खबर फिली – ऋषि कपूर ने क्यों कहा था- ‘अपने किरदारों को देख शर्म आती है’? – #iNA @INA

‘बॉबी’, ‘कर्ज’, ‘नगीना’ और ‘सागर’ जैसी शानदार फिल्मों में अपनी दमदार अदाकारी के लिए जानें जाने वाले लिजेंड्री एक्टर ऋषि कपूर आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके निभाए गए किरदारों को आज भी दुनिया याद करती है. ऋषि एक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने एक पूरी पीढ़ी के दिलों पर राज किया. अपनी चार्मिंग स्माइल और चॉकलेटी फेस से ऋषि ने हर दिल में जगह बना ली.

लेकिन आपको ये बात जानकर बड़ी हैरानी होगी कि ऋषि कपूर के जीवन में एक दौर ऐसा भी आया था जब वह घर पर बैठ गए थे और उन्होंने पूरी तरह एक्टिंग को छोड़ देने का मन बना लिया था. यहां तक की उन्हें अपने निभाए गए कुछ किरदारों को देखकर शर्म तक आती थी.

‘यंग किरदारों को देख आती थी शर्म’

साल 2011 में आई फिल्म ‘अग्नीपथ’ में अपनी दमदार अदाकारी के लिए ऋषि को काफी सराहना मिली थी. उनका किरदार ‘रऊफ लाला’ एक नेगेटिव शेड का किरदार था जैसा पहले उन्होंने कभी नहीं किया था. इस किरदार का स्क्रीन टाइम थोड़ा कम था लेकिन फिर भी जब-जब ऋषि स्क्रीन पर आए उन्होंने अपनी छाप छोड़ दी. फिल्म अग्नीपथ के प्रमोशन के दौरान फर्स्ट पोस्ट को दिए गए अपने एक इंटरव्यू में ऋषि ने अपनी जिंदगी, फिल्मी सफर और संघर्ष पर बात करते हुए बताया था कि उन्हें उनके निभाए गए यंग किरदारों को देख काफी शर्म आती थी, इतना कि वह अक्सर चैनल बदल दिया करते थे.

‘मुझे स्टारडम की भूख नहीं है’

अपनी पुरानी फिल्मों में निभाए गए किरदारों के बारे में ऋषि ने कहा कि मुझे नहीं पता कि नार्सिसिस्ट के लिए कोई दूसरा शब्द है या नहीं… लेकिन मैं अपनी फिल्में देखकर ऐसा ही महसूस करता हूं. अपने 50 साल के लंबे और शानदार करियर पर बात करते हुए ऋषि ने कहा था कि मुझे फिल्मों से ब्रेक लेने पर कोई पछतावा नहीं हुआ था. उन्होंने कहा कि मेरा नाम सबसे बड़े स्टार्स की लिस्ट में शामिल नहीं था लेकिन मुझे स्टारडम की भूख नहीं है, मुझे कोई पछतावा नहीं है.

साल 1973 में आई फिल्म ‘बॉबी’ एक इंस्टेंट हिट थी लेकिन इस फिल्म के बाद इसकी सक्सेस को मैच करना ऋषि के लिए आसान काम नहीं था. ऋषि के शब्दों में कहें तो 25 सदाबहार साल इंडस्ट्री को देने और एक सुपरस्टार की तरह राज करने के बाद वह बोर हो गए थे और उन्होने वजन भी बढ़ा लिया था. एक पल उन्हें ऐसा लगा कि वह आज की जनरेशन के साथ कम्पीट नहीं कर सकते हैं. बच्चों से नहीं लड़ सकते इसलिए उन्होंने एक्टिंग से पूरी तरह हटने का फैसला ले लिया था और डायरेक्शन की तरफ मुड़ गए थे.


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