अश्लील कंटेंट देखने लगा है लाडला तो घबराएं नहीं तो ऐसे करें सिचुएशन हैंडल #INA
Parenting Tips: दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है. इसका असर हर उम्र के लोगों पर पड़ रहा है. बच्चों में कम उम्र में ही ऐसी-ऐसी चीजों को जानने की जिज्ञासा होने लगी है जिसे देखकर उनके माता-पिता भी परेशान हो जाते हैं. अगर आपका बच्चा भी छोटी सी उम्र में अश्लील कंटेंट (Obscene Content) देख रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं है. बस थोड़े धैर्य के साथ आपको ये सिचुएशन हैंडल करनी होगी. दरअसल, जब बच्चे थोड़े बड़े और किशोरावस्था में आने लगते हैं तो उनके दिमाग में बहुत सारे प्रश्न आने लगते हैं. उनका ब्रेन बहुत क्यूरियस होता है. ऐसे में जब उनके पास इंटरनेट उपलब्ध होता है तो वो कई चीजों को देखना, पढ़ना और समझना शुरू कर देते हैं. जो उनकी उम्र के हिसाब से ठीक नहीं होती है. अगर आपका बच्चा भी एडल्ट कंटेंट या अश्लील चीजें देख रहा है तो इसे डील करना किसी भी पैरेंट्स के लिए काफी मुश्किल भरा हो सकता है. आइए जानते हैं कैसे करें इस सिचुएशन को हैंडल.
डाटें नहीं, समझाने की कोशिश करें
अगर आपका बच्चा अश्लील कंटेंट देख रहा है तो उसे डांटने की बजाय आराम से समझाने की कोशिश करें. धैर्य से काम लेते हुए उनसे बात करें. बातचीत करके ही इसका हल निकाला जा सकता है. इन चीजों का बच्चों के दिमाग पर असर होता है.
सेक्सुअल एजुकेशन
आजकल के बच्चे समय से पहले बढ़े हो रहे हैं. लेकिन उनको अश्लील कंटेंट की ज्यादा जानकारी नहीं होती है. इस वजह से वो अपने प्रश्नों का जवाब जानने के लिए इसे देखना शुरू कर देते हैं. ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को सेक्सुअल एजुकेशन दी जाए. अगर बच्चों को पहले ही इस तरह के वीडियो और कंटेंट के साइड इफेक्ट्स के बारें में बताया जाए या उन्हें स्कूल में इसकी जानकारी दी जाए तो बच्चों को इसकी लत नहीं पडेगी.
दोस्ताना व्यवहार बनाकर रखें
किसी भी पैरेंट्स के लिए बच्चों से अश्लील कंटेंट पर बात करना काफी मुश्किल भरा हो सकता है. लेकिन बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार बनाकर रखें. फ्रैंडली बिहैवियर रखकर ही आप इस सिचुएशन को हैंडल कर सकते हैं. बॉडी, प्रेगनेंसी, ओवरफ्लो हेल्थ और अश्लील कंटेंट से जुड़ी उनकी जिज्ञासा को जानकर उनके प्रश्नों का जवाब देने की कोशिश करें. अगर उनसे फ्रैंडली बिहैवियर रखेंगे तो हो सकता है आपका बच्चा खुद ही ये बातें शेयर कर दें.
पॉजिटिव तरीके से बर्ताव करें
अश्लील कंटेंट देखने की बात सामने आने के बाद भी बच्चे के पॉजिटिव तरीके से बर्ताव करें. उन्हें बताएं कि इनमें दिखाई जाने वाली चीजें गलत होती है. रियलिटी में ऐसा कुछ नहीं होता है. या फिर इससे बहुत अलग चीजें होती हैं. इससे वह इस तरह के कंटेंट के साइड इफेक्ट्स से भी बच पाएगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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