धर्म-कर्म-ज्योतिष – Ganpati Murti Sthapana Vidhi: ये है गणेश जी की मूर्ति स्थापना विधि, स्टेप बाय स्टेप शुभ मुहूर्त में करें पूजा #INA
Ganesh Murti Sthapana Vidhi: मोरया रे, बप्पा मोरया रे!! गणेश चतुर्थी आते ही हर ओर आपको यही सुनायी देगा. फेवरेट मेहमान की तरह हर साल बप्पा अपने भक्तों के घर आते हैं उनके साथ खाते पीते हैं उनके सभी दुखों का निवारण करते हैं और फिर अगले बरस आने के वादे से साथ उनसे बिदाई लेते हैं. हिंदू धर्म में ये 10 दिन बेहद शुभ और खास माने जाते हैं. खासतौर पर महाराष्ट्र में गणपति महोत्सव की जबरदस्त धूम देखने को मिलती है. हर साल अलग-अलग थीम पर कई पंडाल सजाए जाते हैं. गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की स्थापना और पूजा एक विशेष अनुष्ठान है. यह एक ऐसा अवसर है जब हम सभी अपने जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता के लिए गणपति जी से आशीर्वाद मांगते हैं.
गणेश स्थापना के लिए आवश्यक सामग्री
- गणेश जी की मूर्ति
- लाल कपड़ा
- कलश
- नारियल
- दूर्वा घास
- रोली
- चंदन
- फूल
- दीपक
- धूप
- नैवेद्य (मोदक, लड्डू आदि)
- पंचामृत
- कुंकुम
- अक्षत
गणेश स्थापना की विधि
गणेश चतुर्थी के दिन शुभ मुहूर्त में सबसे पहले आप उस स्थान का शुद्धिकरण करें जहां आप बप्पा की स्थापना करने वाले हैं. पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और उसके बाद मूर्ति की स्थापना के लिए नीचे लाल कपड़ा बिछाएं जिस पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें.
अब कलश स्थापना के लिए कलश में गंगाजल, रोली, चंदन, फूल आदि भरकर स्थापित करें. गणेश जी को मंत्रों के माध्यम से आमंत्रित करें और पंचामृत से बप्पा का स्नान कराएं. गणेश जी को नए वस्त्र पहनाएं और सिंदूर, कुंकुम और अक्षत से उनका शृंगार करें.
गणेश जी को उनका प्रिय भोग मोदक जरूर अर्पित करें. इसके बाद आप उनके सामने दीपक और धूप जलाएं. गणेश जी की आरती गाएं और उनके मंत्रों का जाप करें. अब आप अपनी मनोकामनाएं उनसे कहें.
गणेश चतुर्थी के दौरान पूजा के के समय उन्हे दूर्वा घास जरूर अर्पित करें वो उन्हे बहुत प्रिय है. शास्त्रों के अनुसार 21 दूर्वा घास चढ़ाना शुभ माना जाता है. गणेश स्तोत्र का पाठ करने वाले जातक की सभी मनोकामनाएं भी जल्द पूरी होती हैं.
विसर्जन
अंतिम दिन गणेश चतुर्थी के 11वें दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है. विसर्जन के लिए नदी या तालाब आप किसी भी स्थान पर जा सकते हैं. लेकिन ध्यान रखें कि विसर्जन का भी शुभ मुहूर्त और पूजा विधि होती है. विसर्जन के समय विधि-विधान से पूजा की जाती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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