सेहत – 6 महीने के बाद बच्चों के लिए किस तरह का मिश्रण? क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, डॉक्टर से जानें

6 महीने के बच्चों के लिए आहार योजना: ज्यादातर नए माता-पिता इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि वे अपने छोटे बच्चों को क्या खिलाएं और क्या नहीं खिलाएं। बच्चों का पाचन तंत्र काफी हद तक असामान्य होता है और कई बच्चों में उन्हें एलर्जी हो सकती है। ऐसे में बच्चे को कुछ भी पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। अक्सर लोगों का सवाल होता है कि 6 महीने के बाद बच्चों का जन्म किस तरह होना चाहिए। इस बारे में डॉक्टर से जानते हैं.

ग्रेटर के फोर्टिस हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक्स एंड नियोनेटोलॉजी डिपार्टमेंट के कंसल्टेंट डॉ. अंजिमा बासुमतारी ने News18 को बताया बच्चे के जन्म के 6 महीने बाद तक सिर्फ क्वेश्चनफीडिंग करानी चाहिए। इसके अलावा पानी भी नहीं पिलाना चाहिए। 6 महीने के बाद स्क्वाडफीडिंग के साथ सेमीसॉलिड व्यंजन खाये जा सकते हैं। 7 महीने के बाद खाद्य पदार्थों की मोटाई बढ़ सकती है और 1 साल के बाद धीरे-धीरे-धीरे-धीरे ठोस पदार्थों का जमाव शुरू हो सकता है। इससे बच्चे को आवश्यक पोषक तत्वों का साक्षात्कार और उसकी क्रमिक तेजी से होगी। बच्चों के लिए सही सुझाव फॉलो करना बेहद जरूरी है।

किन फ़ार्मों से करें शुरुआत?

डॉक्टर अंजिमा ने बताया कि 6 महीने के बाद बच्चों को चावल के अलावा अलग-अलग तरह की दाल को सेमीसॉल्ड फॉर्म में खिलाना शुरू किया जा सकता है। इसके अलावा केला, सेब या पेटी को अच्छी तरह से मैश करके थोड़ा-थोड़ा खिलाया जा सकता है। इसके 1-2 सप्ताह बाद गाजर, प्याज़ और आलू आदर्श से मैश करके खाया जा सकता है। शुरुआत में ये चीज़ें दिन में एक बार खेली गईं और 2-3 महंगी पानी की दुकानें बनीं। धीरे-धीरे नाश्ते और पानी की मात्रा बढ़ाएं।

बच्चों को जब भी कोई नया खाना खिलाएं, तो ऐसे करें दिन का समय। यदि उसे एलर्जी हो तो डायरिया या उल्टी हो सकती है। अगर ऐसा हो, तो फिर अगले 1 महीने तक वह खाना न खायें। 1 महीने बाद फिर वह फ़ार्म कोइमिट्रेम कर सकते हैं। अगर फिर कोई समस्या हो, तो कुछ महीने तक अवॉइड करें।

1 साल तक ये चीज़ें बनाएं अवॉयड

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय तो जब तक आपका बच्चा 1 साल का न हो जाए, तब तक आप उसे हरी सब्जियां, बिस्किट, खाद्य पदार्थ, अंडा या शुगर न खाएं। 6 महीने से 12 महीने तक नमक की मात्रा बहुत कम हो सकती है, लेकिन नमक की मात्रा बहुत कम होनी चाहिए। बिस्किट और साबुत अहाइड्रेट का सेवन करना चाहिए, क्योंकि इसमें शुगर की मात्रा अधिक होती है। इसके बजाय वास्तव में पल्प देना बेहतर होता है। 1 साल के बाद फ़िनिश और अन्य डॉक्युमेंट्स ही चाहिए, ताकि बेबी को किसी तरह की एलर्जी महसूस न हो। हरी सलाद में सबसे ज्यादा होता है, जिसे पचाना छोटे बच्चों के लिए मुश्किल हो सकता है। इसकी वजह से 1 साल पहले हरी फार्मासिस्ट की सलाह नहीं दी गई है।

क्या गाय-भैंस का दूध पिलाया जा सकता है?

डॉक्टर ने बताया कि कई लोगों के बच्चे एक साल तक सिर्फ वैश्वीकरण के शिकार होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। इसमें केवल कैल्शियम और प्रोटीन होता है। बच्चों की पूर्ति के लिए अन्य पोषक तत्वों की भी आवश्यकता होती है। दूध पिलाने से बच्चों में सिर्फ आयरन की कमी होती है और इससे उनकी वज़न पर बुरा असर पड़ सकता है। बच्चों को 1 साल के बाद ही गाय या भैंस का दूध देना चाहिए। इससे पहले पुलिने से एलर्जिक स्ट्रॉबेरी का चांस ज्यादातर होता है। ऐसे में लोगों को 1 साल तक के बच्चों के मिश्रण को बेहद सावधानी बरतनी चाहिए।

यह भी पढ़ें- अमीर हो या गरीब, दुनिया के ज्यादातर लोगों में 15 पोषक तत्वों की भारी कमी! नए अध्ययन में बड़ा खुलासा


Source link

Back to top button