रसूखदार लेखपाल मार्कण्डेय गुप्ता की कारस्तानी चर्चा मे
🔴स्थानांतरण के बाद भू-माफिया से प्रभावित होकर लगाया फर्जी रिपोर्ट
🔵मोटी कमीशन लेकर चीनी मिल की 109 डिस्मिल जमीन को एक व्यवसायी के हाथो बेचवाने व भू-माफिया के खिलाफ फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले रसूखदार लेखपाल मार्कण्डेय गुप्ता की कहानी
🔴डीएम, एडीएम और एसडीएम के आदेश को ठेंगा दिखाते है मार्कण्डेय
कुशीनगर । चीनी मिल प्रबंधन के साथ मिलकर चीन मिल की 109 डिस्मिल जमीन को एक व्यवसायी के हाथो बेचवाने वाले लेखपाल मार्कण्डेय गुप्ता का एक और कारस्तानी सामने आया है। अपने रसूख और प्रभाव का दम भरने वाले लेखपाल मार्कण्डेय गुप्ता, स्थानांतरण के बाद सरकारी जमीन पर भू-माफिया द्वारा किये गये अवैध कब्जा के प्रकरण में फर्जी रिपोर्ट लगाकर सबको चौका दिया है। बताया जाता है कि चीनी मिल प्रकरण मे जब लेखपाल मार्कण्डेय गुप्ता का स्थानांतरण हुआ तो वह एसडीएम को ही कप्तानगंज तहसील से हटवाने का जोर-आजमाइश करने लगे, जब इनका रसूख काम नही आया तो एसडीएम के स्थानांतरण आदेश को ठेंगा दिखाकर अपने स्थान पर जबरिया बने रहे और भू-माफिया द्वारा सरकारी जमीन पर किये गये अवैध कब्जा के मामले मे फर्जी रिपोर्ट लगाकर सीएम योगी के महत्वाकांक्षी अभियान को खुला चुनौती दे डाला है।
काबिलेगौर है कि जनपद के कप्तानगंज तहसील मे तैनात लेखपाल मार्कण्डेय गुप्ता किसी परिचय के मोहताज नही है इनके किस्से दूर तलक तक चर्चा मे है। एसडीएम और डीएम के आदेश को ठेंगा दिखाना इनकी फितरत में शामिल है। बीते वर्ष जिलाधिकारी के आदेश दिनांक 11-5-2022 के अनुपालन मे अपर जिलाधिकारी द्वारा पत्र संख्या – 33(1-7)/सात-भूलेख – 2022 दिनांक – 11 मई-2022 को लेखपाल मार्कण्डेय गुप्ता का स्थानांतरण जनहित मे नियमानुसार कप्तानगंज तहसील से खड्डा तहसील मे किया गया था। आदेश मे यह भी लिखा था कि स्थानांतरित लेखपाल मार्कण्डेय गुप्ता इस आदेश प्राप्ति के पश्चात तत्काल नये तैनाती तहसील मे कार्यभार ग्रहण करे। लेकिन अफसोस मनबढ लेखपाल मार्कण्डेय गुप्ता ने डीएम व एडीएम के आदेश को ठेंगा दिखाकर न सिर्फ दो वर्षों तक कुण्डली जमाकर जमे रहे बल्कि उस स्थानांतरण आदेश को भी रद्दी के टोकरी मे डाल दिया और रिलीब नही हुए।
🔴 व्यवसायी के हाथो बेचवाया चीनी मिल की जमीन
