दुनियां – हमास को बड़ा झटका! अमेरिका के दबाव में कतर ने दोहा छोड़ने का दिया आदेश – #INA

इजराइल से जंग के बीच हमास को कतर से बड़ा झटका मिला है. यहां बाइडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि कतर ने अमेरिका के कहने पर लगभग 10 दिन पहले हमास से कहा था कि उसे दोहा में अपना राजनयिक कार्यालय बंद करना होगा. कतर 2012 से दोहा में हमास के अधिकारियों की मेजबानी कर रहा है, जबकि अमेरिकी प्रशासन लगातार अनुरोध करता रहा है कि हमास के साथ बातचीत होना महत्वपूर्ण है.
7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद, अमेरिका ने कतर को सूचित किया कि वह आतंकवादी समूह के साथ सामान्य रूप से व्यापार नहीं कर पाएगा. हालांकि, उसने दोहा से हमास कार्यालय को बंद करने के लिए कहने से परहेज किया, क्योंकि उसने इसे युद्ध विराम और बंधक सौदे की दिशा में बातचीत के लिए महत्वपूर्ण माना.
दोहा में आतंकवादी समूह की उपस्थिति
वहीं पिछले एक हफ्ते तक चली बातचीत स्थायी युद्धविराम या बाकी 101 बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने में विफल रहीं. एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अगस्त के अंत में हमास द्वारा अमेरिकी-इजराइली बंधक हर्श गोल्डबर्ग-पोलिन को पांच अन्य बंधकों के साथ मार डालने और उसके बाद हाल ही में किए गए युद्ध विराम प्रस्तावों को अस्वीकार करने के कारण प्रशासन ने दोहा में आतंकवादी समूह की निरंतर उपस्थिति के संबंध में अपना दृष्टिकोण बदल दिया है. इसे अब स्वीकार्य नहीं माना है.
अमेरिकी साझेदार देशों से हमास की छुट्टी
अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अमेरिका का यह निर्णय हमास के अधिकारियों के खिलाफ अभियोग पत्रों को खोलने के साथ मेल खाता है, जिसमें हमास के एक शीर्ष नेता खालिद मेशाल भी शामिल हैं, जो दोहा में रहता है. एक दूसरे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि, बंधकों को रिहा करने के बार-बार प्रस्तावों को खारिज करने के बाद, इसके नेताओं का अब किसी भी अमेरिकी साझेदार की राजधानियों में स्वागत नहीं किया जाना चाहिए.
अमेरिकी अधिकारी का कहना है कि हमास ने वार्ता में अवास्तविक स्थिति से पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया है, जिसमें वे शर्तें भी शामिल हैं जो गाजा में सत्ता में बने रहने की उसकी क्षमता को प्रभावी रूप से सुनिश्चित करतीं. ऐसा कुछ जिसे अमेरिका और इजराइल कभी स्वीकार नहीं करेंगे.
हमास अधिकारियों का निष्कासन
अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि दो हफ्ते पहले अमेरिका ने कतर से हमास को बाहर निकालने के लिए कहा था. उन्होंने बताया कि दोहा ने इस पर सहमति जताते हुए 28 अक्टूबर के आसपास नोटिस भी दे दिया था. अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि हमास अधिकारियों का निष्कासन वास्तव में कब होगा तथा उन्हें कहां जाने का आदेश दिया जाएगा, इस संबंध में अभी भी विवरण पर काम किया जा रहा है.
आतंकवादी समूह पर अधिक दबाव
अतीत में तुर्की, ईरान, ओमान, लेबनान, अल्जीरिया जैसे संभावित लैंडिंग स्थलों के बारे में चर्चा हुई है; लेकिन जहां तक अमेरिका का सवाल है, इनमें से प्रत्येक के साथ कुछ कमियां भी जुड़ी हैं. अमेरिकी अधिकारी ने जोर देकर कहा कि बाइडेन प्रशासन राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल के अंत से पहले बंधक सौदे को सुरक्षित करने के लिए कई पहलों को जारी रख रहा है और तर्क दिया कि हमास के निष्कासन से आतंकवादी समूह पर अधिक दबाव पड़ेगा. साथ ही वाशिंगटन के पास प्रतिबंध और अन्य उपकरण भी उपलब्ध होंगे.
अपनी ओर से, कतर ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि उसने हमास के अधिकारियों को देश छोड़ने का आदेश दिया है, लेकिन कतर के अधिकारियों ने पिछले साल के दौरान बार-बार कहा था कि वे आतंकवादी समूह को बाहर निकालने के लिए तैयार हैं और ऐसा तभी करेंगे जब वाशिंगटन इसके लिए औपचारिक अनुरोध करेगा.
मध्यस्थ की भूमिका में कतर
अमेरिकी अधिकारी ने जोर देकर कहा कि दोहा ने पूरे संघर्ष में मध्यस्थ के रूप में भूमिका निभाई है. यह स्पष्ट नहीं है कि दोहा आगे क्या भूमिका निभा पाएगा, जब वह हमास नेताओं की मेजबानी नहीं करेगा. कतर को कांग्रेस के रिपब्लिकनों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, जिन्होंने संघर्ष में दोहा की भूमिका की कम सराहना की है. इसमें तर्क दिया है कि इस्लामी खाड़ी राज्य समझौता सुनिश्चित करने के लिए हमास पर अधिक दबाव डाल सकता था. बाइडेन प्रशासन ने बार-बार इस आलोचना का विरोध किया है, क्योंकि उसने गाजा के अलावा कई अन्य संघर्षों में कतर की मध्यस्थता की भूमिका पर भरोसा किया है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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