सेहत – माता-पिता को क्या देना चाहिए बेबी स्वामित्व? यह नवजात शिशु की सेहत के लिए क्यों ठीक नहीं…
हर कपल के पैरेंट्स बनने पर बहुत खुशी होती है। इस खुशी को ज्यादातर नए मम्मी-पापा अपने सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं। कुछ तो आपके बच्चे के लिए तीन एक्साइड होते हैं कि उनका अस्तित्व समाप्त हो जाता है। लेकिन नवजात शिशु का सिरदर्द सिरदर्द बन सकता है। बच्चे की सेहत पर भारी असर पड़ सकता है और भविष्य में भी कोई समस्या हो सकती है।
बेबी जान पर भारी
फोटोग्राफी एक कला है लेकिन नवजात के साथ यह जोखिम से भरी होती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन इसे एक महामारी के रूप में बताया गया है। इनमें से अधिकांश नए माता-पिता इस महामारी का शिकार हैं। इस अध्ययन में बेबी आर्ट्स किड्स को रीढ़ की हड्डियों, जोड़ों, नसों और रक्त के जोखिम के बारे में बताया गया है। ऐसे में बच्चे की जान तक ले सकते हैं।
फ़्रॉजी पोस्टल से टूट सकती हैं हड्डियाँ
अवलोकन बेबी में फ़्रॉगी पोस्ट ऑफिस बहुत आम है। बच्चे के गालों पर दोनों हाथ रखवाए जाते हैं। नवजात शिशु के लिए कोई योग्यता नहीं हो सकती है, इसलिए अगर इस पोस्ट में फेल हो जाए तो बच्चे का मुंह जमीन पर लग जाता है और हाथों में झटका आ सकता है। इससे बच्चे के छोटे-छोटे हिस्सों को भी तोड़ा जा सकता है। इसके अलावा कुछ ब्लॉगिंग होती हैं। इसमें एक कपड़े में बच्चे को रखा जाता है। इसे हम्मोक पोस्टल कहते हैं. बच्चे को हैंग करने वाले कपड़े पर बहुत असर पड़ता है। अगर इसका आरंभ शुरू हो जाए या बच्चा अपना प्लांट बदल ले तो वह नीचे भी गिर सकता है।
नवजात शिशु से 20 सेकंड से अधिक फोटो में पालना नहीं होनी चाहिए (छवि-कैनवा)
पोटैटो सैक फ़्लोरिडा से खून का बहाव कम हो सकता है
पोटैटो सैक में बच्चे को कपड़े में लपेटा जाता है और हाथों को मुंह के नीचे रखा जाता है। इस पूर्वावलोकन में बहुत सुंदर दिखने वाला है, लेकिन इसमें कई बार बच्चे का बच्चा हो जाता है और ब्लड सर्कुलेशन भी दिखाई देता है। इसमें बच्चे के कपड़े 3 बार रैप किए जाते हैं। पेरेंट्स पहले जांच कर लें कि पहली बार पेट टाइट बंधी हो जिससे बच्चे की पीठ और गर्दन को सहारा मिले। इसके बाद दो बार रैप करें। बार-बार जांच करने पर पता चलता है कि बच्चे के जोड़ों और कूल्हों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। 20 से 30 सेकंड बाद ही बच्चे के कपड़े उतार दिए जाने चाहिए। इसी तरह एक ऐसी क्रिकेट पोस्ट होती है जिसमें एक बच्चे को बाल्टी में खड़ा करके उसके मुंह को सहारा दिया जाता है। इससे बच्चों के जोड़ों को भी नुकसान पहुंच सकता है।
बच्चों की पसंदीदा होती है दुलारी
कुछ व्यंग्य में बच्चे के मुंह के नीचे हाथ को ऐसे रखा जाता है जैसे कि बच्चा कुछ सोच रहा हो। कई बार उनकी आंखों पर चश्मा भी टूट जाता है। बच्चे की विरासत बहुत ही खास होती है. हाथों के ऊपर मुंह लुकाना, उनकी गर्दन पर कंधे की हड्डी हो सकती है और उनका वजन सहन ना हो सकता है। इससे जुड़े समूह के बच्चों की स्थिरता का टूटना संभव है। नवजात शिशु की हड्डियां बहुत नरम होती हैं इसलिए उनका फ्रैक्चर या क्रेडेंशियल का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
सहोदर भाई-बहन मित्रवत बातें करते हैं
कुछ माता-पिता अपने नवजात शिशु के साथ उसके बड़े भाई या बहन का भी अवगुण पाते हैं। बच्चों के हाथ में नवजात को पकड़ाना ठीक नहीं है. बच्चे मूडी होते हैं. अगर बड़ा बच्चा 2 से 4 साल का हो तो उन्हें इतना समझ नहीं आता कि नवजात बच्चे को कैसे पकड़ा जाता है। कई बार वह टूटे हुए बच्चों के हाथों से भी छूट सकता है इसलिए जब भी भाई-बहन देखें तो इस फोटो पर क्लिक करें।
शिशु को हमेशा मेडिकल स्टाफ की देखरेख और हाइजीन के साथ रहना चाहिए (छवि-कैनवा)
पेट से एलर्जी हो सकती है
कुछ लोग अपने घर के पेट्स के साथ भी नवजात का अवांछित करवाते हैं। पेट्स वैसे ही बहुत प्यारे होते हैं लेकिन वह जानवर ही होते हैं। बच्चे को छुट्टी भी मिल सकती है और काट भी सकते हैं। बाकी पेट से बच्चों को एलर्जी होने का भी खतरा रहता है। नवजात शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत नहीं होती है। उनके शरीर के लिए यह दुनिया नई होती है। ऐसे में अगर पेट से कोई बैक्टीरिया या वायरस बच्चे के शरीर में प्रवेश कर जाए तो यह उन्हें बीमार कर सकता है। इसलिए नवजात शिशु को पेट से दूर रखना चाहिए।
पुरालेखपाल की निगरानी में ही स्तुतिगान
5000000000000000000000000000000000000000000000000000 कहते हैं कि नवजात शिशु का जन्म 5 से 14 दिन के बीच होता है। कुछ लोग बच्चे के जन्म से पहले ही इस क्रोमालॉजी की पंक्तियाँ सुनाते हैं। इस उम्र में बच्चे इतने खूबसूरत होते हैं कि उनकी फोटो में स्लीपी एंगल सबसे ज्यादा होता है। नवजात शिशु का जन्म होता है इसलिए यह नवजात शिशु की निगरानी में होता है और बच्चे को हर पोस्ट में सहारा दिया जाता है। यह बहुत ही मुश्किल काम होता है क्योंकि नवजात का कोई मॉडल नहीं होता है और उन्हें कुछ गाइड भी किया जा सकता है। पेशेवरों को बहुत सारी चीजें पसंद हैं। कुछ सामान्य मेडिकल स्टाफ के पर्यवेक्षण में भी होते हैं। इस व्युत्पत्ति में खास ध्यान रखा जाता है कि बच्चे के शरीर को झटका ना लगे। माता-पिता को ध्यान रखना चाहिए कि बेबी क्वालिटी हमेशा किसी भी योग्यता से करवाएं।
पहले प्रकाशित : 24 नवंबर, 2024, 18:14 IST
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