Political – नायब सिंह सैनी लाडवा सीट जीते, जानिए उनके राजनीतिक सफर के बारे में- #INA

नायब सिंह सैनी लाडवा सीट पर जीते

हरियाणा चुनाव में बीजेपी ने हैट्रिक लगा दी है. इस बार बीजेपी ने 2014 और 2019 से भी बड़ी जीत हासिल करते हुए 48 सीटें जीत ली हैं. हरियाणा में बीजेपी की इस लगातार तीसरी जीत का श्रेय मुख्यमंत्री बदलने के फॉर्मूले को भी दिया जा रहा है. 2024 के मार्च महीने में ही बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को सीएम बनाया था. मनोहर लाल खट्टर जहां पंजाबी थे तो नायब सिंह सैनी ओबीसी परिवार से आते हैं. बीजेपी का शायद यही दांव इस चुनाव में रंग भी लेकर आया.

नायब सिंह सैनी हरियाणा के कुरुक्षेत्र की लाडवा सीट से चुनावी मैदान में थे, जिस पर उन्होंने जीत हासिल कर ली है. उन्होंने कांग्रेस के मेवा सिंह को 16 हजार 54 वोटों से हराया. चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, नायब सिंह सैनी को कुल 70 हजार 177 वोट मिले. वहीं दूसरे नंबर पर रहे मेवा सिंह को 54 हजार 123 वोट मिले.

आइए एक नजर नायब सिंह सैनी के राजनीतिक सफर पर डालते हैं…

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1996 में बीजेपी के साथ जुड़े

नायब सिंह सैनी अंबाला के मिजापुर माजरा गांव से आते हैं. उनका जन्म 25 जनवरी 1970 को एक ओबीसी परिवार में हुआ. उनकी शिक्षा की बात करें तो सैनी ने बिहार के बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया है. फिर उत्तर प्रदेश की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की.

नब्बे के दशक में अंबाला से ही उन्होंने अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. वो साल था 1996, जब पहली बार नायब सिंह सैनी भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़े. 2002 में सैनी को अंबाला में बीजेपी के युवा मोर्चा का महासचिव बनाया गया था.

गन्ना आंदोलन से जनता के बीच बनी पहचान

इसके तीन साल बाद 2005 में युवा मोर्चा के अध्यक्ष पद की भी जिम्मेदारी संभाली. संगठन नायब सिंह सैनी के काम को लेकर खुश था. पर जनता के बीच, उन्हें कम ही लोग जानते थे. सैनी के राजनीतिक करियर में बड़ा मोड़ अंबाला शुगर मिल के गन्ना आंदोलन के दौरान आया. गन्ना भुगतान के लिए हुए आंदोलन में सैनी ने अहम भूमिका निभाई.

इस आंदोलन के जरिए सैनी ने किसानों के बीच अच्छी पैठ बनाई. इसे ही देखते हुए बीजेपी ने उन्हें हरियाणा किसान मोर्चा के महासचिव पद की जिम्मेदारी भी सौंपी. बाद में वे मोर्चा के अध्यक्ष भी बने.

2009 में नायब सैनी ने पहली बार नारायणगढ़ विधानसभा सीट पर अपनी दावेदारी की. हालांकि, उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी राम किशन का सामना करते हुए हार का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद 2012 में पार्टी ने उन्हें अंबाला का जिला अध्यक्ष बनाया.

2014 में पहली बार विधायक बने

बीजेपी ने अगले चुनाव में पार्टी ने फिर इन पर भरोसा जताया. 2014 में नायब सैनी ने एक बार फिर नारायणगढ़ सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा. इस बार जीतने में कामयाब रहे. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल सिंह को शिकस्त दी थी.

ये ही वो चुनाव था जिसमें पहली बार हरियाणा में बीजेपी ने इतिहास रचा था. इसके बाद बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री पद की कमान दी थी. 2023 में सैनी हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए और 2024 में हरियाणा में सीएम के तौर पर शपथ ली.

मनोहर लाल खट्टर सैनी के राजनीतिक गुरु

नायब सिंह सैनी को हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी नेताओं में शुमार किया जाता है. खट्टर को उनका राजनीतिक गुरु भी कहा जाता है. खट्टर के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही नायब सिंह सैनी को कैबिनेट में जगह दी गई. खान एवं भू-विज्ञान और नवीकरण ऊर्जा विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई. इसके बाद साल 2019 के चुनाव में बीजेपी ने नायब सिंह सैनी को कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से उतारा, जिसमें उन्होंने 3.84 लाख वोटों से जीत दर्ज की.

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