खबर मध्यप्रदेश – मंडप पर सज-धज कर दूल्हा आया और दुल्हन भी… फिर भी नहीं हुई शादी, बोले- हम दोनों को बस 49000 रुपये दे दो – INA

मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में एक अजबोगरीब मामला देखने को मिला. यहां सामूहिक विवाह में एक जोड़े ने मांग नहीं भरी तो बवाल मच गया. मामले में दूल्हा-दुल्हन का एक वीडियो सामने आया है. इसमें दोनों विधायक और नगर पालिका अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए नजर आए. उनका कहना है कि वो तो सिर्फ 49 हजार रुपए पाने के लिए समारोह में आए थे. उनकी शादी अगले साल फरवरी में होने वाली है.

मामला उज्जैन जिले के नागदा का है, जहां के नरेंद्र मोदी खेल प्रशाल मैदान पर देव उठनी ग्यारस पर 81 जोड़ों का सरकार की मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह कराया गया था. इस दौरान एक जोड़े ने न तो फेरे लिए, न ही मंगलसूत्र पहनाने और मांग भरने की रस्म निभाई. मामला उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने खाचरौद नगर पालिका के सीएमओ घनश्याम माचार को नोटिस देकर जांच कराने की बात कही है.

दिव्या-अजय ने नहीं निभाईं शादी की रस्में

मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह सम्मेलन में 81 जोड़ों के विवाह और निकाह हुए. इसमें रतलाम की दिव्या और अजय ने भी शादी की, लेकिन रस्में नहीं निभाईं. दोनों का कहना था कि हमारी शादी आने वाली फरवरी में होना है. हम विधायक और नगर पालिका अध्यक्ष के कहने पर मंडप में बैठे हैं. हम लोगों से कहा गया था कि 49 हजार रुपए का चेक मिलेगा. बताया गया कि दोनों ने शादी के लिए खाचरौद नगर पालिका से रजिस्ट्रेशन कराया था.

MLA और नगर पालिका अध्यक्ष पर लगाया आरोप

अजय-दिव्या ने बताया- स्थानीय विधायक तेज बहादुर सिंह और नगर पालिका के अध्यक्ष राकेश राठौर ने कहा था कि फॉर्म भर दो. बस सामूहिक विवाह में आकर बैठ जाना. चाहे तो वैवाहिक रस्म करो या नहीं, उसे फर्क नहीं पड़ेगा. उधर, मामले में विधायक तेज बहादुर सिंह ने सफाई दी. बोले- दूल्हा-दुल्हन के साथ परिवार से हमने 20 सेकंड तक बात की थी. उन्होंने अपनी रस्मों के बारे में बताया था. अगर किसी के परिवार में मांग भरने और मंगलसूत्र पहनने की रस्म नहीं होती है तो उसका क्या कर सकते हैं. फिलहाल देखना होगा कि मामले में आगे क्या होता है.


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