देश- रायबरेली: बदले-बदले नजर आ रहे राहुल गांधी, सिस्टम की खामियां गिनाकर दिला गए सांसद होने का एहसास- #NA

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी

रायबरेली से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद से राहुल गांधी बदले-बदले नजर आ रहे हैं. अमेठी सांसद रहते हुए आमतौर पर राहुल गांधी प्रशासनिक बैठकों से दूर रहते थे, लेकिन रायबरेली से सांसद बनने के बाद से संसद से लेकर सड़क तक एक्टिव हैं. रायबरेली के जमीनी विकास की हकीकत को जानने के लिए मंगलवार को दिशा की बैठक में शामिल हुए राहुल ने महिला सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर की पोल खोल दी. जिले से जुड़ी 410 करोड़ की परियोजनाओं के जांच के निर्देश दिए. इस तरह राहुल गांधी ने सरकारी सिस्टम की न सिर्फ बखिया उधेड़ी बल्कि विपक्ष की भूमिका निभाते हुए रायबरेली के सांसद होने का भी अहसास भी दिला गए.

सांसद राहुल गांधी अब अमेठी जैसी गलती रायबरेली में नहीं दोहराना चाहते हैं. रायबरेली को वो अपने किसी मैनेजर के भरोसे पर नहीं छोड़ना चाहते हैं बल्कि खुद क्षेत्र का दौरा करके अपनी उपस्थिति को बनाए रखने की स्ट्रैटेजी है. इसीलिए रायबरेली से लोकसभा सांसद बनने के बाद से राहुल गांधी लगातार अपने संसदीय क्षेत्र का दौर कर रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को राहुल एक बार फिर रायबरेली पहुंचे थे. राहुल गांधी ने सबसे पहले हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन किया और आशीर्वाद लिया. इसके बाद सीधे रायबरेली के बचत भवन पहुंचे, जहां केंद्रीय विकास कार्य योजनाओं पर चर्चा के लिए दिशा की बैठक में शिरकत की और बिना राजनीतिक बात किए वह बड़ा सियासी संदेश दे गए.

राहुल गांधी मंगलवार को महज पांच घंटे के लिए अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली पहुंचे थे. इस दौरान जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठक में केंद्रीय योजनाओं को लेकर गंभीर दिखे. राहुल गांधी ने जल जीवन मिशन की पूरी हो चुकीं 410 करोड़ की 182 परियोजनाओं के जांच के निर्देश दिए, तो साथ ही मनरेगा के भुगतान की सूची मांगने और उज्ज्वला के लाभार्थियों की रिपोर्ट तलब की. दिशा की बैठक से शहीद चौक और सड़कों के उद्घाटन कर राहुल गांधी ने जमीन पर उतरने की अपनी सियासत को आगे बढ़ाया. इसके साथ ही यह संदेश देने की कवायद की कि जनता से जुड़े छोटे से छोटे कार्यक्रमों में शिरकत करने से भी उनको परहेज नहीं है.

महिला सुरक्षा हेल्पलाइन की खोली पोल

रायबरेली में दिशा की बैठक में सांसद राहुल गांधी पहली बार बतौर चेयरमैन शामिल हुए थे. महिला संरक्षण और सुरक्षा योजना के मुद्दे पर रायबरेली डीएम हर्षिता माथुर ने तमाम योजनाओं, हेल्पलाइन नंबर और महिला संरक्षण की जमकर तारीफ. इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे 181 कॉल सेंटर के जरिए महिला सुरक्षा के मामले का निस्तारण किया जा रहा. डीएम के लगातार प्रशंसा पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उनके सामने ही अपने मोबाइल से हेल्पलाइन नंबर 181 पर डायल कर दिया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई. राहुल ने एक बार नहीं लगातार तीन बार कॉल करने के बाद भी कॉल न उठने पर अफसरों को लताड़ लगाया. राहुल गांधी ने सवालिया लहजे में कहा कि मेरा ही फोन नहीं उठा तो कैसी सुरक्षा है आपकी. इस तरह राहुल गांधी ने महिला सुरक्षा के दावे की पोल खोलकर रख दी.

