Tach – जहां हिम्मत और उम्मीद भी दे जाए जवाब, वहां ‘आयरन मैन’ की चिप ने कर दिया कमाल, देखिए वीडियो

एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक ने फिर से सुर्खियां बटोरी हैं. कंपनी ने जिस दूसरे इंसान के ब्रेन में चिप लगाई थी, अब उसके इस्तेमाल से वह 3D ऑब्जेक्ट्स डिजाइन करने वाले और लोकप्रिय वीडियो गेम काउंटर-स्ट्राइक 2 खेल रहा है. व्यक्ति का नाम एलेक्स बताया गया है. पारंपरिक कंट्रोलर जॉयस्टिक के बजाय एलेक्स अब सिर्फ अपने विचारों से गेम को कंट्रोल कर पा रहा है. यह उसके लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए एक अद्भुत अनुभव है. न्यूरालिंक अपने इंटरफेस को और भी बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहा है और एलन मस्क का मानना है कि आने वाले दशक में लाखों लोग इस क्रांतिकारी टेक्नोलॉजी का लाभ उठाएंगे.

न्यूरालिंक ने यह भी बताया है कि उसके ब्रेन इम्प्लांट ने रोगी में प्रभावी ढंग से काम किया और उसे पहले पेशेंट नोलैंड आर्बॉग द्वारा अनुभव किए गए ‘थ्रेड रिट्रैक्शन’ जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा. बता दें कि एलन मस्क को उद्यमशीलता के लिए बिजनेसजगत में आयरन मैन के नाम से भी जाना जाता है.

न्यूरालिंक ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा, “एलेक्स को फर्स्ट-पर्सन शूटर गेम्स खेलना भी पसंद है, जिनके लिए आमतौर पर कई इनपुट की आवश्यकता होती है, जिसमें दो अलग-अलग जॉयस्टिक (एक निशाना साधने और दूसरा मूवमेंट के लिए) और कई बटन शामिल होते हैं.”

पहले एलेक्स इन खेलों को एक असिस्टिव डिवाइस का उपयोग करके खेलते थे, जिसे क्वाडस्टिक कहा जाता है. यह मुंह से चलने वाला जॉयस्टिक होता है, जिसमें सिप-एंड-पफ प्रेशर सेंसर और क्लिक करने के लिए एक लिप पोजिशन सेंसर होता है. बता दें कि एलेक्स एक पूर्व ऑटोमोटिव तकनीशियन है, जिसकी रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के कारण वह लकवाग्रस्त हो गया. इस चिप को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि लकवाग्रस्त मरीज केवल सोचकर ही डिजिटल डिवाइस का उपयोग कर सकें.

इस कंट्रोलर की सीमा यह थी कि इसमें केवल एक जॉयस्टिक होता है, जिससे एलेक्स को एक समय में केवल मूवमेंट या निशाना साधने का विकल्प मिलता था. उसे मूवमेंट से निशाना साधने की स्थिति में जाना होता था तो उसे एक जॉयस्टिक छोड़ना पड़ता और एक अलग स्ट्रॉ में सिप या पफ करना पड़ता, ताकि वह अपनी फंक्शनलिटी बदल सके.

क्या कहना है ब्रेन में चिप लगे एलेक्स का?
कंपनी के प्राइम स्टडी के प्रतिभागी एलेक्स ने कहा, “बस दौड़ना ही काफी मजेदार हो जाता है, क्योंकि मैं बगल में देख सकता हूं और मुझे क्वाडस्टिक (Quadstick) को बाईं या दाईं ओर ले जाने की जरूरत नहीं पड़ती… मैं सोचता हूं कि कहां देखना है और यह वहीं जाता है, जहां मैं चाहता हूं. यह क्रेजी है.”

न्यूरालिंक ने यह भी बताया कि वह अपने ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस, लिंक, के लिए नए फीचर्स डेवलप कर रही है. वर्तमान में लिंक यूजर्स को कंप्यूटर के कर्सर को कंट्रोल करने की अनुमति देता है. भविष्य में इसका लक्ष्य है कि यूजर एक साथ कई डिवाइसेज को कंट्रोल कर सकें और अपने विचारों से तेजी से लिख सकें.


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