देश – लोन चुकाने के लिए दंपति ने शुरू किया ऐसा काम, पुलिस ने 700 CCTV खंगाले और फिर… – #NA

Ghaziabad News :
बड़े बुजुर्ग कहा करते थे कि अपनी चादर के हिसाब से पैर फैलाने चाहिएं। वो गलत नहीं थे। आजकल शहरों में आने वाले युवक युवतियां नौकरी शुरू करने के साथ ही क्रेडिट कार्ड और लोन लेकर सुविधाओं का भोग शुरू कर देते हैं लेकिन इस बीच कुछ ऊंच नीच होने पर आर्थिक संकट में फंस जाते हैं और कई बार गलत रास्ते पर पड़ जाते हैं। कविनगर थानाक्षेत्र के पांडव नगर स्थित स्कॉर्डी ग्रीन सोसायटी में रहने वाले दंपति के साथ ऐसा ही हुआ। क्रेडिट कार्ड का लोन चुकाने में नाकाम दंपत्ति चेन स्नेचिंग करने लगे और अब दोनों सलाखों के पीछे हैं।

युवक की नौकरी चली गई थी

क्रेडिट कार्ड पर दो लाख के लोन की ईएमआई अभी चल ही रही थी कि युवक नौकरी चली गई। फ्लैट का किराया और ईएमआई चुकाने के लिए दोनों चेन स्नेचिंग शुरू कर दी, लेकिन दूसरी वारदात के बाद ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पुलिस के मुताबिक दंपति ने पहले वारदात 29 अक्टूबर को और दूसरी 15 नवंबर को की थी। दोनों वारदातें क्रॉसिंग रिपब्लिक क्षेत्र में ही अंजाम दी गई थीं। पुलिस को “बंटी और बबली”  तक पहुंचने के लिए एक माह‌ तक पसीना बहाना पड़ा, लेकिन अंजाम वहीं हुआ जो अक्सर बुरे काम का होता है।

29 अक्टूबर को की थी पहली वारदात‌

एसीपी वेव सिटी लिपि नगायच ने बताया कि 29 अक्टूबर को ‌क्रॉसिंग रिपब्लिक थानाक्षेत्र में एक एक महिला के साथ चेन स्नेचिंग हुई थी। पुलिस ने इस घटना को चुनौति मानते हुए खुलासे के प्रयास शुरू किए। क्रॉसिंग रिपब्लिक थानाध्यक्ष प्रीति गुप्ता के नेतृत्व में स्नेचिंग के खुलासे के ल‌िए चार टीमें गठित की गई थीं। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि लुटेरे एक नीले रंग की स्कूटी पर सवार थे। उस स्कूटी की चालक एक युवती थी। नंबर प्लेट मुड़ी होने के कारण सीसीटीवी से स्कूटी का नंबर नहीं मिल पाया।

15 नवंबर को दूसरी वारदात

क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके में पुलिस ने तमाम सीसीटीवी कैमरे खंगाले पर कहीं स्कूटी का नंबर नहीं पता चल सका। पर पुलिस ने स्कूटी का पीछा नहीं छोड़ा। सीसीटीवी खंगालती रही। दो सप्ताह से अधिक गुजर गए। 15 नवंबर को क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके में अलका नाम की महिला से स्नेचिंग हुई। सीसीटीवी देख पुलिस समय गई कि उसी स्कूटी सवार जोड़े ने फिर वारदात को अंजाम दे दिया। वारदात के दौरान युवती स्टार्ट स्कूटी लिए खड़ी रही और जैसे ही युवक वारदात को अंजाम देकर स्कूटी पर सवार हुआ, स्कूटी फर्राटे भरती हुई फरार हो गई।

पुलिस ने सात सौ सीसीटीवी खंगाले

पहली घटना को पुलिस खोल नहीं पाई और वही जोड़ा फिर से वारदात को अंजाम देकर फरार हो गया। पुलिस की नींद उड़ाने के लिए यह बात कम नहीं थी। देखा जाए तो इस घटना ने पुलिस पर खुलासे के ल‌िए और दवाब और बढ़ाने का काम किया। पुलिस इतना तो पता लगा चुकी थी कि स्कूटी वारदात के बाद लालकुंआ की ओर चली गई। पुलिस ने लालकुंआ, जीटी रोड, अंबेडकर रोड, गोल्फ लिंक और पांडवनगर में करीब सात सौ सीसीटीवी खंगाले।

ओम विहार पर दिखी स्कूटी

लूट के बाद स्कूटी सवार पुलिस की आंखों में धूल झोंकते हुए पांडव नगर के ओम विहार पहुंचे। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि दोनों ने स्कूटी वहीं छोड़कर एक कैब बुलाई और उसमें सवार होकर चले गए। पुलिस ने उसी कैमरे पर फोकस बढ़ा दिया। रात में करीब नौ बजे एक युवक आया। इस बार वह अकेला था बाइक टैक्सी से उतरा था। उसने स्कूटी स्टार्ट की और निकल गया। बाइक टैक्सी का नंबर पुलिस के काम का निकला। उसी से पुलिस बाइक टैक्सी चालक तक पहुंची और चालक से उस राइडर तक।

पहली स्नेचिंग में मिले 30 हजार

बाइक टैक्सी राइडर का नंबर मिलने के बाद पुलिस को स्नेचिंग खोलने में देर नहीं लगी। पुलिस के मुताबिक आरोपी विवेक पांडेय मूलरूप से अयोध्या जनपद का रहने वाला है और साथ में उसकी पत्नी कीर्ति शर्मा थी। दोनों को पांडव नगर की स्कॉर्डी ग्रीन सोसायटी से गिरफ्तार किया गया है। विवेक ने पुलिस को बताया कि 29 अक्टूबर को लूटी पहली चेन को बेचकर उसे 30 हजार रुपये मिले थे। पुलिस ने अभियुक्तों के कब्जे से 15 नवंबर को लूटी गई चेन बरामद कर ली है।

नौकरी जाने के बाद शुरू की स्नेचिंग

पूछताछ में दोनों ने बताया कि उनकी एक तीन माह की बेटी भी है। पिछले साल शादी हुई थी। विवेक नोएडा में बजाज एलायंज कंपनी में नौकरी करता था। शादी के बाद ही क्रेडिट कार्ड पर दो लाख का लोन लिया था, उसकी ईएमआई चल रही थी कि इसी बीच नौकरी चली गई। ईएमआई और फ्लैट के किराए के लिए चेन स्नेचिंग शुरू कर दी।

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

Source link

Back to top button