Crime- एकतरफा इश्क, 3 मर्डर और अब सजा… क्या था छपरा का खूनी खेल, जिसमें 48 दिन में आया कोर्ट का फैसला?
देश में भारतीय दंड संहिता (IPC)- 1860 खत्म होने के बाद अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) लागू है. इसके लागू होने के बाद हत्या के मामले में पहला फैसला आया है. ये फैसला बिहार के छपरा कोर्ट ने एक ट्रिपल मर्डर केस में सुनाया है. मंगलवार को छपरा के जिला सत्र न्यायाधीश पुनीत कुमार गर्ग ने इस ट्रिपल मर्डर केस में ‘BNS’ के तहत दो आरोपियों को दोषी करार दिया. हालांकि, अभी सजा पर फैसला आना बाकी है. 5 सितंबर को सजा सुनाई जाएगी. खास बात यह है कि 48 दिन के अंदर ही इस केस में फैसला आ गया. हत्या के बाद 15वें दिन ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो गई. 22 दिन तक केस की सुनवाई हुई. आइए जानते हैं आखिर क्या है छपरा ट्रिपल मर्डर केस की पूरी कहानी…
छपरा जिले के रसूलपुर थाना क्षेत्र स्थित धनाडीह गांव के लिए 17 जुलाई 2024 की रात किसी कयामत की रात से कम नहीं थी. धनाडीह गांव भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव का गांव है. इस गांव में उस रात ऐसी घटना घटी कि पूरा इलाका सकते में आ गया. दरअसल, 17 जुलाई की रात को डायल-112 पर यह सूचना मिली कि धानाडीह गांव में तारकेश्वर सिंह उर्फ झाबर सिंह के घर की छत पर तीन लोगों को किसी धारदार हथियार से काट दिया गया है.
पुलिस ने 12 घंटे में ही पकड़ लिए थे दोनों आरोपी
सूचना मिलने के बाद रसूलपुर थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची. जांच के दौरान मृतकों की पहचान तारकेश्वर सिंह उर्फ झाबर सिंह और उनकी दोनों नाबालिग बेटियों के रूप में हुई. मौके पर झाबर सिंह की पत्नी शोभा देवी घायल अवस्था में मिलीं. पुलिस ने उन्हें आनन-फानन में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. जब उनको होश आया तो पुलिस ने उनका बयान दर्ज किया. शोभा सिंह के बयान के आधार पर पुलिस ने 12 घंटे के अंदर ही अभियुक्त सुधांशु कुमार उर्फ रौशन और अंकित कुमार को हिरासत में लिया. ये दोनों ही अभियुक्त रसूलपुर गांव के निवासी थे.
पुलिस ने आरोपियों का DNA टेस्ट करवाया
हिरासत में लिए गए दोनों अभियुक्त सुधांशु और अंकित ने इस घटना को अंजाम देने में अपनी संलिप्तता को स्वीकार भी किया, तब पुलिस ने यह भी जानकारी दी थी कि इन दोनों के ही हाथ पर किसी धारदार हथियार से बने जख्म मिले हैं. साथ ही खून के लगे कपड़े भी मिले थे, जिन्हें FSL जांच के लिए भेज दिया गया था. घटना के बाद शवों को पोस्टमार्टम करने के लिए छपरा भेज दिया गया था. इन दोनों ने खून से लगे कपड़ों को जलाने का भी प्रयास किया था. पुलिस ने आरोपियों का DNA टेस्ट भी करवाया, जिसमें कपड़ों पर लगा ब्लड सैंपल मैच कर गया.
चाकू से गोदकर की गई थी हत्या
तब SP छपरा आशीष कुमार ने बताया था कि इस घटना में मृतक तारकेश्वर सिंह उर्फ झाबर सिंह की पत्नी शोभा देवी के बयान के आधार पर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ में अभियुक्तों ने अपना जुर्म स्वीकार भी कर लिया था. घटना के प्रयुक्त चाकू भी बरामद कर ली गयी थी. SP आशीष कुमार ने बताया था कि जांच में मामला प्रेम-प्रसंग का निकलकर सामने आया था. तारकेश्वर सिंह की एक बेटी से आरोपी सुधांशु का प्रेम-प्रसंग चल रहा था. दो दिनों से सुधांशु की उससे बात नहीं हो रही थी. इसी से क्षुब्ध होकर सुधांशु ने अपने दोस्त संग मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था.
मारने केवल प्रेमिका को आया, खत्म किया पूरा परिवार
पुलिस पूछताछ में आरोपी सुधांशु ने बताया था कि तारकेश्वर सिंह की बड़ी बेटी से उसका अफेयर था. पहले दोनों बातचीत करते थे, लेकिन धीरे-धीरे लड़की ने उससे बातचीत बंद कर दी. जब भी कभी बातचीत होती तो वह लड़ाई-झगड़ा करती. एका-एका लड़की के व्यवहार में इस तरह का बदलाव देख वह हैरान था. एक दिन उसने लड़की को धमकी दी थी कि वह अगर उसकी नहीं हुई तो किसी और की भी नहीं होगी. इसके बाद अपने दोस्त अंकित के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया. सुधांशु ने बताया था कि वह केवल अपनी प्रेमिका को मारना चाहता था, लेकिन बचाव में पूरे परिवार पर हमला करना पड़ा.
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