सेहत – गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर, जानें फेफड़ों की सुरक्षा कैसे करें?

वु. प्रदूषण का खतरनाक खतरा हमारे स्वास्थ्य पर गहराई से असर डाल रहा है, विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और कम उम्र के बच्चों पर। हम भले ही तकनीकी विकास के शिखर पर पहुंच गए हों, लेकिन यह काला साया हमारे पर्यावरण पर साफ नजर आ रहा है। फैक्ट्रियों के रेस्तरां रसायन और तेजी से हो रहे निर्माण कार्य ने हमारी सांस लेने वाली हवा को जहर से भर दिया है। इन अव्यवस्थित पदार्थों का प्रभाव केवल आज तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आने वाली अवसाद के स्वास्थ्य और विकास पर भी छाया डाल सकता है।

इस गंभीर समस्या के बारे में गहराई से समझने के लिए लोकल 18 ने उत्तराखंड की राजधानी के निवासी जाने-माने चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. जगदीश रावत से बातचीत की। वे प्रदूषण के खतरे से फेफड़ों को सुरक्षित रखने के कुछ महत्वपूर्ण और सरल उपाय बताते हैं। आइए जानते हैं, कैसे आप भी अपने और अपने परिवार की सेहत की समीक्षा कर सकते हैं।

ये हैं वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण
लोकल 18 से बातचीत करते हुए चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. जगदीश रावत ने कहा कि फैक्ट्रियों की चिमनियों से स्केच रसायन और रसायन साइट से मूलत: वायु प्रदूषण होता है। जब श्वसन नली के माध्यम से वजन घटाने तक का चयन किया जाता है, तो इसका प्रभाव केवल गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं पर ही पड़ता है, बल्कि बुजुर्गों और सांस की समस्याओं से पीड़ित लोगों पर भी पड़ता है। अगर किसी को कोई भी समस्या न हो तो फिर भी एलर्जी के लक्षण जरूर दिखेंगे।

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ये लक्षण दिखें तो हो जाएं.
डॉ. रावत ने कहा कि स्वस्थ व्यक्ति भी वायु प्रदूषण का शिकार हो सकता है। आंखों में जलन, त्वचा संबंधी रोग, नजला शीतपित्त, सांस की नली में सूजन जैसी रासायनिक उत्पत्ति होती है। ये सब सौर ऊर्जा से बढ़ते हैं। ठंडी हवा हम मुंह या नाक के माध्यम से लेते हैं, जो हमारे फेफड़ों तक पहुंचाई जाती है। शुरुआत में एलर्जी की समस्या हमारे नाक या मुंह से होती है, जैसे- नाक बहना, नाक में दर्द होना, गले में खराश, बुखार आना, खांसी, मोटापे से ग्रस्त बीमारी से ग्रसित रहना इंसान को रात के समय में महसूस होना जैसे आवाज देना प्रमुख लक्षण हैं।

इन उपायों से कम हो सकता है असर
उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी को पहले से कोई बीमारी है जैसे- मोटापा, डर्मेटाइटिस, एलर्जी, तो उन्हें वायु प्रदूषण बढ़ने के दौरान इलाज कराना ही होगा। घर से बाहर सुपरमार्केट समय या भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से पहले मास्क जरूरी है। विटामिन सी से उपकरण क्षमता में वृद्धि होती है। विटामिन सी से भरपूर फल और अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं।

वायु प्रदूषण क्या है?
डॉ. रावत ने बताया कि वायु प्रदूषण तब होता है, जब हवा में हानिकारक पदार्थ मिलते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में गिरावट आती है और यह हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। फ़्लोरिडा के वैगनों से रेज़िए वाले रेज़्यूमे में ज़ाबेथी पार्टिकल्स, कार्बन मोनोऑक्साइड और पार्टिकल ऑक्सफ़ोर्ड मैट्रस होते हैं, जो हवा को साझीदार बनाते हैं। फैक्ट्रियों और फैक्ट्रियों से लेकर व्यवसायियों तक, रेस्तरां और रसायन जैसे कि रेस्तरां, गैसों और कूड़े के कण हवा को जोड़ते हैं।

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।


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