410 करोड़ योजना के जांच का आदेश

राहुल गांधी ने महिला सुरक्षा पर ही नहीं घेरा बल्कि केंद्रीय योजनाओं के जांच के भी दिशा-निर्देश दिए. राहुल ने डीएम हर्षिता माथुर को जल जीवन मिशन की पूरी हो चुकीं करीब 410 करोड़ की 182 परियोजनाओं की गुणवत्ता के जांच के आदेश दिए. सपा के बागी विधायक डॉ. मनोज कुमार पांडेय ने दिशा की बैठक में कहा कि जल निगम ने तमाम सड़कों को खोद दिया, पाइप डालने के बाद उसी मिट्टी को डालकर पाट दिया, लेकिन सड़कों को अब तक सही नहीं कराया. सरेनी के सपा विधायक ने पांच साल में भी पेयजल परियोजना का काम पूरा न होने पर नाराजगी जताई. इस पर राहुल गांधी ने पूर्ण हो चुकी 182 सड़कों की गुणवत्ता की जांच जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की कमेटी से कराने के आदेश दिए. साथ ही राहुल ने डीएम से जांच कमेटी में जिले के विधायकों को भी शामिल करने के लिए कहा. इस तरह राहुल गांधी जिले की योजनाओं के दिशा-निर्देश देकर सियासी संदेश देने की कोशिश करते नजर आए.

उज्ज्वला लाभार्थी व मनरेगा की मांगी लिस्ट

राहुल गांधी ने दिशा की बैठक में डीएम से उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को गैस रिफलिंग के संबंध में पूरी रिपोर्ट तलब की. अमेठी सांसद केएल शर्मा ने मनरेगा में श्रम सामग्री के खराब अनुपात के साथ ही भुगतान में देरी करने का मामला उठाया था. मनरेगा कर्मियों को समय से भुगतान न दिए जाने का मामला राहुल गांधी ने उठाते हुए संबंधित अधिकारियों को मनरेगा में श्रमिकों व कर्मियों को भुगतान के संबंध में भी पूरी सूची उपलब्ध कराने के आदेश दिए. रायबरेली से जुड़ी छोटी-छोटी योजनाओं को लेकर जिस तरह सवाल उठाए और सरकारी सिस्टम की बखिया उधेड़ी हैं, उसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. यह पूरी कवायद किसी न किसी रूप में उनके सियासी जमीन को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है.

रायबरेली को राहुल गांधी दे रहे संदेश

अमेठी वाली गलती राहुल गांधी रायबरेली में नहीं दोहराना चाहते हैं. अमेठी से सांसद रहते हुए राहुल गांधी प्रशासनिक बैठकों से दूरी बनाए रखते थे. राहुल गांधी की जगह उनके प्रतिनिधि शामिल हुआ करते थे, लेकिन रायबरेली से सांसद चुने जाने के बाद लगातार क्षेत्र के लोगों से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं. नसीराबाद में फिर चाहे दलित युवक की हत्या के मौके पर पहुंचकर परिजनों से मिलने का मामला हो या ऊंचाहार क्षेत्र में दलित परिवार की हत्या पर परिजनों से सीधे बात कर इंसाफ दिलाने की बात हो.

राहुल गांधी ने मंगलवार को दिशा की बैठक में शिरकत कर जिले की विकास को सही से आकलन करने और शहीद चौक व सड़क के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लेकर उन्होंने अपनी जमीन पर उतरने की सियासत को आगे बढाया, यह संदेश देने का प्रयास किया है कि वह जनता से जुड़े छोटे-छोटे कार्यक्रमों में आने के लिए तैयार हैं. विपक्ष में रहते हुए राहुल गांधी रायबरेली के लिए बहुत कुछ देने के स्थिति में नहीं है. इसीलिए सरकारी सिस्टम की सिर्फ पोल ही नहीं खोलते हैं बल्कि खुद के चाहने वालों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश है कि रायबरेली के सांसद होने के नाते हर स्तर पर संघर्ष के लिए तैयार हैं.

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