खबर शहर , UP News: आगरा में अंधेरा होते ही बदमाश चुस्त, पुलिस हो जाती है सुस्त; अंधेरे में हो रही सर्वाधिक वारदातें – INA

आगरा में अंधेरा होते ही चोर-लुटेरे चुस्त और पुलिस सुस्त हो जाती है। शहर से लेकर देहात तक गश्त कम ही नजर आती है। इसका फायदा बदमाश उठाते हैं। लूट ही नहीं, चोरी की वारदात तक करते हैं। यही वजह है कि अपराध में उजियारी रात के मुकाबले अंधेरी रात में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। आगरा कमिश्नरेट पुलिस अब क्राइम एनालिटिक्स पोर्टल की मदद से वारदात स्थल चिह्नित कर हाईटेक तरीके से अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण करेगी।

 


डीसीपी सिटी सूरज राय ने रविवार को पुलिस लाइन में सहायक पुलिस आयुक्त, थानाध्यक्ष-प्रभारी निरीक्षकों को पोर्टल का प्रशिक्षण दिया। एफआईआर सीसीटीएनएस के माध्यम से दर्ज की जाती है। इससे क्राइम एनालिटिक्स पोर्टल जुड़ा हुआ है। एक बार किसी अपराध का डाटा फीड होने पर अपराध की स्थिति को देखा जा सकेगा।
 


पुलिस को लॉगइन करने पर वारदात स्थल का पता चल जाएगा। इससे जान पाएंगे कि कहां और किस समय अपराध हुआ। इससे पुलिस हाट स्पाॅट चिह्नित करेगी। इन स्थानों पर गश्त बढ़ाई जा सकेगी। ग्राफिक्स और मैप के माध्यम से अपराध की स्थिति का पता चल जाएगा। पोर्टल पर सीसीटीवी कैमरा वाले स्थल की जानकारी भी फीड की जाएगी, जिससे किसी तरह की वारदात होने पर सीसीटीवी कैमरों के बारे में पता चल सके।

 


30 दिन में करें निस्तारण
डीसीपी हेड क्वार्टर सैयद अली अब्बास ने प्रशिक्षण के दाैरान मालों के निस्तारण के बारे में जानकारी दी। कहा कि जब्त संपत्ति जैसे वाहन, जेवरात और अन्य वस्तुओं को पुलिस थानों में लंबे समय तक रखने से न केवल संपत्ति को मूल्य घटता है, बल्कि यह न्यायिक प्रक्रिया को भी प्रभावित करता है। बताया गया कि नए कानून के तहत 30 दिन में माल का निस्तारण कर सकते हैं।

 


बैरियर चेकिंग एप समझाया
प्रशिक्षण में डीसीपी पश्चिमी जोन सोनम कुमार ने बैरियर चेकिंग एप के बारे में बताया। कहा कि इसे पूर्वी और पश्चिमी जोन में लागू कर दिया गया है। 2 हजार से ज्यादा लोग चेक हो चुके हैं। अब इसे सिटी में किया जा सकता है। इसके साथ ही महिला बीट के बारे में भी बताया गया। कमिश्नरेट में 122 महिला बीट पर 213 सिपाही तैनात हैं। बीट की चेकिंग प्रतिदिन दो सहायक पुलिस आयुक्त करेंगे। पहचान एप पर आईडी रहेगी। बीट की सूचना एप पर अपलोड की जाएगी।


Credit By Amar Ujala

Back to top button