Political – महाराष्ट्र चुनाव: पुणे में पकड़ी गई 5 करोड़ कैश से भरी कार, विपक्ष ने शिंदे सरकार को घेरा- #INA

पुणे में एक कार में 5 करोड़ रुपए पकड़े जाने के बाद महाराष्ट्र की सियासत तेज हो गई है

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच पुणे ग्रामीण के खेड़ शिवपुर तालुका में एक कार से लगभग 5 करोड़ रुपए बरामद होने से राज्य की सियासत में एक बार फिर कैशकांड की गूंज उठ रही है. जिस कार से पैसे बरामद हुए हैं वो पुणे से कोल्हापुर की ओर जा रही थी. चुनाव ऐलान के बाद रूटीन चेकिंग में लगी पुलिस ने जब कार को रोका तो उसमें करीब 5 करोड़ रुपए बरामद हुआ.

शुरुआती पूछताछ में कार सवार पैसे का स्रोत नहीं बता सका. उसे पैसा कहां से मिला, कहां और क्यों लेकर जा रहा था, पूछताछ में ड्राइवर इसकी जानकारी नहीं दे सका है. कार में मिले पैसे को जब्त कर दिया गया है. राजगढ़ की पुलिस ने इस मामले में 4 लोगों को हिरासत में भी लिया है.

पुलिस को शक है की ये पैसा चुनाव में अवैध रूप से इस्तेमाल करने के लिए डिलीवर किया जा रहा था. बरामद पैसे की कल रात 8 बजे के आसपास काउंटिंग शुरू हुई जो कि सुबह 4 बजे तक चली. कहा जा रहा है कि कार अमोल नलवाड़े के नाम पर रजिस्टर्ड है.

कार किसकी, इसे लेकर अभी स्थिति साफ नहीं

सूत्रों के मुताबिकअमोल नलवाड़े का संबंध संगोला विधानसभा के विधायक शाहजी बापू पाटील से है, जो की शिंदे गुट के है, लेकिन कुछ देर बाद अमोल नलवाड़े ने दावा करते हुए कहा कि ये गाड़ी मैनें बाला साहेब आस्बे को बेच दी थी. अभी तक इस मामले में एजेंसियां सभी एंगल से जांच पड़ताल कर रही है.

पुणे कैश कांड की खबर जैसे ही मीडिया में आई संजय राऊत सबसे पहले सामने आए. उन्होंने दावा किया की पुणे मैं कल दो गाड़ियां पकड़ी गई.इसमें लगभग 15 करोड़ रुपए थे. राऊत ने आरोप लगाया की मैंने पहले ही कहा था की एकनाथ शिंदे अपने लोगों को 50-50 करोड़ रुपए देने का फिर एक बार व्यवस्था की है.

उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के लिए उसमें से 15 करोड़ रुपए का फर्स्ट इंस्टॉलमेंट लोगों को जा रहा था. राऊत ने साफ तौर पर इसमें सांगोला के विधायक पर उंगली उठाई. राऊत ने कहा की अभी 5 करोड़ का तो हिसाब लग गया है, लेकिन 10 करोड़ रुपए को छोड़ दिया गया है. 5 करोड़ का हिसाब दिखा दिया है. दो गाड़ियां थी उसी विधायक के लोग गाड़ी में थे .एक फोन आ गया और एक गाड़ी छोड़ दी गई.

शिवसेना यूबीटी बोली- विधायकों के पास जा रहा था पैसा

शिवसेना यूबीटी नेता ने दावा किया कि विधायक ने इंस्पेक्टर को को टोल नाके पर भेज कर गाड़ी छुड़वा दी है, लेकिन 5 करोड़ रुपए जब्त करवा दिए हैं. राज्य के करीब 150 विधायकों के पास बचा हुआ पैसा पहुंच गया है. आगे चलकर बाकी पैसों को भी बांटा जाएगा. उन्होंने कहा कि ये एक उदाहरण है कि मुख्यमंत्री या फिर देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की ओर से राज्य में किस तरह से पैसों का डिस्ट्रीब्यूशन चल रहा है. 5 करोड़ रुपए जो पकड़ाया है वो मामूली रकम नहीं है.

