संघर्ष कर रहा है. माना जा रहा है कि इन अधिकारियों की बर्खास्तगी के पीछे असल वजह आर्थिक संकट है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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