यूपी- कर्ज माफी की आस! गाजीपर में 5 हजार किसानों ने लिया 10 करोड़ रुपए लोन, अब मिलने लगा बकाया का नोटिस – INA
उत्तर प्रदेश के किसान सहकारिता विभाग से कर्ज लेकर सरकार से कर्ज में राहत मिलने की उम्मीद करते हैं. गाजीपुर की सरकारी समितियों के माध्यम से सरकार ने किसानों को खाद और बीज के लिए 5671 किसानों को करीब 10 करोड़ 44 लाख का कर्ज दिया है. जिसे किसान अब जमा नहीं कर रहे हैं, जिसको लेकर सहकारिता विभाग ने नोटिस भी जारी किया है. अब किसानों से 5% संग्रह शुल्क के साथ वसूली की जाएगी. वहीं लोगों ने कहा कि किसान कर्ज माफी योजना की राह देख रहे हैं. किसान चाह रहे हैं कि सरकार उनके कर्ज को माफ कर दे. यही वजह है कि किसान कर्ज का भुगतान नहीं कर रहे हैं और ये कर्ज बढ़कर 11 करोड़ के करीब पहुंच गया है.
सहकारिता विभाग की तरफ से किसानों को खेती में सहूलियत देने के लिए सहकारिता के द्वारा संचालित समितियों के माध्यम से जोत व फसल के आधार पर कर्ज दिया जाता है. जिससे किसान वह अपने खेतों के लिए खाद-बीज और अन्य जो भी कार्य हैं वो आसानी से कर सके. फसल कट जाने और बिक जाने के बाद जो भी समिति का ब्याज है उसका अपने कर्ज के साथ भुगतान कर सकें. जिसके लिए खरीफ और रबी सीजन 2023-24 में सहकारिता विभाग की तरफ से हजारों किसानों को कर्ज दिया गया. जिसमें से बहुत सारे किसानों ने अपना कर्ज चुकता भी कर दिया लेकिन अभी भी जनपद के 5617 किसान के ऊपर सहकारी समितियों का 10 करोड़ 44 लाख रुपए बकाया है.
किसानों को नोटिस जारी
इस कर्ज के भुगतान के लिए सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों से कई बार संपर्क भी किया गया और उन्हें कर्ज जमा करने के लिए कहा भी गया लेकिन किसान कर्ज को जमा करने में कोई इंटरेस्ट नहीं ले रहे हैं. वहीं विभाग ने कर्ज न जमा करने वाले सभी किसानों के खिलाफ 95 क के तहत नोटिस जारी करते हुए 5% शुल्क वसूली करने का प्लान बना रहा है.
एआर कोऑपरेटिव अंशुल कुमार ने बताया कि खेत की जोत व फसल के आधार पर किसानों के लिए कर्ज स्वीकृत किया जाता है. विभाग की तरफ से 156 समितियों के माध्यम से 5617 किसानों को चिन्हित किया गया है. जिनके ऊपर सहकारी समितियों का बकाया है. इस बकाया के लिए किसानों से कई बार संपर्क किया गया लेकिन किसान अपने कर्ज को जमा करने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं.
किसानों को मिलती हैं ये सुविधाएं
उन्होंने बताया कि नोटिस जारी हो जाने के बाद से ब्याज अनुदान मिलने वाली सुविधा को भी समाप्त कर दिया जाएगा. सरकारी समितियों की ओर से खेती से संबंधित कई काम किए जाते हैं उर्वरकों के वितरण के साथ ऋण देने की सुविधा भी मिलती है.
गाजीपुर जनपद में खेती की बात करें तो जनपद में रवि की खेती के तहत गेहूं , जौ, दलहन, तिलहन, आलू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. वहीं खरीफ फसल के तहत धान, मक्का, बाजरा, ज्वार आदि की भी खेती की जाती है. इन्हीं फसलों के लिए समय-समय पर सिंचाई बीज उर्वरक आदि के लिए पैसे की जरूरत पड़ने पर साधन सहकारी समितियां की ओर से किसानों को कर्ज देकर सहायता की जाती है.
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