Noida – पटाखों से निकलने वाला धुआं हवाओं में घोलेगा जहर, गर्भवती महिलाओं को इन बातों का रखना होगा ध्यान  – #INA

Noida News :
दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण की स्थिति दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 200 के पार पहुंचने से जन-जीवन प्रभावित हो रहा है। स्थानीय नागरिकों में आंखों में जलन, गले में खराश और श्वसन संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं।

शनिवार को दिल्ली एनसीआर का हाल 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार की सुबह दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया। नोएडा में 222, ग्रेटर नोएडा में 199, दिल्ली में 270, गाजियाबाद में 200, फरीदाबाद में 153, हापुड़ में 242 और गुरुग्राम में 162 एक्यूआई दर्ज किया गया।

क्या कहती हैं विशेषज्ञ 

गायनोलॉजिस्ट डॉ. मीरा पाठक के अनुसार, वर्तमान में नोएडा की वायु गुणवत्ता अत्यंत चिंताजनक स्थिति में है। धुंध और धुएं में मिले तरल कण स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से हानिकारक साबित हो रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को सतर्क रहने की सलाह दी है, क्योंकि प्रदूषण का सीधा प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ सकता है। विशेषज्ञों ने आगामी दिवाली त्योहार को लेकर विशेष चेतावनी जारी की है। पटाखों से निकलने वाला धुआं गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और श्वसन रोगियों के लिए अत्यंत खतरनाक हो सकता है। डॉ. पाठक ने बताया कि जब एक्यूआई 100 से ऊपर हो, तो गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर रहना चाहिए और बाहर जाते समय एन95 मास्क का प्रयोग करना चाहिए।

गर्भवती महिलाओं को दी सलाह 

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने घरों में एयर प्यूरीफायर के उपयोग की सलाह दी है। साथ ही, मनी प्लांट, स्पाइडर प्लांट और स्नेक प्लांट जैसे प्राकृतिक वायु शोधक पौधों को घर में लगाने की सिफारिश की है। डॉ. पाठक ने गर्भवती महिलाओं को संतुलित आहार लेने की सलाह देते हुए विभिन्न रंगों के खाद्य पदार्थों को शामिल करने पर जोर दिया है। हल्दी और लहसुन जैसे एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

Source link

Back to top button