Crime- Meerut: मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाया, फिर डिजिटल अरेस्ट किया; रिटायर्ड बैंक कर्मी से ठग लिए 1 करोड़ 73 लाख रुपए
साइबर क्राइम लगातार देश में पनपता जा रहा है. एक राज्य में बैठकर दूसरे राज्य के किसी भी जिले में डिजिटल अरेस्ट कर करोड़ों की ठगी की जा रही है और पुलिस हाथ पर हाथ रख कर बैठी रह जाती है. कुछ अपराधी पकड़े जाते हैं, लेकिन ज्यादातर बच जाते हैं और अपराध करते रहते हैं. ताजा मामला मेरठ का है, जहां एक रिटायर्ड बैंक कर्मचारी से मनी लॉन्ड्रिंग का खौफ दिखाकर लगभग 1 करोड़ 73 लाख रुपए की ठगी की गई है. आरोप है कि चार दिन तक बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट किया गया था.
डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का पूरा मामला मेरठ के सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है, जहां पांडव नगर में बुजुर्ग सूरज प्रकाश रहते हैं, जो कि रिटायर्ड बैंक कर्मचारी हैं. इनको कुछ लोगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 1 करोड़ 73 लाख की ठगी की. बुजुर्ग ने साइबर थाने में की गई शिकायत में बताया कि पहले 17 सितंबर को एक कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकॉम विभाग से बताते हुए उनके सभी नंबरों को बंद करने की बात कही. कॉल करने वाले ने बताया कि आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर केनरा बैंक में एक अकाउंट खोला गया है, जिसमें 6.80 करोड़ रुपए मनी लॉन्ड्रिंग के आए हैं.
वॉट्सऐप पर आई बुजुर्ग को कॉल
इसके बाद बुजुर्ग को वॉट्सऐप नंबर पर एक कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले ने उनके खिलाफ महाराष्ट्र में रिपोर्ट दर्ज होने की जानकारी दी. साथ ही कॉल करने वाले ने बुर्जग को जेल भेजने की धमकी देकर डराया. ठगों ने उन्हें घर से बाहर निकलने और किसी से बात से भी बात करने से मना कर दिया. बुजुर्ग का आरोप है कि 18 सितंबर को उनके बैंक खाते से एक बार 3.80 लाख और दूसरी बार 5 लाख रुपए ट्रांसफर कराए गए. वहीं, 20 सितंबर को एक बैंक खाते में 90 लाख रुपए ट्रांसफर कराए गए.
4 दिनों में की 1 करोड़ 73 लाख 80 हजार की ठगी
21 सितंबर को एक बैंक खाते में 45 लाख रुपए और दूसरे बैंक खाते में 30 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए. इस तरह से बुजुर्ग से 4 दिनों में 1 करोड़ 73 लाख 80 हजार रुपए की ठगी की गई. बुजुर्ग को जब इस बात का एहसास हुआ है कि कॉल करने वाले कोई भी सरकारी अधिकारी नहीं बल्कि फर्जी आदमी हैं तो उन्होंने घटना की जानकारी मेरठ के साइबर थाने में दी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
पुलिस ने अकाउंट सीज करने के लिए लिखा पत्र
साइबर पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपियों के बैंक अकाउंट की सीज करने के लिए बैंक को पत्र लिखा. वहीं, पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए दो टीमें भी गठित की हैं. वहीं इस पूरे मामले में मेरठ के SSP डॉ. विपिन ताडा का कहना है कि साइबर थाने में आकर एक व्यक्ति ने सूचना दी कि उन पर महाराष्ट्र में एक मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया है और उनसे कहा गया कि बचने के लिए उन्हें RBI के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करना होगा, जो कि जांच के बाद उनको वापस मिल जाएगा.
साइबर थाने में दर्ज कराई शिकायत
इस बहकावे में आकर उन्होंने अपने अकाउंट से वह पैसा उनके अकाउंट में ट्रांसफर करा लिया और जब उन्हें आभास हुआ कि उनके साथ ठगी हुई है तो उन्होंने साइबर पुलिस में जाकर शिकायत की. SSP का कहना है कि आजकल ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें इस प्रकार का साइबर अपराध किया जा रहा है, जिसमें किसी भी व्यक्ति को फोन करके उनको यह बताया जाता है कि वह किसी अपराध मामले में लिप्त हैं.
SSP ने किया निवेदन
इससे बचने के लिए उन्हें पैसे संबंधित दिए गए अकाउंट में ट्रांसफर करने पड़ेंगे, जिससे उनका बचाव हो सके और लोग इनका शिकार बन जाते हैं. SSP ने कहा कि सभी से निवेदन है कि इस प्रकार ठगी में न आएं और इस प्रकार का कोई फोन आता है तो तुरंत पुलिस को सूचना दें.
Source link