देश – ना गाय की हत्या हो, ना इंसान की लिंचिंग; आरएसएस के इंद्रेश बोले- धार्मिक कट्टरता से सावधान रहें – #INA
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा है कि देश में ऐसा माहौल बनाना चाहिए जिसमें ना गाय की हत्या हो और ना किसी आदमी की मॉब लिंचिंग हो। पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में इंद्रेश कुमार ने गौरक्षकों द्वारा हिंसा के सवाल पर कहा कि भीड़ की हिंसा किसी भी रूप में जायज नहीं है। मॉब लिंचिग चाहे किसी भी धर्म या जाति के लोगों की हो, यह निंदनीय है। उन्होंने गायों के वध पर भी निषेध की बात कही। उन्होंने कहा कि सभी जाति-धर्म के लोग अपने आचार-व्यवहार का पालन करें और साथ ही दूसरों का भी सम्मान करें। उन्होंने धार्मिक कट्टरता और उसके कारण हिंसा से सावधान रहने की भी अपील की।
इंद्रेश ने कहा कि हमारा देश विविधताओं से परिपूर्ण है, यहां अलग-अलग भाषा, धर्म, जाति, खान-पान, व्यवहार और बोली है लेकिन संविधान सबका एक है। उन्होंने बताया कि गणेश चतुर्थी पर मधेपुरा के सिंहेश्वर स्थान में शुरू पंचमधाम महामृत्युंजय यज्ञ की पूर्णाहूति महाशिवरात्रि के दिन 26 फरवरी को पटना में होगी। यज्ञ यात्रा 12 फरवरी को पटना पहुंचेगी। इसके पहुंचने के समय 15 दिनों तक कई कार्यक्रम होंगे।
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पंचधाम न्यास के संरक्षक इंद्रेश ने बताया कि बिहार में 108 प्राचीन शिव मंदिर को कवर करते हुए 150 दिन की आराधना यात्रा होगी। 16 फरवरी से 26 फरवरी तक पटना में महायज्ञ होगी। इसकी पूर्णाहुति 26 फरवरी को महाशिवरात्रि एवं शिव बारात के रूप में होगी। पीसी में पंचधाम न्यास के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य निवेदिता निर्विकार, व्यवस्था प्रमुख शैलेश वत्स, यज्ञ संचालक आदर्श राज, कार्यकारी प्रमुख सिकंदर कुमार भी मौजूद रहे। पंचधाम न्यास संरक्षक ने बताया कि महायज्ञ की शुरुआत सिंहेश्वर मंदिर से इसलिए की गई है क्योंकि मान्यता यह है कि मंदिर का निर्माण स्वयं भगवान विष्णु ने करवाया था। सिंहेश्वर में कई जिलों से आई 21 हजार कन्याओं ने कलश के साथ भगवान शिव के महामृत्युंजय यज्ञ की आराधना का कलश पूजन किया है।
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जाति जनगणना के सवाल पर इंद्रेश ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जो कहा है, वह संघ के शत-प्रतिशत स्वयंसेवकों का विचार है। जाति एक वास्तविकता है जिसे हम नकार नहीं सकते लेकिन हमें जातिवाद के जहर को दूर रखने पर ध्यान देना चाहिए। इसी तरह, हमारा यह भी मानना है कि कई धर्म हैं और रहेंगे। लेकिन धार्मिक कट्टरता और उसके कारण होने वाली हिंसा से सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘देश और दुनिया के कई हिस्सों में लोग मांस खाते हैं। लेकिन यह समझना चाहिए कि लोग गाय के प्रति संवेदनशील हैं। हमें ऐसा माहौल बनाने का प्रयास करना चाहिए जिसमें गाय की लिचिंग (हत्या) न हो और न ही किसी व्यक्ति की लिंचिंग हो।”
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