Crime- ‘मैं चोर नहीं, मुझसे पहले भी एक लड़की…’, कोटा की मेडिकल स्टूडेंट ने कही ये बात, फिर जयपुर में 7वीं मंजिल से कूदकर दी जान
मुझे क्यों टारगेट कर रहे हैं, पता नहीं. मैं चोर नहीं हूं… ये अंतिम शब्द थे 19 साल की दिव्यांशी नागर के. जो कि राजस्थान के जयपुर में मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी. इसके बाद दिव्यांशी ने अपार्टमेंट की सातवीं मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली. जिस अपार्टमेंट से कूदकर दिव्यांशी ने सुसाइड किया, वहां उसके मामा-मामी रहते हैं. भतीजी की मौत के बाद मामा ने आरोप लगाया- मेरी भतीजी डिप्रेशन में थी. जिस हॉस्टल में वो रहती थी, वहां की वार्डन उसे टॉर्चर करती थी. यहां तक कि उस पर चोरी का इल्जाम लगाकर हॉस्टल से भी निकाल दिया था.
पुलिस ने दिव्यांशी के मामा जयंत कलवार की तहरीर पर आरोपी हॉस्टल वार्डन और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. मामले में आगामी कार्रवाई जारी है. जानकारी के मुताबिक, दिव्यांशी नागर मूल रूप से कोटा की रहने वाली थी. वह सांगानेर के साईपुरा में स्थित डॉ. एमपीके होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर में फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट थी. दिसम्बर 2023 से कॉलेज कैंपस में बने गर्ल्स हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी.
जयंत कलवार ने उस रोज की पूरी कहानी बताई. बोले- 29 अगस्त की शाम करीब साढ़े चार बजे उन्हें दिव्यांशी की मां सुनीलती का कॉल आया. उन्होंने बताया कि हॉस्टल वार्डन ने उन्हें कॉल कर कहा- दिव्यांशी को हॉस्टल से निकाल रहे हैं. आप उसे जयपुर आकर हॉस्टल से तुरंत ले जाएं. बहन सुनीलती के कहने पर मैं शाम करीब 5:15 बजे पत्नी को साथ लेकर दिव्यांशी के हॉस्टल पहुंचा. हॉस्टल वार्डन सीमा मीणा से मिले तो उन्होंने दिव्यांशी की शिकायतें करना शुरू कर दिया. कहा कि ये चोरी करती है. इसे मैं यहां रहने नहीं दूंगी. उस वक्त और भी कई लड़कियां वहां मौजूद थीं. वार्डन सभी के सामने दिव्यांशी को जलील कर रही थी. इसके बाद हम भतीजी को वहां से लेकर अपने घर की तरफ निकल पड़े.
क्या बोली थी दिव्यांशी?
मामा ने आगे बताया- रास्ते भर में दिव्यांशी रोती रही. हमने उससे शांत करवाने की कोशिश की. लेकिन वो बस एक ही बात कहती रही. मामा मैंने कोई चोरी नहीं की है. वार्डन मुझ पर झूठा आरोप लगा रही है. मैं नहीं जानती मुझे क्यों टारगेट किया जा रहा है. लेकिन इस कारण कॉलेज में भी सभी मुझे चोर कहकर बुलाते हैं. इससे पहले भी वार्डन ने एक और लड़की पर ऐसे ही इल्जाम लगाकर उसे हॉस्टल से बाहर निकाल दिया था.
अपार्टमेंट से कूद गई दिव्यांशी
जयंत के मुताबिक, जब वो घर पहुंचे तो उन्होंने दिव्यांशी को चुप करवाया. कहा- बेटा कोई बात नहीं, हम कॉलेज वालों से बात करेंगे. इसके बाद मेरी पत्नी किचन में काम करने चली गई और मैं बाजार से कुछ सामान लेने. लेकिन तभी मुझे फोन आया और बताया गया कि दिव्यांशी अपार्टमेंट से कूद गई है. हम उसे तुरंत अस्पताल लेकर पहंचे. गंभीर हालत के चलते दिव्यांशी को सीके बिरला हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया. लेकिन उसी रात उसकी मौत हो गई.
दिव्यांशी के घर वालों की मांग
पुलिस ने कहा- हमने मामला दर्ज कर लिया है. कॉलेज प्रशासन और हॉस्टल वार्डन से पूछताछ की जा रही है. दोषी पाए जाने पर आरोपी हॉस्टल वार्डन के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. उधर अपनी बेटी को खोकर दिव्यांशी के घर वालों का रो-रोकर बुरा हाल है. उनका कहना है कि घटना को कई दिन बीत चुके हैं. हम अपनी बेटी के लिए न्याय का इंतजार कर रहे हैं. हमारी डिमांड बस इतनी है कि दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए.
Source link