देश – जानिए छोटू के बड़े कारनामे, साइबर अपराधी ने खड़ा कर दिया मॉल, पतंजलि के नाम पर भी ठगी – #NA
Ghaziabad News :
गाजियाबाद कमिश्नरेट की साइबर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। नामी कंपनियों के नाम पर फर्जी वेबसाइट के जरिए साइबर क्राइम करने वाले गैंग के दो शातिर बिहार नवादा से गिरफ्तार किए गए हैं। अपर पुलिस उपायुक्त (साइबर क्राइम) सच्चिदानंद ने बताया कि शातिरों ने गाजियाबाद जिंदल सरिया उपलब्ध कराने के नाम पर करीब 15 लाख रुपये की ठगी की थी। मामले में पुलिस पहले भी एक अपराधी को कोलकाता से गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। नवादा से गिरफ्तार किए गए छोटे उर्फ छोटेलाल चौधरी साइबर क्राइम से संपत्ति जुटाकार बिहार के वारिसलीगंज में एक मॉल खोला है। छोटे इतना शातिर है कि उसने कोविड काल में पतंजलि योगपीठ में भर्ती कराने के नाम पर भी लोगों से साइबर ठगी की।
बीए पास है छोटे उर्फ छोटेलाल चौधरी
अपर पुलिस उपायुक्त ने बताया कि साइबर पुलिस टीम ने नवादा बिहार से छोटे उर्फ छोटेलाल चौधरी पुत्र राधो चौधरी उर्फ घमंडी और राजेश रंजन उर्फ अजय पुत्र बिजेंद्र को गिरफ्तार किया है। दोनों नालंदा जिले के पलनी गांव के रहने वाले हैं। छोटे बीए पास है जबकि राजेश रंजन दसवीं तक पढ़ा है। अभियुक्तों के कब्जे से पुलिस ने 29 एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। राजेश का काम ठगी का पैसा लेने के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराए जाते थे। वही एटीएम से पैसे निकालकर गैंग के साथियों में बांटता था।
सुभाष त्यागी के साथ की थी 15 लाख की ठगी
अभियुक्तों ने आनलाइन सरिया बेचने के लिए फर्जी वेबसाइट पर साइबर फ्रॉड करते हुए कुल 14,90,000 रूपये की साइबर ठगी को अंजाम दिया था। 25 सितंबर, 2024 को ऑनलाइन वेबसाइट पर प्रदर्शित नंबर पर सुभाष त्यागी ने सरिया का आर्डर दिया था। अभियुक्तों ने एडवांस पैसा भेजने की बात कहते हुए JINDAL STEEL & POWER LIMITED का फर्जी बिल देकर वादी से ठगी की गई थी। छोटू उर्फ छोटेलाल और राजेश रंजन उर्फ अजय को गाजियाबाद की साइबर टीम ने नवादा, बिहार से 12 नवंबर को गिरफ्तार किया है। उसके बाद टीम दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर गाजियाबाद ले आई।
एक शातिर कोलकाता से किया था गिरफ्तार
सुभाष त्यागी से ठगी के मामले में पुलिस 15 अक्टूबर को कोलकाता से रोहित साव नाम के शातिर को गिरफ्तार कर चुकी थी, उसके कब्जे से पुलिस ने घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन बरामद किया था। अपर पुलिस उपायुक्त सच्चिदानंद ने बताया कि अभियुक्तों के कब्जे से 1.77 लाख रुपये रिकवर किये हैं। साइबर अपराधियों द्वारा आनलाइन TMT सरिया बेचने के लिये वेबसाइट बनाकर मोबाइल नंबर 9062267046 वेबसाइट पर प्रदर्शित किया गया था।
सरिया सर्च करते ही दिखती थी वेबसाइट
शातिर गूगल को अच्छे खासे विज्ञापन देकर अपनी वेबसाइट को प्राथमिकता पर रखवाते थे ताकि कोई भी सरिया सर्च करे तो सबसे ऊपर वही दिखे। वेबसाइट पर प्रदर्शित मोबाइल नंबर पर कॉल आने पर कॉलर को कॉल बैक करके ऑर्डर लेते थे और फिर बैंक खाते में एडवांस राशि भेजने के लिए कहते थे। ग्राहक को फंसाने के लिए मॉल की क्राइसेस और खुद की व्यस्तता भी दर्शाते थे। उसके बाद ऑर्डर मिलने पर अभियुक्त ऑनलाइन पेमेन्ट लेकर JINDAL STEEL & POWER LIMITED का फर्जी बिल बनाकर उसे भेज देते थे। सरिया डिलीवरी ना होने पर ग्राहक कॉल करता था तो जिन्दल स्टील में User Code बनाने के नाम पर और पैसे ट्रांसफर कराते थे, इसके बाद भी सरिया डिलीवर ना होने पर पीड़ित को उसके साथ हुई ठगी का पता चलता था।
पतंजलि के नाम पर भी की थी ठगी
शातिर गलत नाम पते के सिम प्राप्त कर बिहार के नालन्दा जिले तथा कोलकाता के विभिन्न क्षेत्रों से इस अपराध को अंजाम दे रहे थे। अभियुक्त छोटू उर्फ छोटेलाल चौधरी इसके पहले भी दिल्ली तथा सोनीपत से साइबर अपराध में जेल जा चुका है। छोटे ने कोविड के समय में आक्सीजन सिलेंडर बेचने के नाम पर और पतंजलि योगपीठ में भर्ती के नाम पर लोगों से साइबर धोखाधड़ी की गई थी। छोटू उर्फ छोटेलाल पर दिल्ली में साइबर अपराध के तीन और सोनीपत, हरियाणा में एक मुकदमा दर्ज है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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