कहना ना होगा कि कप्तानगंज स्थित चीनी मिल (दी कनोरिया सुगर एण्ड जनरल मैनुफैक्चरिंग कम्पनी लि०) के जिम्मे किसानों एवं मिल कर्मियों का मूल्य 77,12,61,000/- रूपये बकाया है।चीनी मिल की अचल सम्पत्ति की कुर्की के लिए लेखपाल मार्कण्डेय गुप्ता को अपने क्षेत्र बसहिया उर्फ कप्तानगंज अन्तर्गत आने वाले चीनी मिल की अचल सम्पत्तिओं का ब्योरा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था। नतीजतन लेखपाल मार्कण्डेय गुप्ता द्वारा अनैतिक लाभ के उद्देश्य से ग्राम बसहिया उर्फ कप्तानगंज अन्तर्गत आने वाले चीनी मिल भूमि का गाटा संख्या-1111, 1122 व 1126 का ब्योरा छिपा लिया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि गाटा संख्या-1111, 1122, 1126 की कुर्की नहीं हो सकी। बाद में लेखपाल मार्कण्डेय गुप्ता ने विक्रेता आनन्द कुमार सिंह व क्रेता श्याम कुमार केजरीवाल से कमीशन के तौर पर मोटी रकम लेकर गाटा संख्या- 1111, 1122, 1126 की भूमि का विक्रय करा दिया गया। मार्कण्डेय गुप्ता के इस कुकर्म का जब खुलासा हुआ तो एसडीएम कप्तानगंज ने पहले स्पष्टीकरण मांगा और लेखपाल की ओर से संतुष्टपूर्ण जबाब नही मिलने पर उपजिलाधिकारी कप्तानगंज ने पत्रांक – 4860/र0का0-2024 दिनांक – 22-8-2024 को मार्कण्डेय गुप्ता का स्थानांतरण नगर पंचायत कप्तानगंज- 30 व बसहिया उर्फ कप्तानगंज – 31 से चन्दरपुर-47 हल्का में कर दिया। सूत्र बताते है कि अपना स्थानांतरण होने के बाद खार खाये लेखपाल मार्कण्डेय गुप्ता कप्तानगंज तहसील क्षेत्र से उपजिलाधिकारी को हटाने का षडयंत्र रचने लगे यह बात दिगर है कि वह अपने मंसूबे मे कामयाब नही हुए है लेकिन सूत्रों का दावा है कि प्रयास अभी जारी है।
🔴सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा के मामले मे लगाया फर्जी रिपोर्ट
बतादे कि 22 अगस्त-2024 को स्थानांतरित होने के बाद भी रसूखदार लेखपाल मार्कण्डेय गुप्ता, एसडीएम के आदेश के ठेंगा दिखाकर पूर्व के भाति अपने क्षेत्र में कुण्डली जमाये बैठे रहे। इसी दरम्यान कप्तानगंज व्यवसायी व सामाजिक कार्यकर्ता रामनरेश अग्रहरी द्वारा अनिल खेतान पर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने का साक्ष्य सहित शिकायत की गयी। इस पर लेखपाल ने आरोपी भू माफिया से प्रभावित होकर दिनांक 28-8-2024 गोल-मटोल व बिना कोई साक्ष्य प्रस्तुत किये रिपोर्ट लगाकर कर मामले का इतिश्री करने का प्रयास किया। लेखपाल ने अपने रिपोर्ट मे लिखा है कि स्थली जाचोंपरांत बंजर की जमीन का सीमांकन कर खाली करा दिया गया है जबकि सूत्रों का दावा है कि लेखपाल मार्कण्डेय गुप्ता न तो मौके पर गये और न ही भू-माफिया के कब्जे वाली सरकारी जमीन को खाली कराया है स्थित आज भी जस की तस है। सूत्रो का कहना है कि यह रिपोर्ट लगाने के लिए लेखपाल ने आरोपी भू-माफिया से मोटी रकम वसूल की है जो जांच का विषय है। इधर लेखपाल के इस कारस्तानी को लेकर जब शिकायतकर्ता रामनरेश अग्रहरी ने हो-हल्ला मचाया तो एसडीएम ने अपने आदेश को संज्ञान लेते हुए तत्काल लेखपाल मार्कण्डेय गुप्ता को चन्दरपुर के लिए रिलीब किया।
🔵 रिपोर्ट – संजय चाणक्य