देश- क्या खुल जाएगा शंभू बॉर्डर? धरना दे रहे किसानों से 30 गांववालों ने की ये मांग | Shambhu Border farmers protest 30 villagers made this demand- #NA

शंभू बॉर्डर पर किसान दे रहे हैं धरना

पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान धरना दे रहे हैं. किसानों का धरना-प्रदर्शन आसपास के 30 गांवों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. बॉर्डर पर दोनों तरफ से रास्ता बंद है. गांववालों का कहना है कि अस्पताल से लेकर अन्य जरूरत के सामान के लिए उन्हें अक्सर अंबाला जाना पड़ता है. लेकिन अलग रूट से अंबाला जाने में 20 से 25 तक किमी तक अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है.

किसानों के धरने के कारण लोगों ने आवाजाही के लिए घग्गर नदी पर अस्थाई पुल बना रखा है. अगर यह पुल भी न रहा तो और मुश्किल बढ़ जाएगी. किसानों को चिंता सता रही है कि मानसून भी दस्तक देने वाला है. बारिश की वजह से घग्गर नदी उफान पर होती है. ऐसे में लकड़ी के अस्थाई पुल से आवाजाही संभव नहीं होगा.

आसपास के गांवों के लोग रविवार को धरने पर बैठे किसानों से रास्ता मांगने पहुंचे थे, लेकिन बात बनने की बजाय स्थिति तनावपूर्ण हो गई. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि बीजेपी ने अपने लोग भेजे थे और हमारे धरने को खराब करने और स्टेज पर कब्जा करने की कोशिश की थी.

10 सदस्यीय कमेटी बनाने की घोषणा

रास्ता खुलवाने के लिए ग्रामीणों ने 30 गांवों की 10 सदस्यीय कमेटी बनाने की घोषणा भी की है. इतने समय से मुश्किलों का सामना कर रहे 30 गावों के लोग अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं. बुधवार को एक मीटिंग भी बुलाई है. गांववाले विरोध जताने के लिए सड़क जाम करने का भी फैसला ले सकते हैं. साथ ही गांववाले हाई कोर्ट का भी रुख कर सकते हैं.

किसानों के धरने से व्यापार ठप

गांववालों के मुताबिक, 13 फरवरी से चल रहे किसानों के धरने की वजह से व्यापार प्रभावित हुआ है. अंबाला में बड़ा कपड़ा मार्केट है. व्यापारी खुद बताते हैं कि धरने की वजह से अब पहले जैसा बिजनेस नहीं हो रहा है.

किसान क्यों कर रहे हैं धरना?

13 फरवरी को किसान शंभू बॉर्डर पर पहुंचे थे. किसान फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी के किए दिल्ली जाना चाहते थे. लेकिन हरियाणा पुलिस ने किसानों को यहीं रोक लिया. किसान भी यहीं पर धरने पर बैठ गए. किसानों के धरने को 135 दिन हो चुके हैं. लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने किसानों की सुनी नहीं है. अब तो सरकार से बातचीत भी बिल्कुल बंद है. MSP के अलावा किसान स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की मांग कर रहे हैं. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर लगातार कहते आ रहे हैं कि रास्ता हमने नहीं, बल्कि पुलिस ने रोक रखा है. उनका यह भी कहना है की यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक हमारी मांगों को सरकार मान नहीं लेती.

इनपुट- हरपिंदर

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