यूपी – UP: जिलाधिकारी और कमिश्नरों की एसीआर में शामिल होगा निवेश आकर्षण व सीडी रेशियो – INA

यूपी में अब जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों की वार्षिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट (एसीआर) में निवेश आकर्षण और सीडी रेशियो (क्रेडिट-डिपॉजिट) वृद्धि को भी शामिल किया जाएगा। इस पहल के साथ उत्तर प्रदेश ऐसा कदम उठाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

जिलाधिकारी एवं मंडलायुक्तों के प्रदर्शन का आकलन उनके जिलों में क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात में की गई प्रगति के आधार पर किया जाएगा। इसका उद्देश्य जिलों में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देना, निवेश बढ़ाना, और बैंकिंग सेवाओं के माध्यम से वित्तीय समावेशन को सुदृढ़ करना है।
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मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों की वार्षिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट में निवेश आकर्षण और सीडी रेश्यो वृद्धि के साथ साथ निवेशकों की सुरक्षा, सुविधाएं और सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए किये गये प्रयासों का भी मूल्यांकन होगा जिससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही उद्यमियों के लिए समयबद्ध तरीके से लैंड अलॉटमेंट, लैंड सब्सिडी, लैंड यूज चेंज, लैंड क्लियरेंस समेत लैंड बैंक को तैयार कर उसकी मॉनीटरिंग और रेगुलर अपडेशन किये जाने का भी मूल्यांकन किया जाएगा। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि जिलों में निवेश लाने और उसे प्रोत्साहित करने के लिए अधिकारी अपनी भूमिका को जिम्मेदारी से निभाएं। 
उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने जिलों में निवेश को मापने और बढ़ावा देने के लिए क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात को प्राथमिकता दी है। यह नीति न केवल आर्थिक विकास को गति प्रदान करेगी, बल्कि सरकारी अधिकारियों के कार्यप्रणाली में जवाबदेही और पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगी। सरकार का यह कदम राज्य के समग्र विकास और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात बैंकों द्वारा जिलों में दिए गए ऋण और उनके द्वारा जमा की गई धनराशि का अनुपात है। यह आर्थिक गतिविधियों के स्तर और वित्तीय संसाधनों के उपयोग का एक प्रमुख संकेतक है। 


Credit By Amar Ujala

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