महिला आयोग के उपाध्यक्ष के सामने उठा शीला और साजिद की कारस्तानी की कहानी

🔵आयोग की उपाध्यक्ष चारु चौधरी ने कडी चेतावनी देते हुए विभाग को कार्रवाई करने का निर्देश

🔴महिला पुरुष शिक्षको के बीच अश्लील बातचीत का वायरल आडियो मामले में जांच की कार्रवाई ठंडे बस्ते मे

कुशीनगर ।  बीते अगस्त माह में जनपद के कसया विकास खण्ड क्षेत्र के ग्रामसभा माधोपुर मठिया स्थित प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय के महिला और पुरुष शिक्षको के बीच हुई अश्लील बातचीत के वायरल आडियो मामले मे निलंबन की कार्रवाई के बाद आगे की कार्रवाई ठंडे बस्ते में पडा है। चर्चा जोरों पर है कि निलंबन के बाद मामले की विस्तृत जांच कर रहे खंड शिक्षा अधिकारी की दो सदस्यीय टीम आरोपी शिक्षको को बचाने की तरकीब ढूढ रहे है। विभाग की मंशा को देखते मीडिया ने बुधवार को आरोपी दोनो शिक्षको की कारस्तानी बुधवार  उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष  के सामने उठाया। आयोग की उपाध्यक्ष ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए विभाग को कडी चेतावनी के साथ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। 

काबिलेजिक्र है कि बीते माह एक वाट्सएप ग्रुप में माधोपुर मठिया स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीला यादव व इस गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक साजिद अली के बीच मोबाइल फोन के जरिए अश्लील बातचीत का आडियो वायरल हुआ था जो बाद मे उस ग्रुप से अन्य वाट्सएप ग्रुप और सोशल मीडिया मंच पर खूब प्रसारित हुआ, जैसे ही यह आडियो मीडिया के हाथ लगी तो मीडिया ने समाज के निर्माता कहे जाने व गुरु शब्द को कलंकित करने वाले इन शिक्षको के कुकर्मों को प्रमुखता से उठाया। इसके बाद इन शिक्षको के कारनामे सुनकर न सिर्फ इन दोनो शिक्षको की बल्कि विभाग की भी खूब छिछालेदर हुई। नतीजतन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डाॅ, रामजियावन मौर्य ने खंड शिक्षा अधिकारी से मामले की जांच करायी और  दोषी पाये जाने पर शीला यादव व साजिद अली को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी कप्तानगंज रीता गुप्ता व खण्ड शिक्षा अधिकारी दुदही प्रभात कुमार राय को संयुक्त रूप से इस प्रकरण की सम्पूर्ण जांच कर आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। किन्तु अफसोस दो माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जांच अधिकारियों की जांच ठंडे बस्ते मे है। 

🔴आरोपी शिक्षकों को बचाने की गरज जांच ठंडे बस्ते मे

यहां बताना जरूरी है कि महिला अध्यापिका शीला यादव व पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक साजिद अली के बीच विद्यालय मे मोबाइल फोन के जरिए हुई अश्लील बातचीत के 28 आडियो वायरल हुए थे। वायरल आडियो में तमाम आडियो ऐसे है जिसमें दोनो शिक्षको ने अश्लीलता की सारी हदे पार कर दी है जिसे सार्वजनिक स्थल अथवा घर मे बिना ईयरफोन लगाये नही सुना जा सकता है। वायरल आडियो मे ही  प्राथमिक विद्यालय की  शिक्षिका शीला यादव पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक साजिद अली से मोबाइल फोन पर बोल रही है ” क्यो बोल नही रहे है। उस बच्ची के पीछे क्यो पडे है, जाकर छू रहे है बार बार, हम देख नही रहे है क्या। अभी फोन काट देंगे तो लगेंगे गुस्सा होने। दुसरे आडियो में शीला यादव को साजिद से यह कहते हुए सुना जा रहा है अभी पिछले साल उस लडकी के ( यहां शीला यादव एक छात्रा की नाम लेती है)  पीछे पडे हुए थे किसी तरह से छोडे है तो अब इसके पीछे पडे हुए है हर साल किसी न किसी के पीछे पडे रहते है। इसी लिए बच्चे यहां से भाग जाते है।  इसी तरह एक आडियो मे महिला शिक्षिका द्वारा यह कहा जा रहा है कि क्यो फोन उठाकर बोल नही रहे है सामने खडे तो है हम देख नही रहे है। फोन उठाकर काहे नही बोल रहे है क्यो चुप है। ऐसे ही पिछले साल किसी तरह से मैटर शांत हुआ। बच्चियों को लेकर, बच्चियों को ए करते है बच्चियों को वो करते है और बात झूठ नही था, किसी तरह से मैटर को छुपाकर हम लोगों मामले को शांत किये फिर कुछ चाह रहे है क्या? कहना न होगा कि जिस तरह से आडियो में महिला शिक्षिका बोल रही है उससे यह स्पष्ट होता है कि निलंबित प्रधानाध्यापक साजिद अली जहा शिक्षा के मंदिर मे महिला शिक्षिका के साथ अश्लील बाते कर शिक्षक की गरिमा को तार-तार करते रहे है वही स्कूल की बच्चियों के साथ छेड़छाड़ कर गुरु – शिष्य के पवित्र रिश्ते को भी कलंकित करते है। बताना जरूरी है कि खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा तत्काल की गयी पहली जांच में इन गंभीर आरोपों के पुष्टि के बाद ही बीएसए ने इन दोनो शिक्षको को निलंबित किया है। विश्वस्त सूत्र बताते है कि निलंबित शिक्षकों को सेवा समाप्ति के कार्रवाई से बचाने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी की दो सदस्यीय टीम जांच की कार्रवाई को ठंडे बस्ते मे डाल रखा है। ताकि मीडिया का इस गंभीर प्रकरण से ध्यान हट जाये। उसके बाद आरोपी दोनो शिक्षको को क्लीन चिट देकर न सिर्फ सेवा समाप्ति की कार्रवाई से बचाया जा सके बल्कि उन्हे बहाल किया जा सके।  इसके लिए अच्छी – खासी डीलिंग हुई है, ऐसा सूत्रो का दावा है। अब सवाल यह उठता है कि खंड शिक्षा अधिकारी की पहली जांच रिपोर्ट को झुठलाने के लिए नामित जांच अधिकारी क्या खेल करते है ? इधर बुधवार को उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारु चौधरी की अध्यक्षता में संपन्न हुई समीक्षा बैठक व जनसुनवाई कार्यक्रम में मीडिया ने बेसिक शिक्षा विभाग की महिला शिक्षक शीला यादव व शिक्षक साजिद अली के बीच विद्यालय मे की गयी अश्लील बातो की वायरल आडियो मामले मे अब तक को ठोस कार्रवाई नही होने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। इस पर आयोग की उपाध्यक्ष चारु चौधरी ने विभाग को कडी फटकार लगायी और मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इस प्रकरण पर आयोग की उपाध्यक्ष की तल्ख  तेवर देख बेसिक विभाग के मौजूद अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गये थे।

🔵 रिपोर्ट – संजय चाणक्य 

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