देश – गाजियाबाद में शत्रु संपत्ति पर बने होटल को जब्त करने का आदेश – #NA
Noida News :
ग्रेटर नोएडा के चर्चित भूमाफिया दंपति गीता यादव और वेदपाल यादव को बड़ा झटका लगा है। गाजियाबाद शहर के बीचों-बीच स्थित शत्रु संपत्ति पर बने थ्री-स्टार होटल ‘एलीट’ को जब्त करने का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश शत्रु संपत्तियों के कस्टोडियन की ओर से गाजियाबाद के जिलाधिकारी को दिया गया है।
होटल को जब्त करने का आदेश
डिप्टी कस्टोडियन राजेंद्र कुमार द्वारा जारी किए गए इस आदेश में कहा गया है कि शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 और शत्रु संपत्ति नियम, 2015 के तहत जिलाधिकारी गाजियाबाद को शत्रु संपत्ति के संरक्षण और प्रबंधन के लिए ज़रूरी कदम उठाने का अधिकार है। इसी के अंतर्गत उक्त होटल को जब्त करने का निर्णय लिया गया है। गौरतलब है कि गीता यादव और वेदपाल यादव ने गाजियाबाद के बजरिया इलाके में स्थित शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जा कर इस होटल का निर्माण किया था और कई वर्षों से इसका संचालन कर रहे थे। इस संपत्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था, और पहले भी गाजियाबाद प्रशासन की ओर से उन्हें कई बार होटल खाली करने का नोटिस भेजा जा चुका था।
गीता यादव और वेदपाल यादव भूमाफिया घोषित
हालांकि, अब तक इस भूमाफिया दंपति ने प्रशासनिक आदेशों का पालन नहीं किया था। लेकिन ताजा आदेश के बाद गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने पुलिस और अन्य अधिकारियों को होटल को सील करने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, अगले एक-दो दिनों में इस होटल को सील करने की कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी। यह मामला तब और गरमाया जब पिछले महीने गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने सरकारी और गैर-सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जे के चलते गीता यादव और वेदपाल यादव को आधिकारिक तौर पर भूमाफिया घोषित किया था। इस घटना से प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिया है कि अवैध कब्जे और भूमि संबंधी अपराधों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। होटल की जब्ती से गीता यादव और वेदपाल यादव के व्यवसाय को तगड़ा झटका लगा है, और यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है।
मुंबई में कस्टोडियन का कार्यालय
आपको बता दें कि ग़ाज़ियाबाद के बजरिया में रहने वाले रहमत अली और एहसान अली वर्ष 1965 में रातोंरात शहर छोड़कर पाकिस्तान भाग गए थे। उनकी यह प्रॉपर्टी लावारिस पड़ी रह गई। भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान देश छोड़कर पाकिस्तान भागने वाले लोगों को शत्रु घोषित कर दिया गया था। उनकी संपत्तियों को भारत सरकार ने शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था। इन तमाम संपत्तियों पर भारत सरकार के कस्टोडियन का कब्जा है। शत्रु संपत्तियों के कस्टोडियन का कार्यालय मुंबई में हैं। लिहाजा, हर जिले के जिलाधिकारी बतौर डिप्टी कस्टोडियन काम करते हैं। जिला प्रशासन की उदासीनता का फायदा उठाकर भू-माफिया किस्म के लोग शत्रु संपत्तियों पर कब्जा कर रहे हैं, अवैध निर्माण कर रहे हैं। गीता यादव और वेदपाल यादव से जुड़ा मामला भी ऐसा ही है। इस संपत्ति की कीमत का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि बजरिया में दो लाख रुपये वर्ग मीटर तक जमीन की कीमत है।
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
Source link