खबर शहर , प्रसादम विवाद: मुरादाबाद में सब भगवान भरोसे.. मंदिरों में प्रसाद की जांच के लिए कोई पहल नहीं, अब उठने लगी मांग – INA

तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डुओं की जांच में चर्बी और मछली का तेल मिलने की पुिष्ट होने के बावजूद जिले के खाद्य विभाग ने अब तक मंदिरों के प्रसाद की जांच के लिए कोई पहल नहीं की है। आश्चर्यजनक बात यह है कि जिले में अब तक एक बार भी मंदिरों में प्रसाद की जांच नहीं की गई है। फिलहाल विभाग के पास ऐसी कोई योजना भी नजर नहीं आ रही है। 

मंदिर में बांटे जाने वाले प्रसाद में मिलावट को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। शहर में दो दर्जन से अधिक बड़े मंदिर हैं। इनमें शहर के लालबाग स्थित काली माता मंदिर, झारखंडी महादेव मंदिर, झंझानपुर स्थित प्राचीन शिव मंदिर, आवास विकास स्थित शिव मंदिर, माता मंदिर लाइनपार आदि  मंदिरों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

श्रद्धालु भक्तिभाव से प्रसाद भी चढ़ाते हैं। तिरुपति मंदिर प्रकरण के बाद शहर के मंदिरों के प्रसाद की जांच की भी मांग उठने लगी है।


मिलावट का सामान खाने के बाद आती है रिपोर्ट  

खाद्य सुरक्षा विभाग नवरात्र या दीपावली के त्योहार आने पर जांच अभियान शुरू कर देता है। त्योहार समाप्त होने पर एक माह बाद विभाग को लैब से रिपोर्ट मिलती है। इस बीच ग्राहक दुकान से सामानों की खरीदारी कर लेते हैं। ग्राहक उन सामानों का उपयोग भी कर लेता है। यदि सामान में मिलावट भी होती है तो उसका फायदा ग्राहकों को नहीं मिलता है।

जांच एजेंसियां यह सुनिश्चित नहीं करती है कि कौन दुकान  शुद्ध खाद्य पदार्थों की बिक्री कर रही है। जांच के बाद  मिलावटी सामान बिक जाते हैं। विभागीय अधिकारियों की मजबूरी होती है कि  रिपोर्ट के बगैर कोई  कार्रवाई नहीं कर सकता है।


113 सैंपल लिए खाद्य विभाग ने अगस्त तक 

खाद्य सुरक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 2024 में अप्रैल से लेकर जुलाई  तक 113 सैंपल अलग अलग दुकानों से लिए गए। 164 सैंपल की रिपोर्ट खाद सुरक्षा विभाग को लैब से मिली। इनमें 70 सैंपल मानक के विपरीत पाए गए। इस बारे में पूछने पर खाद्य सुरक्षा विभाग के उपायुक्त राजवंश श्रीवास्तव का कहना है कि अभी तक प्रसाद के सैंपल नहीं भरे गए हैं।


श्री तिरुपति मंदिर के प्रसाद में चर्बी मिलाकर हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया है। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही मुरादाबाद के मंदिर के प्रसाद की जांच होनी चाहिए। इससे श्रद्धालुओं के मन की आशंका दूर हो जाएगी। – महंत रामगिरी महाराज, प्राचीन सिद्धपीठ नौ देवी श्री कालीमाता मंदिर लालबाग

श्री तिरुपति मंदिर के मामले को गोपनीय रखा जाना चाहिए था। हालांकि इस मामले की जांच कर दंडित करने में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए। मुरादाबाद व अन्य जगहों पर भी प्रसाद की जांच कर खाद्य विभाग को सख्ती से निपटना चाहिए, ताकि भविष्य  में ऐसी गलती कोई न करे।  -पंडित अंबरीश पांडेय, मुख्य पुजारी, श्री राधा कृष्ण मंदिर सिविल लाइंस


श्री तिरुपति मंदिर मामले के दोषियों को सजा होनी चाहिए, ताकि भविष्य में हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ न हो। इस मामले के बाद श्रद्धालुओं के मन में तमाम तरह की शंकाएं उत्पन्न हो गई हैं। मुरादाबाद के मंदिरों के बाहर भी प्रसाद की जांच होनी चाहिए, ताकि श्रद्धालु पूरे भक्तिभाव से पूजा-पाठ कर सकें।  पंडित भोलेनाथ योगीराज, महंत, झारखंडी महादेव मंदिर

प्रसाद हो या खाद्य पदार्थ उसकी जांच होनी चाहिए। श्रद्धालुओं को क्या पता कि प्रसाद में क्या मिला है। देश के बड़े-बड़े मंदिरों की व्यवस्था प्रशासन की देखरेख में हैं। जांच के बाद चीजें स्पष्ट होंगी तो लोगों में भक्तिभाव बढ़ेगा और उत्साह बढ़ेगा। मुरादाबाद में ऐसे मंदिर हैं, जहां पर लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसलिए यहां भी जांच होना जरूरी है। -पंडित केदारनाथ मिश्र, मुख्य पुजारी, प्राचीन शिव मंदिर झांझनपुर


Credit By Amar Ujala

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