Crime- शिक्षक हत्या मामला: 7 दोषियों को आजीवन कारावास, शिक्षिका ने छात्र के साथ प्रेम प्रसंग में कराई थी पति की हत्या -#INA
हरियाणा के महेंद्रगढ़ के सतनाली क्षेत्र के गांव नांवां में करीब चार वर्ष पूर्व हुई शिक्षक की हत्या के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय नारनौल ने निर्णय देते हुए मामले में सात आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। डॉ. डीएन भारद्वाज के न्यायालय में मृतक शिक्षक शुभराम की पत्नी सहित 6 अन्य को हत्या व हत्या का षड्यंत्र रचने के आरोप में यह सजा सुनाई है। दोषियों पर 4 लाख 38 हजार 500 रुपये जुर्माना लगाया गया है।
चार वर्ष पूर्व 15 अगस्त 2020 को नांवां निवासी शुभराम अपनी ड्यूटी के लिए अपने घर से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय निंबी के लिए निकला था। रास्ते में कुछ युवकों ने शिक्षक शुभराम को रास्ते में रोककर उसका अपहरण कर लिया तथा उसकी हत्या कर दी।
आरोपियों ने हत्या की वारदात को अंजाम देकर इसे सड़क हादसा दिखाने के लिए प्रयाए किए थे। मृतक शिक्षक के परिजनों ने पुलिस में शिकायत देते हुए हत्या की संभावना जताई थी तथा चिकित्सकों मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया था। इसके बाद पुलिस ने गहनता से मामले की जांच की तथा पूरे मामले का खुलासा किया।
पुलिस जांच में सामने आया कि मृतक शुभराम की पत्नी विनोद कुमारी जो नांवां के स्कूल में शिक्षक पद पर कार्यरत थी। विनोद कुमारी का स्कूल के ही छात्र मनीष से प्रेम प्रसंग था तथा उसी के चलते उन दोनों ने शुभराम को रास्ते से हटाने की योजना बनाई थी। छात्र मनीष ने इस कार्य में अपने साथियों के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा।
पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए आरोपी विनोद कुमारी, मनीष, सतेंद्र उर्फ बंटी, हिमांशु, अनूप, निकेश उर्फ निक्कू और नवीन उर्फ रौनक के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया था। इसके बाद यह मामला न्यायालय में चला गया था। अब चार वर्ष बाद मामले में एडीजे नारनौल ने अहम निर्णय सुनाते हुए सातों आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ जुर्माने की सजा सुनाई है।
शिक्षक और छात्र के पवित्र रिश्ते को खराब किया, नरमी के पात्र नहीं
न्यायालय ने टिप्पणी की है कि दोषी विनोद कुमारी और मनीष ने शिक्षक और छात्र के पवित्र रिश्ते को खराब किया और सामाजिक मानदंडों के बारे में सोचे बिना शुभराम की हत्या कर दी। ऐसे में उनकी सजा कम करने वाली कोई परिस्थिति नहीं है और दोषी विनोद कुमारी किसी भी तरह की नरमी के पात्र नहीं है। पुलिस ने निर्णय के बाद दोषियों को जेल भेज दिया है।