दुनियां – ट्रंप को अपना दुश्मन क्यों मानता है ईरान? एक दो नहीं, 3 बार हुई हत्या की कोशिश – #INA
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव खत्म हो चुका है. सत्ता में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी भी पक्की हो गई है. ट्रंप ने अभी कार्यभार नहीं संभाला है, लेकिन उनकी जीत के साथ ही मिडिल ईस्ट बारूदी ज्वाला में जलने लगा है. इजराइल और ईरान के बीच टेंशन भी बढ़ चुकी है. किसी भी वक्त दोनों तरफ से महा विध्वंसक प्रहार की आशंका है. इस बीच ट्रंप को लेकर पर बहुत बड़ा खुलासा हुआ है. दावा किया जा रहा है कि ट्रंप का सबसे बड़ा दुश्मन ईरान है. यहां तक ईरान ट्रंप की हत्या की साजिश भी रच चुका है.
अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने खुलासा किया है कि ईरान ने ट्रंप की हत्या की साजिश रची थी. फरहाद शकेरी नाम का शख्स साजिश में शामिल था. फरहाद शकेरी समेत 4 लोगों पर केस दर्ज भी किया गया है. ईरान ने फरहाद को ट्रंप की हत्या का आदेश दिया था. ईरानी सेना के एक अफसर ने फरहाद शकेरी को ट्रंप की हत्या का आदेश दिया था.
फरहाद शकेरी को 5 लाख डॉलर की पेशकश
FBI की ओर से खुलासा किया गया कि सितंबर में ईरान ने ट्रंप की हत्या की साजिश रची थी. IRGC ने फरहाद शकेरी को हत्या का आदेश दिया था. इसके बदले उसे 5 लाख डॉलर की पेशकश की गई थी. इसके अलावा फरहाद शकेरी को प्लान भी बताया गया था. अगर पहला प्लान सफल नहीं हुआ तो चुनाव तक रहने के लिए कहा गया था. ईरान को आशंका थी कि ट्रंप चुनाव हार जाएंगे. ऐसी स्थिति में ट्रंप की हत्या करना आसान हो जाएगा.
एफबीआई ने फरहाद शकेरी से करीब 5 बार पूछताछ की. फरहाद तेहरान में रहने वाला अफगानी नागरिक है. पूछताछ में उसने ईरानी सेना के अधिकारी से मिलने की बात कबूली है. ट्रंप पर अब तक तीन बार हमले हो चुके हैं. तीनों हमले में ट्रंप बाल-बाल बचे. ये तीनों हमले चार महीने के भीतर किए गए.
ट्रंप पर पहला हमला
डोनाल्ड ट्रंप पर पहला हमला उस समय हुआ था जब वो 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे. तीन हमलों में से यह सबसे खतरनाक हमला था जिसमें ट्रंप की जान जाने की पूरी संभावना थी. इस हमले में गोली ट्रंप के कान को छूती हुई निकल गई थी.
दूसरी हमला
ट्रंप पर दूसरा हमला पहले हमले के करीब दो महीने बाद 16 सितंबर को किया गया. यह हमला फ्लोरिडा में हुआ, जहां, ट्रंप गोल्फ खेल रहे थे. पुलिस ने यहां से एक संदिग्ध को पकड़ा था जिसके बाद AK-47 घातक हथियार था. हालांकि, इस हमले में ट्रंप को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ.
तीसरा हमला
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति पर तीसरा हमला उस समय हुआ जब वो 12 अक्टूबर को कैलिफोर्निया में रैली को संबोधित कर रहे थे. उनकी रैली में पुलिस ने एक संदिग्ध को पकड़ा जिसके बाद घातक हथियार थे. जांच में पता चला कि वो ट्रंप पर हमला के लिए रैली वाली जगह पर पहुंचा हुआ था. अब उस सवाल का जवाब भी जान लेते हैं कि आखिर ईरान के टारगेट पर डोनाल्ड ट्रंप क्यों हैं? इसके पीछे मुख्य रूप से तीन वजहें हैं.
ईरान के टारगेट पर ट्रंप क्यों?
पहली वजह:
ट्रंप के पिछले कार्यकाल में कासिम सुलेमानी की हत्या हुई थी
कासिम सुलेमानी की हत्या का आरोप अमेरिका पर लगा था
ईरान ट्रंप से सुलेमानी का बदला लेना चाहता है
दूसरी वजह:
ट्रंप ईरान के एटमी ठिकानों पर हमले के पक्षधर माने जाते हैं
पिछले कार्यकाल में ट्रंप ने ईरान पर सख्ती दिखाई थी
ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए थे
तीसरी वजह:
ईरान-इजराइल तनाव में ट्रंप इजराइल के साथ खड़े हैं
ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में गोलान हाइट्स को मान्यता दी
(टीवी9 ब्यूरो रिपोर्ट)
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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