देश- कोलकाता रेप-मर्डर केस: ‘सुप्रीम’ आदेश पर पुलिस ने अस्पतालों से सिविक वालंटियर्स को हटाया, 5 नवंबर को अगली सुनवाई- #NA
सुप्रीम कोर्ट.
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने इस बात पर जिज्ञासा जताई कि सिविक वालंटियर की नियुक्ति कैसे की जाए और उन्हें किस तरह काम करना चाहिए. वहीं, कोलकाता पुलिस ने सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों से सिविक वालंटियर हटा दिए हैं.
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद राज्य पुलिस ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों और कमिश्नरेट के कमिश्नरों से पूछा कि उनके जिलों और कमिश्नरेट में सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, स्कूल और संवेदनशील जगहों पर कितने सिविक पुलिस तैनात हैं. कोर्ट ने जिला पुलिस या कमिश्नरेट को सिविक पुलिस के विकल्पों का मूल्यांकन करने को कहा गया है.
पुलिस ने सिविक वालंटियर को गिरफ्तार किया था
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार से सिविक वालंटियर की नियुक्तियों और उनकी योग्यता से जुड़ी जानकारी का ब्योरा मांगा था. साथ ही, असत्यापित सिविक वालंटियर को दिए जा रहे ‘राजनीतिक संरक्षण’ की आशंका भी जताई गई थी. वहीं, इस बार कोर्ट ने जिला पुलिस या कमिश्नरेट से सिविक पुलिस के विकल्पों का मूल्यांकन करने को कहा है.
संयोग से तिलोत्तमा मामले की शुरुआत में ही कलकत्ता पुलिस ने एक सिविक वालंटियर को गिरफ्तार किया था. नई पेश चार्जशीट में सीबीआई ने एक बार फिर उन्हें मुख्य आरोपी बनाया है. 15 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में आरजी टैक्स मामले की सुनवाई में सिविक वालंटियर को लेकर कई सवाल उठे थे. फिर सख्त निर्देश आए. अस्पताल और स्कूल जैसी संवेदनशील जगहों पर सिविक वालंटियर की भर्ती नहीं की जा सकती.
अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगा
सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया. साथ ही राज्य को हलफनामा देने को भी कहा है कि किस कानून के तहत सिविक वालंटियर की नियुक्ति की जाती है. सिविक वालंटियर की कुल संख्या कितनी है. इसके अलावा कोर्ट ने इस बारे में भी जानकारी मांगी कि सिविक वालंटियर की नियुक्ति कहां होती है, उनका वेरिफिकेशन कैसे होता है. आरजी मामले की अगली सुनवाई 5 नवंबर को है. उससे पहले कोलकाता पुलिस पूरी तरह हिल गई है.
ये भी पढ़ें- RG Kar Case: आरजी कर में भ्रष्टाचार के मामले में CBI जल्द दायर करेगी चार्जशीट, ED ने दर्ज किया संदीप घोष का बयान
Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link