दुनियां – जहां से खत्म किया था वहीं से शुरू, ट्रंप के ‘सपने’ की दिखने लगी झलक! – #INA
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि वो जंग को रोक देंगे. ट्रंप राष्ट्रपति की कुर्सी पर जनवरी, 2025 में बैठेंगे, लेकिन युद्ध रोकने को लेकर जो उनकी कोशिशें हैं वो रंग लाती दिख रही हैं. ऐसा ईरान और सऊदी अरब के दो बड़े अधिकारियों के बीच हुई मुलाकात के बाद कहा जा रहा है. जानकार इसे मिडिल ईस्ट में तनाव कम करने में अहम कदम के तौर पर देख रहे हैं. दूसरी ओर, 30 महीने से ज्यादा समय से रूस से जंग लड़ी यूक्रेनी सेना ने भी ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद बड़ा ऐलान किया था. उसकी ओर से कहा गया कि वो रूस के कुर्स्क क्षेत्र से अपनी सैनिकों को वापस बुलाएगा. इन दो बड़े घटनाक्रम को डोनाल्ड ट्रंप के सपने की झलक के तौर पर देखा जा रहा है.
सऊदी अधिकारी का ईरान दौरा
सऊदी अरब के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल फय्याद अल-रुवैली हाल में ईरान के दौरे पर गए थे. उन्होंने तेहरान में अपने ईरानी समकक्ष मोहम्मद बकेरी से मुलाकात की. ईरान की मीडिया ने कहा कि उन्होंने रक्षा कूटनीति और द्विपक्षीय सहयोग के विकास पर चर्चा की. ईरानी मीडिया ने कहा कि बकेरी ने पिछले साल सऊदी रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान अल-सऊद के साथ क्षेत्रीय विकास और रक्षा सहयोग पर बात की थी.
मार्च, 2023 में सऊदी अरब और ईरान के बीच राजनयिक संबंध बहाल हुए थे. इसके बाद रुवैली तेहरान की यात्रा करने वाले केवल दूसरे हाई-प्रोफाइल सऊदी अधिकारी हैं. इससे पहले विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान ने जून 2023 में ईरान का दौरा किया था. जानकारों ने कहा कि यात्रा का समय महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह तब हो रहा है जब विभिन्न देश ट्रंप के दूसरे राष्ट्रपति पद के लिए तैयारी कर रहे हैं.
2016 में तोड़ दिए थे संबंध
सुन्नी बहुसंख्यक सऊदी अरब ने 2016 में शिया प्रभुत्व वाले ईरान के साथ संबंध तोड़ दिए थे. जानकारों ने कहा कि सऊदी का अपने शीर्ष सैन्य अधिकारी को तेहरान भेजने का निर्णय संकेत है कि वे पिछले साल शुरू हुई प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध हैं और वे नहीं चाहते कि ट्रंप के रहते ईरान के साथ हाल ही में सुधरते रिश्ते खतरे में पड़ें.
पहले कार्यकाल में ट्रंप के मिडिल ईस्ट के देशों के साथ अच्छे संबंध थे और उन्होंने अरब स्टेट्स और ईरान के कट्टर दुश्मन इजराइल के बीच संबंधों को सामान्य बनाने पर काम किया.
ट्रंप के भाषण के बाद यूक्रेन का ऐलान
इससे पहले चुनाव में जीत के बाद ट्रंप ने कहा था मैं जंग को रोकने का जा रहा हूं. अब कोई जंग नहीं होने देंगे. ट्रंप के इस भाषण के कुछ देर बाद ही यूक्रेन के आर्मी चीफ ने ऐलान किया कि वो रूस के क्षेत्र से अपनी सेना का वापस बुलाएंगे. यूक्रेन ने रूस के जिस क्षेत्र से सेना को वापस बुलाने का ऐलान किया वो कुर्स्क है.
यूक्रेन का दावा है कि कुर्स्क क्षेत्र में रूस ने तीन महीने में 20 हजार से अधिक कर्मियों को खो दिया है. कुर्स्क वो क्षेत्र है जहां पर हाल में उत्तर कोरिया के सैनिक भी रूस के समर्थन में उतरना था. रूस और यूक्रेन के बीच जंग 24 फरवरी, 2022 से चल रही है. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के साथ जंग की शुरुआत हुई थी. इस युद्ध को 31 महीने हो गए हैं. ट्रंप यूक्रेन पर रूस के हमले के लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन पर ठीकरा फोड़ कर चुनाव जीते हैं. इसके अलावा वह NATO पर भी निशाना साधते रहे हैं.
यूक्रेन के इस ऐलान के बाद ही ऐसी खबरें आईं कि डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की. वाशिंगटन पोस्ट में ये खबर छपी थी, जिसे रूस ने खारिज कर दिया. उसकी ओर से कहा गया कि ट्रंप और पुतिन के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है. क्रेमलिन के एक प्रवक्ता ने कहा कि रिपोर्ट शुद्ध काल्पनिक थीं, जबकि ट्रंप की टीम ने बीबीसी को बताया कि वह नवनिर्वाचित राष्ट्रपति की निजी कॉल पर टिप्पणी नहीं करेगी.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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