Crime- अतीक और अशरफ को अनजानों ने मारा, उसी पैटर्न पर बाबा सिद्दीकी की हत्या
मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी को गोली मारने वाले तीनों शूटर उन्हें पहले से नहीं जानते थे. वारदात के वक्त भी उन्हें ये नहीं पता था कि उनके टारगेट पर कौन आदमी है. उन्हें ये भी नहीं पता था कि जिस व्यक्ति को वह गोली मारने जा रहे हैं, उसकी हत्या की वजह क्या है. वह तो केवल अपने हैंडलर के इशारे पर वारदात को अंजाम देने पहुंचे थे. यह स्थिति ठीक उसी तरह की है, जैसे प्रयागराज में उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या हुई थी. अतीक अशरफ के हमलावर भी उन्हें ठीक से नहीं जानते थे.
उन हमलावरों ने भी वही किया, जो उनके हैंडलर ने करने के लिए कहा था. बता दें कि एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद मुंबई पुलिस ने तीन में से दो हमलावरों को अरेस्ट कर लिया. जबकि तीसरे बदमाश और उनके हैंडलर की तलाश कराई जा रही है. पकड़े गए बदमाशों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह बाबा सिद्दीकी को पहले से नहीं जानते थे. उन्हें तो जब टारगेट मिला तो पता चला कि वह जिस व्यक्ति की हत्या करने जा रहे हैं, उसका नाम बाबा सिद्दीकी है. हालांकि अब भी उन्हें नहीं पता कि बाबा सिद्दीकी क्या करते थे या फिर उनकी हत्या क्यों करनी है.
टारगेट जिंदा नहीं बचना चाहिए, केवल यही था लक्ष्य
बदमाशों ने पुलिस को बताया कि उन्हें बस इतना पता था कि हैंडलर ने जो आदेश दिया, बस उस टारगेट पर गोली चलाना है. इसमें यह ध्यान रखना है कि जिस व्यक्ति पर गोली चलाई जा रही है, वह जिंदा नहीं बचना चाहिए. पुलिस सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए बदमाशों से काफी पूछताछ के बाद भी अभी तक वारदात का मोटिव सामने नहीं आया है. पुलिस को आशंका है कि इन बदमाशों को वारदात के लिए डॉयरेक्ट करने वाला जिशान अख्तर है. वह बीते 4 महीने से बाबा सिद्दीकी का रेकी कर रहा था. उसे बाबा सिद्दीकी के एक-एक रुटीन की खबर थी. ऐसे में उसे निश्चित रूप से पता होगा कि वारदात का मोटिव क्या है. हालांकि वह भी अपने आका के इशारे पर काम कर रहा था. फिलहाल पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
डेढ़ साल पहले मारे गए अतीक और अशरफ
प्रयागराज में पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कराने पहुंचे माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को तीन बदमाशों ने गोलियों से भून दिया था. बदमाशों ने कुल 18 राउंड गोलियां चलाई थीं. इसमें से 8 गोली अतीक को लगी थी, जबकि 6 गोलियां उसके भाई अशरफ को. पुलिस ने मौके से ही तीनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया था. पुलिस की पूछताछ में इन बदमाशों ने बताया था कि उन्हें अतीक के बारे में पहले से कुछ भी मालूम नहीं था. उन्हें तो जब इनकी रेकी करने के लिए कहा गया तो रेकी किया और जब गोली मारने के लिए कहा गया तो गोली मार दी.
पिछले साल 24 जनवरी को हुई अतीक की हत्या
प्रयागराज में 24 फरवरी 2023 को दिनदहाड़े उमेश पाल की हत्या हुई थी. इस वारदात में अतीक अहमद का बेटा असद भी शामिल था. पुलिस के मुताबिक इस वारदात का मास्टरमाइंड साबरमती जेल में बंद खुद अतीक अहमद था और इस वारदात की योजना बरेली जेल में बंद उसके भाई अशरफ ने बनाई थी. इस मामले में पुलिस ने अतीक, अशरफ, असद समेत कुल 9 लोगों को नामजद किया था. इसी मामले में पूछताछ के अतीक और अशरफ को प्रयागराज लाया गया था और पुलिस 15 अप्रैल की रात 10 बजे भारी सुरक्षा के बीच इनका मेडिकल कराने के लिए कॉल्विन अस्पताल ले गई थी. जहां पत्रकार बनकर आए बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी.
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