सेहत – सोलो ट्रिप पर मां-बाप का अकेला बेटा, सिर दर्द से शुरू हुई परेशानी बनी मौत का कारण, अगर आपके साथ हो ऐसा तो क्या करें
ऊंचाई से होने वाली पर्वतीय बीमारी: अपनी मां- बाप की रिश्तेदारी, उम्र महज 27 साल, पद भी अच्छा सर्टिफिकेट, चल दिया था दोस्ती के दोस्तों को करीब से निहारने, मन में उत्सुकता थी कि इस रेगिस्तानी पहाड़ की हर शा को छू लूं लेकिन नियति को कुछ और ही विचार थे . 27 साल का यह राक्षसी पर्वत की इसी गहराई में अपनी भरी जवानी में चिर निद्रा में सो गया। यह कहानी आपको दिल दहला देवी के बारे में बताती है लेकिन देखने वाली बात यह है कि पहाड़ी की पहाड़ियों पर अक्सर युवा लोगों की मौत क्यों हो जाती है। ऐसा क्यों होता है, और अगर होता है, तो उससे बचने के क्या उपाय हैं, इसे लेकर हमारे पास फोर्टिस अस्पताल मानेसर में पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रमुख हैं डॉ. कारण महेर से बात की.
मामला क्या था
नोएड की एक प्राइवेट फर्म में डिजिटल मार्केटिंग मार्केटिंग चिन्मय शर्मा ने 22 अगस्त को सोलोमन ट्रिप के लिए जागरूकता की ओर यात्रा की। 26 अगस्त को उन्होंने अपने माता-पिता को फोन पर बताया कि उनके सिर में दर्द हो रहा है। पिता ने कहा आराम करो और डॉक्टर से दिखा लो। फिर 27 अगस्त को चिन्मय ने कहा कि उसे सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। जब पिता को लगा कि बेटा बात नहीं कर रहा है तो उन्होंने लेह में होटल के मैनेजर को फोन किया और बेटे को अस्पताल ले जाने की गुज़ारिश की। पिता को जब लगा कि बेटे का ठीक से इलाज नहीं हो रहा है तो वह खुद ही वहां पहुंच गए और तलाक लेने चले गए लेकिन जब तक वे वहां पहुंचे कुछ घंटे पहले 29 अगस्त को चिन्मय ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
कौन सी बीमारी लग गई
डॉ. कारण महेर के अनुसार चिन्मय की मौत का कारण क्या है, यह तो उनका इलाज कर रहे डॉक्टर ही बताएंगे लेकिन ऐसे मामलों में हाई अल्टीटूट सिकनेस सबसे बड़ी वजह होती है। ऐसा तब होता है जब शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है और बहुत जल्दी-जल्दी हवा का दबाव महसूस होता है। इससे सिर में दर्द, उल्टी, थकान, सांस लेने में परेशानी और तेजी से जी मिचलाने लगता है। मुख्य रूप से तीन तरह की उच्च ऊंचाई वाली बीमारियाँ होती हैं। अल्टीटूट माउंटेन सिकनेस, हाई अल्टीटूट सेरेब्रल एडेमा जो सबसे ज्यादा गंभीर है और हाई अल्टीट्यूड पल्मोनरी एडेमा जो सबसे ज्यादा खतरनाक है। इसमें मौत का खतरा सबसे ज्यादा होता है. चिन्मय को अल्टीटूट माउंटेन सिकनेस हुआ होगा।
शरीर में क्या होता है
डॉ. करण मेहरा ने बताया कि जब आप टुकड़ों पर चढ़ते हैं तो अचानक आपका शरीर एक अलग वातावरण में आ जाता है। ऑक्सीजन का स्तर कम लगता है और हवा का दबाव शरीर पर बढ़ता है। ऑक्सीजन कम पहुंच से जो नुकसान होता है, वह तो होता ही है, जब शरीर पर अधिक मात्रा होती है तो इस शरीर के अंदर विभिन्न प्रकार की नलिया अभिव्यक्तियां होती हैं और पानी का रिसाव होता है। यह पानी सबसे पहले लंग्स में दिखाई देता है और इसके बाद ब्रेन में। जब ठीक समय पर आप अस्पताल में नहीं हैं तो यह पानी पूरे शरीर में दिखता है। यह ठीक वैसा ही है जैसा आपके शरीर के अंदर पानी है। जब लंग्स में पानी बंद हो जाएगा तो लंग्स फेल हो जाएगा और दिल का दर्शन भी कुछ समय में बंद हो जाएगा।
बिज़नेस पर जाने से पहले क्या करें
डॉ. करण मेहरा ने बताया कि अगर आप पहाड़ के पास नहीं हैं और पहाड़ की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं तो सबसे पहले अपने स्वास्थ्य की जांच कर लें। आपके लंग्स की क्षमता कितनी है इसे जांचें। इसका सामान्य नियम यह है कि दौड़ने का समय आपकी सांसों को बहुत तेज बनाता है इसलिए बाहर नहीं जाना चाहिए या बाहर नहीं जाना चाहिए। पहाड़ पर जाने से पहले सांस वाली मंजिलों को बढ़ाया गया। इसके बाद अपने शिष्यों की सलाह से एक दवा एसिटाज़ोलमाइड का सेवन शुरू करें। डॉ. करण ने कहा कि आम तौर पर 2800 फुट की पाइपलाइन के बाद समस्या होने लगती है। इसलिए जब बास्केटबॉल पर जाएं तो आश्चर्यजनक रूप से बहुत सारे बास्केटबॉल पर जाएं। मसलन अगर आप लेह दिमाग में जा रहे हैं तो एक-दो दिन किसी जगह रुकें और वहां के सीज़न में खुद को फिट करें। फिर धीरे-धीरे आगे बढ़ें। ये नहीं कि हवाई जहाज से लेह उतरें और आगे की ओर उसी दिन बढ़ें।
अगर परेशानी हो तो क्या करें
डॉ. करण मेहराज ने बताया कि जब परेशानी शुरू होती है तो अमूमन को सिर दर्द शुरू हो जाता है या जी मितलाने लगता है और उल्टी भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में आगे चलकर न बढ़ें, तुरंत किसी भी क्षेत्र में अस्पताल और दवा लें। इसके बाद कुछ दिन आराम करें या डॉक्टर जिस खाते से कहें, उसी तरह करें। वहीं अगर परेशानी बहुत बढ़ गई है, सांस फूलने लगी है या सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यहां पर पूरी तरह से फिट ही आगे बढ़ें।
परिजनों को है ज्यादा खतरा
डॉ. करण मेहराज ने बताया कि जिन लोगों को पहले ऐसा भुगतान करना पड़ता था, उनमें से ज्यादातर लोगों को खतरा होता है। इसके बाद जो लोग ज्यादा सिगरेट पीते हैं, उन्हें ज्यादा खतरा होता है। इसके अलावा कैंसर की बीमारी से संबंधित रोगी को यह परेशानी सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में वहां जाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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पहले प्रकाशित : 3 सितंबर, 2024, 16:42 IST
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