सेहत – हरसिंगार के पत्तों से बनी चाय गठिया, त्वचा रोग और बुखार में है मददगार, ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करने में मददगार-हरसिंगार के पत्तों से बनी चाय गठिया, त्वचा रोग और बुखार में फायदेमंद, ब्लड शुगर कंट्रोल करने में भी मददगार
समस्तीपुर : आपके आस-पास हरसिंगार का पौधा मौजूद हो सकता है, जिसे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। यह पौधा साधारण नहीं है; इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं. आयुर्वेदाचार्यों के, हरसिंगार के चिकित्सकों से बनी चाय, गठिया, साइटिका, हड्डी के टुकड़े, त्वचा रोग, पथरी, बुखार मलेरिया, सूखी खांसी और सीरियस बैक्टीरिया के इलाज में उपयोगी हो सकती है।
हरासिंग की चाय में शामिल औषधीय तत्व शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाते हैं और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। गठिया और साइटिका के मामलों में, चाय दर्द और सूजन को नियंत्रित करने में देरी हो सकती है। हड्डी के कारखाने में, इसमें सम्मिलित आभूषणों के पुनर्निर्माण को अधिकृत किया जाता है। समूह के उपचार में, चाय यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक हो सकती है। हरासिंग के विक्रेताओं का नियमित सेवन स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकते हैं।
जानिए आयुर्वेदाचार्य के इस उपचार के बारे में क्या कहते हैं
पिछले 20 वर्षों से आयुर्वेद के क्षेत्र में टीलेआयुर्वेदाचार्य सहा जिले के मोहनपुर चिकित्सक की चिकित्सा की मान्यता बालेश्वर शर्मा के अनुसार, हरसिंगार का पौधा 15 वर्ष से अधिक पुराना है, और इसके फूल देवी-देवताओं को चढ़ाए जाते हैं। जबकि धार्मिक दृष्टिकोण से यह फूल महत्वपूर्ण है, इसकी दुकान से बनी चाय के भी कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं।
आयुर्वेदाचार्य बालेश्वर शर्मा के अनुसार, हरसिंगार के शिष्यों से बनी चाय गठिया, साइटिका, हड्डी के टुकड़े, त्वचा रोग, पथरी, बुखार, मलेरिया, सूखी खांसी और सीरियस जैसी गंभीर स्थिति में चमत्कारी साबित हो सकता है। इस चाय में ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो दर्द और सूजन को कम करते हैं, हड्डियों के पुनर्निर्माण को बढ़ावा देते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। उन्होंने कहा कि इस उपाय के गुण के बारे में जानकर, लोग इसे केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं रखते, बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ का भी लाभ उठाते हैं।
पहले प्रकाशित : 10 सितंबर, 2024, 21:56 IST
अस्वीकरण: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्यों और आचार्यों से बात करके लिखी गई है। कोई भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि संयोग ही है। ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है। बताई गई किसी भी बात का लोकल-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है।
Source link