Sports – Air Pollution: राजधानी में किस कारण से बढ़ रहा प्रदूषण, AQI 316 दर्ज, जानें पड़ोसी राज्यों का हाल #INA
देश की राजधानी नई दिल्ली गैस चैंबर बनती जा रही है. नवंबर दस्तक देते ही यहां की आबोहवा ‘जहरीली’ हो चुकी है. इसके कारण की पड़ताल की जाए तो पता चलता है कि पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं. पराली जलाने की घटनाओं के चलते हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटियोरोलॉजी (IITM) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के एयर पॉल्यूशन में पराली जलाने की घटनाओं की वजह से प्रदूषण का योगदान 1 नवंबर को 35.2 प्रतिशत हो गया. बीते दिनों यानी 31 अक्टूबर को यह 27.6 फीसदी था. पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत कई कृषि राज्यों में बड़े पैमाने पर पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं.
क्यों हो रहा प्रदूषण
आपको बता दें कि इस मौसम में पराली जलाना, फसल कटाई एक सामान्य चलन है. इसमें अगली बुवाई को लेकर खेतों को साफ करने के लिए फसल के अवशेषों में आग लगाई जाती है. उत्तर-पश्चिमी हवाओं के साथ आने वाला यह प्रदूषण उत्तर भारत और खासकर दिल्ली में एयर क्वालिटी को काफी हद तक खराब कर देते हैं.
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कितना रहा AQI का स्तर
दो नवंबर को दिल्ली का AQI 316 दर्ज किया गया. ये काफी खतरनाक माना जाता है. यह प्रदूषण कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के लिए बेहद हानिकारक है. इससे गंभीर बीमारियों का खतरा बना रहता है. दिल्ली से सटे गाजियाबाद में आज AQI 330 दर्ज किया गया. वहीं लुधियाना में AQI 339 दर्ज किया गया. ये बेहद हानिकारक है. पंजाब के अमृतसर में AQI 368 दर्ज किया गया. इस क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाएं सबसे अधिक हो रही हैं.
प्रदूषण का स्तर बीमारियों को बढ़ाता है
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, हवा में प्रदूषण का स्तर बीमारियों को बढ़ाता है. वहीं, चंडीगढ़ में 277 AQI दर्ज किया गया है. इसके साथ जींद और श्रीगंगानगर जैसे जिलों में यह 337 और 333 AQI रिकॉर्ड किया गया है. 5 भारतीय राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है. दो नवंबर 2024 को सैटेलाइट ने 861 ऐसी घटनाओं का पता लगाया. इस मामले में पंजाब सबसे आगे रहा. पंजाब में पराली जलाने की 379 घटनाएं अब तक सामने आईं हैं. इसी तरह हरियाणा में 19, उत्तर प्रदेश (यूपी) में 87, राजस्थान में 80 और मध्य प्रदेश (एमपी) में 296 पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं.
आंकड़े दर्शाते हैं कि हालात चिंताजनक हैं
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि हालात चिंताजनक हैं. खासकर पंजाब में इस तरह की घटनाएं ज्यादा देखने को मिल रही हैं. पंजाब में एक ही दिन में पराली जलाने की 587 घटनाएं सामने आई है. वहीं दिवाली वाले दिन यानी 31 अक्टूबर को पराली जलाने की 484 मामले सामने आ चुके थे. इस तरह से ये साफ होता है कि इसे नियंत्रित करने में खास बंदोबस्त करने की जरूरत है. इस तरह मध्य प्रदेश मे दो नवंबर को पराली जलाने के 296 मामले सामने आए हैं. यह 1 नवंबर को 226 और 31 अक्टूबर को 145 हो गए थे.
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