सोनभद्र में गैंगस्टर एक्ट के दोषी गैंग लीडर समेत दो को सजा….कोर्ट ने 2 साल कैद की सजा सुनाई, 5-5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया
गवाही देने की कोई हिम्मत नहीं करता था
मामला 3 अगस्त 2000 का है। जब प्रभारी निरीक्षक जटा शंकर प्रसाद ने बीजपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि लालचंद बिंद, जो इलाहाबाद के हड़िया थाने के मुई गांव का निवासी है, एक सक्रिय गैंग का लीडर है। इस गैंग में मनीलाल बिंद समेत अन्य सदस्य शामिल हैं। यह गैंग पेट्रोल पंप पर खड़ी ट्रक का टायर चोरी करने की योजना बना रहा था।
इन पर चोरी, लूट और आर्म्स एक्ट समेत कई मुकदमे चल रहे थे। गैंग का मुख्य उद्देश्य लोगों में भय पैदा कर आर्थिक लाभ हासिल करना था। जिसकी वजह से कोई इनके खिलाफ गवाही देने की हिम्मत नहीं करता था।
5-5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई
बीजपुर थाने में इसी तहरीर पर गैंगस्टर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। जांच के बाद पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्क सुने। गवाहों के बयान और दस्तावेजों का अवलोकन किया। इसके बाद, दोषी पाए गए गैंग लीडर लालचंद बिंद और मनीलाल बिंद को 2-2 साल की कठोर कैद और 5-5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता गैंगस्टर कोर्ट धनंजय शुक्ला ने बहस की।