राउत बोले- पैसों का इस्तेमाल पुलिस प्रोटेक्शन के लिए होगा

राउत ने आगे दावा किया है कि राज्य के कई इलाके में इसी तरह से 15-15 करोड़ रुपए पहुंचाए गए हैं. जल्द ही लोगों को पैसा मिलने वाला है और इसका इस्तेमाल पुलिस प्रोटेक्शन के लिए होगा. मुख्यमंत्री के बंगले से एक फोन आया और पूरा मामला रफा दफा करने की कोशिश की गई. उसके लिए हमारे पास पूरे एविडेंस हैं. वह जल्द ही सामने आ जाएंगे. उन्होंने पूछा कि आखिर वो गाड़ी किसकी थी, कोई तो गाड़ी का मालिक होगा? गाड़ी का पंचनामा तो किया गया होगा?

शिवसेना यूबीटी के बाद एनसीपी शरद पवार गुट ने भी पकड़े गए पैसे को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. पार्टी के नेता और विधायक रोहित पवार ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवारों को चुनाव की पहली इंस्टॉलमेंट के तौर पर 25-25 करोड़ रुपए दिए जाने की चर्चा है. इसमें से एक गाड़ी कल खेड़ शिवापुर के पर्वत झाड़ी (विधायक शहाजी पाटील) में पकड़ी गई. बाकी बची 4 गाड़िया कहां हैं?

राउत और रोहित पवार के बयान में भी मतभेद

हैरानी तो इस बात को लेकर के भी है कि रोहित पवार और संजय राउत की ओर से पैसों को लेकर दिए गए बयान में मतभेद देखने को मिला है. राउत ने 15 करोड़ रुपए का दावा किया जबकि रोहित पवार ने 25-25 करोड़ रुपए का दावा किया. राउत ने दो गाड़ियों का जिक्र किया जबकि रोहित ने 4 गाड़ी का बताई. दोनों नेताओं के बयानों को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं.

वही, एनसीपी शरद गुट के नेता जितेंद्र अहवाड एक नई थ्योरी लेकर आ गए. उनके मुताबिक 17 करोड़ रुपए थे 5 करोड़ बरामद हुए तो बाकी कहां गए? उन्होंने कहा कि इसका सीधा मतलब 2019 की तरह ही पैसे को पहुंचाने का काम सरकारी अधिकारी कर रहे हैं. ये बड़ा राज है कि पैसे कैसे पकड़े गए. पैसों को भेजने में सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है.

जितेंद्र अहवाड ने महायुति पर हमला बोलते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में एक संसदीय क्षेत्र में 80-100 करोड़ रुपए गए थे, इसके बाद भी कामयाबी नहीं मिली. लोगों को पैसों से खरीदा जा सकता है, ये तुम्हारा भ्रम है.

आरोपों पर अजित पवार ने किया पलटवार

सरकार पर लग रहे आरोपों के बाद पुणे कैश मामले में अजित पवार का भी सख्त बयान आया. उन्होंने राउत समेत पूरे विपक्ष पर हमला बोला. डिप्टी सीएम ने कहा कि मामले की जांच करो न, कुछ लोग बिना सबूत का आरोप लगाते हैं. जांच करिए पता चल जाएगा, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

शिवसेना नेता और प्रवक्ता संजय निरुपम ने कहा कि पुणे में एक गाड़ी में 5 करोड़ रुपए पकड़े गए हैं. एमवीएम के नेता दुष्प्रचार कर रहे हैं. जो पैसा पकड़ाया है उसका शिवसेना या महायुति से कोई लेना-देना नहीं है. इसे लेकर मैं खुलेआम चुनौती भी देता हूं. महाराष्ट्र पुलिस और चुनाव आयोग इस मामले की जांच कर सच्चाई जनता के सामने लाए.

बहरहाल पैसे किसका है और उसे कहां ले जाया जा रहा था, इसकी जांच चल रही है. चुनाव अधिकारियों और पुलिस ने इस मामले में IT को भी जानकारी दी है ताकि पैसे का सोर्स पता लगाया जा सके.

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