सेहत – इंफर्टिलिटी से कनेक्शन क्या है? छोटी औरतें भी फुल का शिकार! जानिए घर में कैसे गूंजेंगी वीडियो

भारत में 10 करोड़ लोग शिकार का शिकार हैं। वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन इनके अनुसार 40% महिलाएं अधिक वजन से बचती हैं। हर महिला फ़िट से फ़िट होना चाहती है क्योंकि समग्र कमर ना केवल देखने में अच्छी लगती है बल्कि तैराकी से भी दूर दिखती है। अक्सर यह मोटापा महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा सिरदर्द की समस्या बन जाता है, जब वह मर्दाना चाहत रखती हैं। मोटापा प्रजनन क्षमता कम हो जाती है। लेकिन वजन घटने से ही महिला का मर्दाना खिलाड़ी हो सकता है।

मोटापा हार्मोन का संतुलन है
दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डॉक्टर अनिल अरोड़ा कहते हैं मोटापा महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। उनके शरीर में सही मात्रा में हार्मोन का संतुलन बना रहता है, जिससे उनमें पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जैसे मासिक धर्म संबंधी विकार हो सकते हैं। इससे उनकी प्रजनन क्षमता कम हो जाती है या ख़त्म हो जाती है। बॉडी फैट से एस्ट्रोजन नाम के हार्मोन की मात्रा बढ़ती है जिससे ओवरी ठीक तरह से काम नहीं होता। वहीं अगर महिला का शिकार हो और प्रेगनेंट हो जाए तो उन्हें हाई ब्लडप्रेशर, जेस्टेशनल सिमारेज़, मिसकैरेज या सी-सेक्शन से सीखना पड़ सकता है।

वेट लॉस कराती है जादू?
वेटलोस औषधि शरीर का वजन कम करके ब्लड शुगर को सुधारती है, एक्सेलस रेजिस्टेंस को कम करती है और हार्मोन को धीरे-धीरे कम करती है जिससे प्रजनन क्षमता में सुधार होता है। असल में यह अध्ययन हंगर सेंटर पर प्रभाव डालता है। पेट में इंक्रेटिन हार्मोन होता है। यही हार्मोन यह औषधि में होता है। पेट के खाने की पुष्टि के बाद यह हार्मोन दिमाग को संकेत भेजता है जिससे इच्छा समाप्त हो जाती है। बिना डॉक्टर की सलाह के कभी भी वेट लॉस दवा नहीं खानी चाहिए। असल हर इंसान में असलियत की वजह अलग-अलग हो सकती है। मोटापा, मोटापा, ओवर इटिंग, अवसाद, ख़राब जीवन शैली या वंशानुक्रम अर्थात माता-पिता से मिलने वाले की वजह से हो सकता है। कारण के खाते से दवा दी जाती है।

वेट लॉस के औषधियों से कब्ज, सूजन, उल्टी या लूज मोशन की समस्या हो सकती है। (छवि-कैनवा)

ज्यादातर बी समूह तो दवा असर नहीं करती
डॉ.अनिल अरोड़ा कहते हैं कि मोटापे से नापा होता है। अगर किसी का बी मास 40 से अधिक है तो उस पर वेट लॉस दवा असर नहीं करती। इन औषधियों का असर तब तक होता है जब तक ये हो जाता है। औषधियों से बेहतर है कि व्यक्तिगत घटक और उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करें।

लड़कियाँ भी होती हैं …
जंक फूड और खराब लाइफस्टाइल से गर्ल गर्ल्स के पार्टिकल बॉडी पार्ट जैसे कि मांसपेशियां, किडनी, ओवरी और दिल पर भी फैट का हिस्सा जमा हो जाता है, इसे विसारल फैट कहते हैं. इससे शरीर खराब ही होता है लेकिन अंदर फैट जम जाता है। वैसे नॉन विसरल फाते इसमें चेहरा, थाइज, पेट और बेट्स पर अलग-अलग चर्बी नजर आ रही है। मोटापा शरीर मास आबाद यानी बी.आई. से नापा जाता है। हर व्यक्ति अपनी ऊंचाई के हिसाब से सही वजन का पता लगा सकता है। जैसे अगर किसी महिला की लंबाई 155 सेमी है तो उनकी लंबाई 105 सेमी होनी चाहिए। ऐसा करके उनका असली वजन 50 किलो निकलागा। अगर किसी महिला का वजन ऊंचाई के हिसाब से ज्यादा है तो उन्हें अपने पशु चिकित्सक से जांच कराने की जरूरत है।

एक गुब्बारा जिसका वजन कम होता है
एल्युरियन बैलून नाम का एक गैस्ट्रिक गुब्बारा का अनुमानित वजन यहां दिया गया है। इसे खाने के बाद वह पेट में फिट हो जाती है और व्यक्ति ओवरईटिंग से जुड़ जाती है। लेकिन 6 महीने बाद यह गुब्बारा आपके पेट में थैंक्स मोशन के जरिए शरीर से निकल जाता है। लड़कियों के बीच में ये सबसे खूबसूरत चीज है।

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 5 के अनुसार 15 से 49 साल की उम्र में 21% महिलाएं कच्ची का शिकार हैं। (छवि-कैनवा)

बैरिएट्रिक सर्जरी का भी विकल्प लेकिन चयन से पहले नहीं
जिन महिलाओं का बी समूह 32 से ज्यादातर होता है, साथ में सिगरेट, अनिद्रा और सिगरेट भी हो तो उन्हें बैरिएट्रिक सर्जरी की सलाह दी जाती है। लेकिन एलायंस प्लांट से पहले यह सर्जरी सुविधा ठीक नहीं है। अगर किसी महिला की हालत इतनी खराब है कि वह मां नहीं बन पा रही है और पति-पत्नी का भी कोई असर नहीं हो रहा है तो उन्हें सर्जरी के 1 साल बाद ही कंसीव करने को कहा जाता है।

ओवरवेट पुरुषों में भी बांझपन
मोटापा केवल महिलाओं के शरीर पर ही असर नहीं डालता बल्कि पुरुषों को भी पापा बनने की खुशी दूर कर देता है। एफ़एफ़ के कारण पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन प्रभावित होते हैं जिससे उनका स्पर्म काउंट और उनका लेवल कम हो जाता है। लेकिन अगर पुरुष 3 महीने में अपना वजन नियंत्रित कर लें तो उनकी प्रजनन क्षमता बढ़ सकती है। हाँ मेडिकल न्यूज़ टुडे के अनुसार पुरुषों के नए स्पर्म 74 दिन में निर्धारित होते हैं। ऐसे में अगर पुरुषों का वजन सही रहता है तो उनके शरीर में स्पर्म निर्धारित होते हैं।


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