खबर शहर , BHU News: नर्सिंग अफसर का शव लेने से इनकार, एमएस समेत तीन अफसरों के खिलाफ नामजद तहरीर – INA
बीएचयू अस्पताल के सीसीयू में ड्यूटी के दौरान रहस्यमय हाल में जान गंवाने वाले नर्सिंग अफसर खेम सिंह का शव परिजनों ने लेने से इन्कार कर दिया। मौत के 40 घंटे बाद रात 11:30 बजे तक शव मोर्चरी में ही पड़ा रहा। उधर, घटना के 30 घंटे बाद भी मांगें पूरी न होने पर नर्सिंग अफसर सोमवार दोपहर 2.30 बजे से हड़ताल पर चले गए। इससे वार्डों में भर्ती मरीजों की देखभाल पर असर पड़ गया।
परिजन घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज दिखाने के लिए गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन जिम्मेदारों ने मना कर दिया। आरोप है कि बीएचयू प्रशासन ने यह कहकर फुटेज नहीं दिखाया कि सीसीयू में लगा कैमरा केवल लाइव चलता है। इसके बाद परिजनों के साथ अन्य नर्सिंग अफसरों का गुस्सा भड़क गया।
मौत की खबर मिलते ही नर्सिंग अफसर की पत्नी रेशमा डेढ़ साल के पुत्र के साथ अस्पताल पहुंच गईं। पत्नी ने पति की मौत के पीछे अस्पताल प्रशा्सन की लापरवारी करार दिया। उनका कहना था कि वह कई दिनों से तनाव में थे। इस बीच राजस्थान के भरतपुर स्थित गोपीनाथ मुहल्ले से यहां पहुंचे भाई चंद्रभान सैनी ने लंका थाने में अस्पताल के तीन अधिकारियों के खिलाफ तहरीर दी।
चंद्रभान ने तहरीर में भाई की मौत के लिए अस्पताल के तीन अधिकारियों चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता, नर्सिंग अधीक्षक प्रकाश चंद्र शर्मा और उप नर्सिंग अधीक्षक करुनाम्बिकाई को जिम्मेदार ठहराया है। इन अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गुहार लगाई है।
चंद्रभान सैनी की तहरीर पर देर रात तक इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सका था। मौत की घटना के दूसरे दिन सोमवार को भी धरना जारी रहा। कई बार अधिकारी बातचीत करने आए, लेकिन बात नहीं बन सकी।
सोमवार की दोपहर 2.30 बजे नर्सिंग अफसर ने हड़ताल पर जाने की घोषणा की। इससे वार्डों में भर्ती मरीजों का इलाज भी प्रभावित हुआ। नर्सिंग अफसर ने चेतावनी दी कि जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। इधर, दूसरे दिन देर शाम तक खेम सिंह का शव बीएचयू अस्पताल के मोर्चरी में ही पड़ा रहा।
बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए माता-पिता भी धरने पर,उप कुल सचिव से नौकझोंक
वाराणसी। राजस्थान के भरतपुर से सोमवार को बीएचयू पहुंचे नर्सिंग अफसर खेम सिंह सैनी के माता-पिता बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए धरने पर बैठ गए। पिता धर्मेंद्र सिंह सैनी ने भी अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। इस दौरान उप कुल सचिव डॉ. रश्मि रंजन से परिजनों और धरनारत नर्सिंग अफसरों की नोकझोंक हुई। बिलखते पिता अस्पताल प्रशासन से अपना बेटा मांगते रहे। उनका कहना था कि मेरा बेटा ड्यूटी पर था। इस दौरान कैसे उसकी मौत हो गई, इसकी जांच कराई जानी चाहिए। वह बार-बार इंसाफ दिलाने की गुहार लगाते रहे।