सेहत – हार्ट अटैक के दौरान जिम में आप भी नहीं कर रहे हैं ये वजह?

रिपोर्ट- अहमद अहमद

उत्तर: रोजाना ग्राहकों को अपने रूटीन में शामिल कर आप कई तरह की तैयारी से बच सकते हैं। लक्ष्य से दिमाग तो तेज होता ही है साथ ही शरीर भी स्वस्थ रहता है। निवेशकों को लेकर समस्या तब शुरू होती है जब लोग किसी भी तरह के साक्षात्कार के बिना यूट्यूब आदि से देखना शुरू कर देते हैं। इन लोगों के शरीर के लिए हो सकता है घातक. राइटर क्रिएटर मुस्लिम यूनिवर्सिटी (ए ज़ाकिर) जिम्नेजियम क्लब के कोच मजहर उल कमर ने बताया कि गलत धारणा हार्ट अटैक के कारण भी बन सकती है।

उन्होंने बताया कि यूट्यूब एक्सर साइज करने वाला व्यक्ति अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही डॉक्टर में डॉक्टर की सलाह लेता है। एक्सर साइज के साथ अच्छा भोजन और आराम करना भी बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

ए शुरुआती के जिमनेजियम क्लब के कोच मजहर उल कमर ने कहा कि छात्रों के लिए पढ़ाई के दौरान सुबह की सैर और व्यायाम की जरूरत होती है। ऐसे में प्रतिदिन सुबह आधा घंटा योग व व्यायाम पर ध्यान अवश्य दें। परीक्षा में इसके परिणाम सकारात्मक होंगे। इस कार्य में अभिभावक भी बच्चों के साथ दें। इससे उनका दिमाग तो तेज रहेगा ही साथ ही उनका शरीर भी स्वस्थ रहेगा।

परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ बच्चों के योग और व्यायाम पर विशेष ध्यान दें तो तैयारी अच्छी होगी। सुबह-सुबह कुछ दूर सैर करने के बाद करीब आधा घंटे तक की हलचल को अंजाम देना, योग आदि करना चाहिए। इससे शरीर के साथ ही मन और मस्तिष्क दोनों सही रहेंगे।

जिमनेज़ियम का रहस्य क्यों होता है घातक?
कोच मजहर उल कमर ने कहा कि जिम में जहां ताजी हवा नहीं होती, क्रॉस-समीक्षा नहीं होती, ऑक्सीजन कनेक्शन नहीं होता, जिम में क्षमता से ज्यादा भीड़ हो जाती है, ऐसे में उसकी शारीरिक क्षमता से उसकी शारीरिक क्षमता खत्म हो जाती है।

क्रिटिकल मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जिम्नेजियम क्लब के कोच मजहर उल कमर ने बताया कि यूट्यूब पर शो (एक्सरसाइज) देखने से शरीर घातक हो सकता है। अलीगढ़ शहर में लगभग 250 जिम में एंट्रेंड जिम ट्रेनर पाए जाते हैं।

जिम में नहीं पहुंचें रियल एस्टेट ताजी हवा
क्रिस्टल ही नहीं बल्कि देश में काफी जगह पर जिम बेसमेंट या फिर ऐसी जगह बनी हुई हैं जहां कोई नहीं जाता और ऐसी जगह पर ताजी हवा नहीं मिलती क्योंकि क्रॉस रिवाइज़ नहीं होता जो बहुत जरूरी होता है। ऑक्सीजन न मिल पाने के दौरान इन प्रवासियों को जिम करने में दिक्कत होती है और उन्हें सांस लेने में परेशानी होती है।

मजहरूल कमाल ने बताया कि जिस तरह से ज्यादा खाना खाने से बदहजमी होती है और पेट खराब होता है उसी तरह की शारीरिक क्षमता से ज्यादा खाने से भी बीमारियां होती हैं और हार्ट अटैक जैसे हादसे सामने आते हैं। जिम ट्रेनर को एडवेंचर पर खास ध्यान रखना चाहिए। उसकी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही जरूरी है कि वह ऐसी जगह जिम जाए जहां पर ताजी हवा आती हो और बहुत ज्यादा भीड़ न हो और जिम ट्रेनर भी जिम करने वाले सपनों पर ध्यान दे।

युवाओं को लगता है कि सिर्फ जिम में ग्राहक जोश में आकर ज्यादा वजन उठाएगा और वह तंदुरुस्त हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं है। शारीरिक क्षमता के अनुसार ही व्यायाम करना चाहिए और सिर्फ जिम में भारी वजन उठाना शरीर के लिए उपयुक्त नहीं है। अपने शरीर को तंदुरुस्त बनाने के लिए आदिवासियों को खुले आसमान के नीचे ताजी हवा में यात्रा करना बहुत जरूरी है और उनके साथ अच्छा भोजन और आराम करना भी बहुत जरूरी है।


Source link

Back to top button